हम मानव सभ्यता के एक ऐसे समय में आ गए हैं जहाँ सभ्यता में कच्चे माल और संसाधन अधिक दुर्लभ होते जा रहे हैं, कुछ चुनौतियां जो कभी कल्पना से परे थी जैसे प्रदूषण, उत्सर्जन में वृद्धि, मिट्टी की गिरावट और पानी की कमी वो आज एक स्थायी समस्या बनती जा रही है। विकासशील देशों में अधिकांश किसान परिवार ग्रामीण इलाकों में रहते हैं वो प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण कृषि सहायता सेवाओं से अपरिचित हैं जोकि कृषि गतिविधियों को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं।
लेकिन इस परिदृश्य में हमारे पास दुनियाभर में 4 जी मोबाइल नेटवर्क का भी महत्व है। यद्यपि कृषि और मोबाइल टेक्नोलॉजी का ऊपरी सतह पर कोई जुड़ाव नहीं दिखता है लेकिन भीतरी तौर पर बढ़ती हुई मात्रा यह प्रमाणित करती है कि मोबाइल और क्लाउड आधारित अनुप्रयोगों का उपयोग करना न केवल इन स्थिर चुनौतियों का समाधान करता है बल्कि बड़े पैमाने पर कृषि आधारित कंपनियों और छोटे-छोटे किसान के लिए वित्तीय मूल्य भी बनाता है ऐसे मोबाइल प्रौद्योगिकी और पोर्टेबल वायरलेस डिवाइसों की शुरूआत ने विकसित और विकासशील दोनों देशों में कृषि श्रृंखलाओं के भीतर उपयोग किए जाने वाले परिवर्तनात्माक सेवाओं और अनुप्रयोगों के निर्माण को प्रेरित किया है।
इन दोनों बाजारों में इन प्रौद्योगिकियों के उपयोग लेने की प्रकृति से बदलाव भी दिखता है। विस्तार और सलाहकार सेवाएं छोटे-छोटे किसानों के लिए प्रासंगिक हैं, जो विकासशील देशों में कृषि और खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं के आधार बहुत है विकसित देशों में, मशीनीकरण अधिक उन्नत है और कृषि श्रम बल काफी कम है. वही जहां विकासशील देशों में कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा कृषि में कार्यरत है सामान्यतः वह उत्पादकों और व्यापारियों को सेवाएं देने के लिए मोबाइल तकनीक का अधिक उपयोग किया जाता है। आज के दौर में मोबाइल एप्लिकेशन ने भी उन्नत कृषि तकनीकों की मूल्य श्रृंखला में अपना नाम सबसे ऊपर जोड़ लिया है कृषि मोबाइल प्रौद्योगिकी में बाजार की जानकारी शामिल होती है जैसे व्यापारिक सुविधाएं, मौसम संबंधी जानकारी, पीअर-टू-पीयर लर्निंग और वित्तीय सेवाओं जैसे भुगतान, ऋण और बीमा आदि जो किसानो को कृषि से जुड़े लाभ देने में सहायक होती है, क्लाउड कंप्यूटिंग, आईटी सिस्टम, ऑनलाइन शिक्षा और मोबाइल फोन के प्रसार की मदद से सबसे गरीब समुदायों के किसानों को कृषि संबंधी जानकारी फैलाना आसान हो गया है। ऐसे संपर्क और सूचना प्रवाह का एक लाभ यह है कि यह किसानों को बेहतर भूमि प्रबंधन निर्णय लेने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, यह फसल के रोपण हेतु बेहतर योजना के लिए मौसम की स्थिति के साथ संयोजन में मिट्टी की स्थिति की निगरानी भी कर सकता है। इसी प्रकार, भौगोलिक सूचना प्रणाली का कीटनाशक और पशु रोगों पर पूर्व-प्रभावी जानकारी प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि किसान पूर्व जानकारी के अनुसार निवारक उपायों का प्रबंध कर सके।
विशेष रूप से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका के साथ किसानों को समय पर उनकी आवश्यक जानकारी के साथ जोड़ने के लिए पिछले दशक में बहुत अधिक ध्यान दिया गया है। मोबाइल और क्लाउड कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके उर्वरक, बीज और पानी का अनुकूल उपयोग भी किया जा सकता है। यह खपत को कम करते हुए किसानों को पैसे बचाने में मदद करता है। ये एप्लिकेशन दुनिया भर के कृषि उत्पादकों से कनेक्ट करते हैं और भावी पीढ़ियों के लिए अपने संसाधनों की सुरक्षा करते हुए उन्हें अपनी भूमि की उत्पादकता को अधिकतम करने के तरीके के बारे में साझा ज्ञान प्रदान करते हैं। इस तरह से साझा ज्ञान अधिक महत्वपूर्ण हो रहा है क्योंकि कृषि उत्पादक पर बढ़ते आबादी के लिए भोजन, फाइबर और ईंधन की जरूरतों को पूरा करने का भार है. कृषि में आईसीटी के सबसे अधिक लाभकारी पहलुओं में से एक वास्तविक समय की मूल्य-निर्धारण की जानकारी है यह पहलु किसानों को यह तय करने में मदद करता है कि उन्हें अपने उत्पाद का भडारण करना है या बेचना है यह उन्हें बेहतर फसल की पहचान करने, उसकी रुपए के विभिन संसधानों के उपयोग आदि के बारे में बताता है मोबाइल सन्देश के रजिस्ट्रेशन द्वारा किसान यह जानकारी जैसे फसल की कीमतों, फसल की खेती और मौसम पर स्थानीय जानकारी भी प्राप्त कर सकता है।
कृषि मोबाइल ऐप किसानो के लिए क्षेत्रीय भाषा में बनाये जाते हैं जो साक्षरता मिटाने के लिए और जानकारी को सबसे आसान तरीके से वितरित करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। मोबाइल लैस फील्ड एजेंटों की मदद से सूचना प्रौद्योगिकी उपग्रह डेटा और खेती संबंधी डेटा का आकलन करने में मदद करता है जिससे जलवायु संवेदनशील कीटों और बीमारियों से खतरों का अनुमान लगाया जा सकता है। छोटे-छोटे व्यवसाय वाले किसान लाभ कमाने के लिए नही बल्कि अपने परिवार को खिलाने के लिए खेती करता है वो जलवायु परिवर्तन और अन्य कृषि के जोखिम से बहुत अधिक प्रभावित होता है ऐसे किसानो को कम लागत वाली बेहतर रणनीतियों की आवश्यकता है। इंटरनेट और सेल फोन प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में होने वाली प्रगति ने अनावश्यक खर्चो और पारम्परिक खेती में प्रोद्योकियो का उपयोग करने में काफी सहायता की है। आईसीटी कनेक्टिविटी और सूचना प्रवाह हासिल कर सकती है जो कृषि में काफी सहायक हो सकता है कृषि में आईसीटी के व्यापक लाभ यह हैं कि यह परिवहन के खर्चे, लेनदेन के हिसाब और भ्रष्टाचार को कम कर देता है। यह उत्पाद ट्रेसेबिलिटी, बीमारी वह कीट ट्रैकिंग, और भंडारण के बारे में पूर्व अवगत कर सकता है।
आईसीटी के उपयोग से किसानों को
(1) समय पर और प्रासंगिक जानकारी प्रदान करना
(2) क्रेडिट तक पहुंच और
(3) उच्च दामों से वैश्विक बाजार में बेचना, आदि से कृषि उत्पादकता में सुधार करने में सक्षम है।
अनुसंधान अध्ययनों से पता चलता है कि ट्रेसेबिलिटी डेटा न केवल खाद्य से जुड़े नुकसान को प्रबंधित करने में मदद करता है, बल्कि समग्र व्यापार प्रदर्शन को भी बढ़ावा देता है। विकासशील देशों में कृषि के लिए आईसीटी का उपयोग, दक्षता स्तर बढ़ा सकता हैं और खेती के पर्यावरणीय प्रभाव को कम कर सकता हैं
कृषि विस्तार (कृषि सलाहकार सेवाओं के रूप में भी जाना जाता है) भी कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने, खाद्य सुरक्षा में वृद्धि, ग्रामीण आजीविका में सुधार और कृषि को आर्थिक विकास में बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विस्तार सेवाओं में आम तौर पर लागू प्रौद्योगिकियां:
रेडियो और टेलीविजन - कई ग्रामीण किसानों की संचार तकनीकों तक सीमित पहुंच है, जबकि 70 प्रतिशत ग्रामीण घरों में रेडियो की पहुंच है इसका एक कारण यह भी है की छोटे पैमाने पर किसान अक्सर दूर दर्ज के ग्रामीण इलाकों में स्थित होते है ऐसे इलाको में रेडियो अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
कृषि विस्तार में रेडियो और टेलीविजन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो आज सतत जारी है इन मुख्य सेवाओं के संपर्क से किसानों को कई लाभ भी मिल रहे है। कृषि और खेती से जुड़े रेडियो चैनल के विभिन्न प्रसारणों ने भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है किसान रेडियो प्रशनोत्तरी और में भाग लेके और अन्य सहभागिता रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि उत्पादन से जुड़े नए पहलुओं की आवश्यक जानकारी भी प्राप्त कर सकता है
मोबाइल - दुनिया के मोबाइल फोन उपभोक्ताओं में से लगभग 70 प्रतिशत विकासशील दुनिया में हैं। यह संचार के एक किफायती और सुलभ माध्यम हैं ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक नेटवर्क को मजबूत करने के साथ यह कृषि से सम्बंधित जानकारी लेने का माध्यम भी बन रहा है । मोबाइल टेलीफोन अब सिर्फ एक ऑडियो सूचनाएं देने तक सिमित नहीं रह गया ह अपितु इससे विडिओ मैसेज भी प्राप्त होते है.
मोबाइल टेलीफोन कुछ अद्वितीय अवसर प्रदान करता है, जिनमें निम्न शामिल हैं:
ग्रामीण समुदायों को प्रत्यक्ष वैश्विक संचार चैनल प्रदान करना
ग्रामीण रेडियो जैसे स्थापित ग्रामीण मीडिया के प्रभाव को विस्तारित करना
स्थानीय सामग्री उपलब्ध करा रही है
ग्रामीण सेवाओं को और अधिक कुशल बनाना
समन्वय
इंटरएक्टिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग - सम्बंधित वैज्ञानिक से सूचना लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा का उपयोग किया जाता है किसान कृषि से सम्बंधित परेशानियों को विस्तार से समझाकर इसका उपाय प्राप्त कर सकता है इंटरएक्टिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा की सुविधा गांव के कृषि विज्ञानं केंद्र पर उपलब्ध है.
मोबाइल इंटरनेट - स्मार्ट फोन सेवा के माध्यम से जानकारी प्राप्त व दि जाती है जैसे कृषि व्यवसाय मूल्य जानकारी, ई-समाचार, आदि
वेब पोर्टल - वेब पोर्टल प्रासंगिक वेबसाइटों का संग्रह होस्ट करने वाला मंच है। यह एक महत्वपूर्ण और तेज सूचना प्रसार चैनल है। प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी संख्या में वेबसाइटें विकसित की जाती हैं। वेब पोर्टल बड़ी संख्या में लिंक की गई साइटों के साथ बनाया गया है। सभी वेबसाइटें एकीकृत शैलियों, मानकों और विनियमों का पालन करती हैं। वेब पोर्टलों की स्थापना सूचना संसाधनों के साझाकरण और उपयोग को बढ़ावा देती है, समग्र निवेश और रखरखाव लागत को कम करती है, और सेवा कवरेज और साइट विजिट में वृद्धि करती है।
कृषि विस्तार सेवाओं को विशिष्ट विस्तार की भूमिकाओं के रूप में परिभाषित किया गया है जैसे.
कृषको और कृषि समुदायों में प्रौद्योगिकियों से जुड़े पहलुओ में सुधार
हाई टेक उत्पादन प्रणाली का उपयोग जो ग्रामीण आजीविका में सुधार कर सकें और संसाधन आधार को बनाए रख सकें
ग्रामीण समुदायों की कृषि और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में सुधार करें
किसानों के लिए उत्पादकता और आजीविका में सुधार
एक स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि
किसानों के उत्पादन में वृद्धि
कृषि उद्यम में दक्षता के उच्च स्तर प्राप्त करने में टेक्नोलॉजी और संचार का उपयोग
खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आजीविका में सुधार करें.
निष्कर्ष
अकेले शोध गरीबी से लाखों लोगों को नहीं उठा सकता है जब तक कि नीतियों, प्रौद्योगिकियों और बाजार के अवसरों का सही मिश्रण न हो। परन्तु उचित समय पर सही जानकारी दे कर किसानो का मार्गदर्शन किया जाये तो निश्चित ही कृषि सम्बंधित परेशानिया कम हो सकती है वैज्ञानिक समय समय पर उन्नत बीजो व कृषि यंत्रो का निर्माण करते है किसानो को उनकी पहुंच तक पहुंचने क लिए संचार माध्यम एक पूल का कार्य करता है कृषि जगत में किया गया शोधो के उचित परिणाम लेने क लिए सुचना और संचार माध्यमो का बहुत बड़ा योगदान है.
(राहुल सिंह चैहान, एस आर अफ कंप्यूटर साइन्स, कृषि विश्वविधालय जोधपुर एवं पूर्वा दय्या, पीएचडी स्कॉलर, एमपीयूएटी उदयपुर)
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