1. Home
  2. सम्पादकीय

कृषि क्षेत्र में यंत्रों की आवश्यकता क्यों? जानिए बसंत कुमार से...

कृषि जागरण ने पूरे हर्षों उल्लास के साथ दिल्ली स्थित ऑफिस में 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया. इस मौके पर कृषि जागरण द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि जगत से जुड़े कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं. इस कार्यक्रम में बसंत कुमार ने भी हिस्सा लिया. बसंत कुमार फ़ार्म इक्विपमेंट एंड पावर सोलुफ़ियन बिज़नेस ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Basant Kumar
Basant Kumar

कृषि जागरण ने पूरे हर्षों उल्लास के साथ दिल्ली स्थित ऑफिस में  23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया. इस मौके पर कृषि जागरण द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि जगत से जुड़े कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं. इस कार्यक्रम में बसंत कुमार ने भी हिस्सा लिया. बसंत कुमार फ़ार्म इक्विपमेंट एंड पावर सोलुफ़ियन बिज़नेस ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.

बता दें कि हर साल देशभर में 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी की जयंती को किसान दिवस (National Farmers Day) के रूप में मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि देश के किसानों को बसंत कुमार ने क्या संदेश दिया है?

कृषि क्षेत्र में यंत्रों की आवश्यकता

आपको बता दें कि किसान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड के प्रधान संपादक एम.सी. डॉमिनिक के संबोधन से शुरू हुआ. इस संबोधन में बसंत कुमार ने बताया कि कृषि क्षेत्र में कृषि यंत्र की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? उनका कहना है कि अभी तक किसान परंपरागत खेती कर रहे थे, लेकिन अब किसानों को कृषि यंत्र की आवश्यकता पड़ रही है. इसका पहला कारण है कि आज के समय में दिन पर दिन किसानों के पास खेती की जमीन कम हो रही है और जनसंख्या इतनी बढ़ रही है. यही वजह है कि आज किसानों को उपज बढ़ाने की आवश्यकता है. दूसरा कारण है कि जनधन की आवश्यकता और वृद्धि. तीसरा कारण है मजदूरों की कमी और चौथा कारण है प्रोडक्टिविटी की कमी. इन सभी कारण को देखते हुए हम कृषि यंत्रों पर कार्य करते हैं.

मझोले किसानों के लिए वरदान है खेती

उनका कहना है कि कोरोना काल में भी किसान भाईयों ने खेती की है और देश की अर्थव्यवस्था को बचाकर रखा है. गौरतलब है कि बहुत से परिवारों का पालन-पोषण कृषि की वजह से हो रहा है. आज कम से कम 70 प्रतिशत मझोले किसान हैं, जिनकी जमीन का रकबा एक हेक्टेयर से भी कम है. उन्हें इतनी ही जमीन से खेती करके परिवार का पालन-पोषण करना होता है. कोरोना काल में कई मजदूरों ने घर वापस आकर खेती करना ही शुरू कर दिया है. ऐसे में किसानों की चाहिए कि कम जमीन में भी फसल की अच्छी उपज कैसे लें. इसके अलावा किसान चाहते हैं कि खेती की जटिलता में कमी हो. बता दें कि फ़ार्म इक्विपमेंट एंड पावर सोलुफ़ियन बिज़नेस ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड किसानों की इन्हीं समस्याओं के ध्यान में रखकर कार्य कर रही है.

किसान दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम में बसंत कुमार को देखने और सुनने के लिए लिंक https://www.facebook.com/krishi.jagran/videos/426071718517861 पर विजिट करें.

English Summary: Why the need of machinery in agriculture? Published on: 28 December 2020, 05:18 IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News