भारत एक कृषि प्रधान देश है. भूख मिटाने के लिए कृषि ही एक ऐसा साधन है, जिसमें गेहूं, चावल और दाल दुनिया में कृषि उत्पादों में अपनी खासी पहचान बना रखी है. सुबह से शाम तक तीन हिस्सों में बंटी को किसान और कृषि ही पूरा करते हैं. पौष्टिक और स्वस्थ कारक आहार हमेशा से ही मानव के लिए उत्तम माने गए हैं. पौष्टिक और स्वास्थ्य सुरक्षित आहार की पैरवी करते हुए यूनाइट्स नेशन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ने साल 2021 को फलों और सब्जियों (Fruits And Vegetables) का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है.
मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए फल और सब्जी की जरूरत पर बल देते हुए एफ ऐ ओ के महानिदेशक ने 2021 में फल एवं सब्जी को स्वस्थ के लिए खाद्य सुरक्षा में बड़ी भूमिका को देखते हुए
इसके प्रचार और प्रसार को बढ़ाने के लिए भी कहा है. फल और सब्जी, फूल और औषधीय पौधे बागवानी के उत्पाद हैं, बागवानी यानि "हॉर्टिकल्चर” जिसमें हीड्रोपोनिक्स और नियंत्रित ताप में विशेष प्रकार की सब्जी जैसे कि टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, का उत्पादन पूरे वर्ष में किया जा सकता है.
हॉर्टिकल्चर की विशेषताओं पर बात करते हुए कृषि जागरण ने इंस्टिट्यूट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ आर एस कुरील से बात की. डॉ कुरील ने बागवानी की विशेषता बताते हुए कृषि में उत्पादकता वाले जमीन कम होने के मद्देनजर हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे में बताया. इस तकनीक के जरिए बिना मिट्टी के भी बागवानी की जा सकती है. इसके अलावा उन्होंने हॉर्टिकल्चर इंस्टिट्यूट को एक विश्वविद्यालय में तब्दील करने की मुहीम का जिक्र करते हुए हॉर्टिकल्चर को कृषि से बेहतर विकल्प के तौर पर देखते हुए भविष्य में हॉर्टिकल्चर को कृषि से बेहतर मानते हुए छात्रों, गृहणियों जो की छत पर बागवानी करने में रूचि रखते हैं के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और ee-कोर्स की वकालत भी की है.
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