वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत की गई उस समय सरकार ने बहुत बड़ -बड़े दावे किए जिससे किसानों के दिल में एक उम्मीद की किरण जाग गई. यह योजना भी प्रधान मंत्री द्वारा चलाई गई अन्य योजना के भांती असफल रही. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पूरे देश में 37.17 लाख किसानों ने साल 2016-18 तक बीमा करवाया था. इन सभी बीमा धारकों में से केवल 2.09 लाख किसानों को ही इसका लाभ मिल पाया. क्योंकी इस योजना का ज़्यादा लाभ किसानों के वजाय बीमा कंपनियों को ज़्यादा मुनाफ़ा मिला. जिसके आकड़े निम्न है.
प्रधान मंत्री फसल बिमा योजना की हकीकत (बीमाधारकों की संख्या, प्रीमियम, क्लेम और कंपनियों का मुनाफा, वर्ष 2016-2018 तक
फसल/वर्ष |
बीमाधारी किसान (करोड़ में) |
कंपनियों की प्रीमियम मिला (करोड़ में) |
किसानों को क्लेम दिया (करोड़ में) |
कंपनियों का मुनाफा (करोड़ में) |
वर्ष 2014-2015 |
3.71 |
4,946 |
7,894 |
(-) 2,903 |
वर्ष 2015-2016 |
4.86 |
5,614 |
21,608 |
(-) 15,994 |
खरीफ 2016 |
4.02 |
16,601 |
10,411 |
5,852 |
रबी 2017 |
1.69 |
5,873 |
5,091 |
450 |
वर्ष 2016-2017 |
5.71 |
22,475 |
15,502 |
6,302 |
खरीफ 2017 |
3.73 |
19,381 |
15,948 |
4,078 |
रबी 2018 |
1.52 |
5,227 |
उपलब्ध नहीं |
उपलब्ध नहीं |
वर्ष 2017-2018 |
5.26 |
24,608 |
15,948 |
3,433 |
ग्राफ में (-) का मतलब है मुनाफ़े की जगह घाटास्त्रोत: कृषि मंत्रालय द्वारा यह सभी आंकड़े 13 जुलाई 2018 को इस योजना के मूलयांकन की प्रस्तुति ' Review of Performance of PMFBY' से लिए गये है.
मनीशा शर्मा, कृषि जागरण
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