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किसानों की आय दोगुनी होगी कब तक?

17 सितंबर 2020 को लोकसभा में कृषक उपज व्याापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 पास हो गया. इसके विरोध में कई स्वर उठे. केंद्र सरकार में मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमत कौर ने विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए मंत्री पद से इस्तीफा तक दे दिया. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह विधेयक तीन 'काले' अध्यादेश किसान-खेतिहर मजदूर पर घातक प्रहार है

अभिषेक सिंह
अभिषेक सिंह
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17 सितंबर 2020 को लोकसभा में कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 पास हो गया. इसके विरोध में कई स्वर उठे. केंद्र सरकार में मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमत कौर ने विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए मंत्री पद से इस्तीफा तक दे दिया. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह विधेयक तीन 'काले' अध्यादेश किसान-खेतिहर मजदूर पर घातक प्रहार है, ताकि न तो उन्हें MSP का हक मिले और मजबूरी में किसान अपनी जमीन पूंजीपतियों को बेच दें. इन सब के बीच सरकार इस विधेयक को किसानों के हित में बता रही है. सरकार का कहना है कि इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न मंचों से कई बार किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की बात कह चुके हैं. लेकिन सरकार के अब तक नीतियों से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होती नहीं दिख रही है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वार्षिक कृषि विकास दर 14.86 फीसदी होनी चाहिए. बता दें कि भारतीय कृषि के इतिहास में कभी भी किसी वर्ष में ऐसी कृषि वृद्धि दर हासिल नहीं हुई है. अगर हम पिछले तीन वर्षों में कृषि विकास दर की बात करें, तो 2016-17 में 6.3 फीसदी, 2017-18 में 5.0 फीसदी और 2018-19 में 2.9 फीसदी रही.

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वर्तमान स्थिति

हाशिए पर खड़े किसान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. तमाम आंदोलनों के जरिए किसानों ने अपनी आवाज तो उठाई. लेकिन सरकार के कानों तक जाते-जाते उनकी आवाज दब गई. याद कीजिए साल 2017 जब तमिलनाडु के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति भवन के पास निर्वस्त्र होकर विरोध जताया था. क्या इस देश में किसानों को अपनी हक की आवाज उठाने के लिए निर्वस्त्र होना पड़ेगा? यह तो कहीं से भी उचित नहीं है. भारत में किसानों की वर्तमान स्थित ये है कि किसान कर्ज के बोझ तले दबा है. ऊपर से उसे टैक्स भी चुकाना पड़ता है. किसान सम्मान निधि भी खुछ खास मदद नहीं कर पा रही है. इसकी वजह यह है कि खेतों की जुताई और बीजों की कीमतें घटने के बजाए बढ़ती जा रही हैं. अगर किसान के पास एक ट्रैक्टर है, तो उसे ट्र्रैक्टर के टायर बदलने पर अधिक जीएसटी देना पड़ता है. यह हर किसान के बस की बात नहीं है.

कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी?

अगर 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाती है, तो यह मिल का पत्थर साबित होगा. किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी और किस्मों के माध्यम से उत्पादकता को बढ़ाना आवश्यक है. गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक, सिंचाई और रसायनों को भी बढ़ना होगा. किसानों की आय दोगुनी और भारत में कृषि को बचाए रखने के लिए फसलों को लाभकारी कीमतों और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देना जरूरी है. अगर किसान कोई कृषि यंत्र खरीदता है या अपने ट्रैक्टर का टायर ही क्यों ना बदलवाता है, तो उसपर जीएसटी कम लगना चाहिए.

सरकार के पास अब विकल्प क्या?

सरकार के पास दो विकल्प मौजूद है. एक तो यह कि वह स्वीकार करे कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी नहीं कर सकती है. वहीं, दूसरा कि व्यापक तौर पर योजना बनाए और लक्ष्य तय कर काम को आगे बढ़ाते चले. केंद्र सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार 2020-21 वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच भारत की विकास दर में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. अगर कृषि में व्यापक तौर पर सुधार होता है और हम इसे लाभकारी बनाने में सफल होते हैं, तो भारत में चल रही आर्थिक मंदी को आर्थिक सुधारों में बदला जा सकता है.

English Summary: When will farmers get Double income Published on: 19 September 2020, 07:27 IST

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