क्या आपको भी बीज की बुवाई के लिए उन्नत विधि (Improved method for sowing seeds) की तलाश है? अगर हां, तो आप एकदम सही जगह आएं हैं. कम ज़मीन में बीज बोना जितना मुश्किल लग रहा है, उतना होता नहीं है. बस शर्त है कि आपको बीज बुवाई की सही तकनीक (Seed sowing technology) के बारे में बता होना चाहिए, इसलिए आज हम आपको बीज बुवाई की उन्नत विधि (What is the advanced method of sowing seeds) के बारे में बताने जा रहे हैं.
बुवाई के तरीके (Methods of Sowing)
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ब्रॉड कास्टिंग
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चौड़ी या लाइन बुवाई
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डिब्लिंग
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प्रत्यारोपण
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रोपण
बीज की बुवाई के लिए ब्रॉड कास्टिंग विधि (Broad casting method for sowing seeds)
ब्रॉड कास्टिंग विधि (Broadcasting) में तैयार खेत में हाथों से बीजों का बिखराव किया जाता है. इसके बाद मिट्टी के साथ बीज के संपर्क के लिए लकड़ी के तख्ते या हैरो के साथ कवर किया जाता है. इस विधि से गेहूं, धान, तिल, मेथी, धनिया आदि फसलें बोई जाती हैं. यह बीज बुवाई का सबसे तेज़ और सस्ता तरीका माना जाता है.
बीज बुवाई के लिए ड्रिलिंग या लाइन विधि (Drilling or Line Method for Sowing Seeds)
यह मोघा, सीड ड्रिल, सीड-कम-फर्टी ड्रिलर या मैकेनिकल सीड ड्रिल जैसे उपकरणों की मदद से मिट्टी में बीज गिराता है और फिर बीजों को लकड़ी के तख्ते या हैरो से ढक दिया जाता है. इस विधि से ज्वार, गेहूं बाजरा आदि फसलें बोई जाती हैं. इस विधि में बीजों को उचित और एक समान गहराई पर रखा जाता है. साथ ही इस विधि में बुवाई उचित नमी स्तर पर की जाती है.
बीज बुवाई के लिए डिबलिंग विधि (Dibbling method for sowing seeds)
डिबलिंग विधि (Dibbling) विधि में दोनों दिशाओं में फसल की आवश्यकता के अनुसार मेकर की सहायता से खेत में बीजों को बोया जाता है. यह डिब्बलर द्वारा मैन्युअल रूप से किया जाता है.
मूंगफली, अरंडी, और कपास जैसी फसलों में इस विधि का पालन किया जाता है. इस विधि से पंक्तियों और पौधों के बीच की उचित दूरी बनी रहती है. इस तरीके में बीज की आवश्यकता अन्य विधि से कम होती है.
बीज की बुवाई के लिए प्रतिरोपण विधि (Transplant method for sowing seeds)
प्रतिरोपण विधि (Transplant) विधि नर्सरी क्यारियों पर पौध उगाना और निर्धारित खेत में पौध की रोपाई का एक तरीका है. इसके लिए नर्सरी क्यारियों पर लगभग 3-5 सप्ताह तक पौध उगाने की अनुमति दी जाती है.
नर्सरी की रोपाई से एक दिन पहले क्यारियों को पानी दिया जाता है ताकि जड़ों को झटका ना लगे. वास्तविक रोपाई से पहले खेत की सिंचाई की जाती है, ताकि पौध जल्दी और जल्दी स्थापित हो जाए. धान, फल, सब्जी, फसल, तंबाकू आदि फसलों में इस विधि का पालन किया जाता है.
बीज बुवाई के लिए रोपण विधि (Planting method for sowing seeds)
इसमें फसलों के वानस्पतिक भाग को रखा जाता है. यह एक तरह की पारंपरिक खेती का तरीका (Traditional farming method) है, जिसे किसान बहुत समय से करते आ रहे हैं. आलू, अदरक, शकरकंद, गन्ना और हल्दी जैसी फसलों के लिए यह विधि उपयुक्त है.
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