कोरोना महामारी (Corona epidemic) के बीच बहुत से लोगों को आर्थिक परेशानियों (Financial troubles) का सामना करना पड़ा. इनमें से बहुत से ऐसे भी हैं जिन्होंने पहले से लोन ले रखा है या लॉकडाउन (Lockdown) के बीच लोन लिया है. लेकिन सैलरी (Salary) समय से नहीं आने या नौकरी (job) छूट जाने की वजह से कई तरह की दिक्कतें आ रही है. ऐसे लोगों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि अगर लोन की किस्त समय से चुकाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है तो क्या विकल्प हैं. तो देर ना करते हुए कर लेते हैं मुद्दे की बात.
EMI चुकाने में देरी पर लगेगी इतनी पेनाल्टी
चाहे घर के लिए लोन (Home loan) लिया हो या किसी और वजह से, कई बार इंसान समय से किस्त जमा नहीं कर पाता है या किस्त भरने में चूक हो जाती है. डर लगा रहता है कि कहीं पेनाल्टी (Penalty) ना लग जाए. सरकारी बैंक जहां एक किस्त पर 500 रुपए तक की पेनाल्टी लगाते हैं, वहीं प्राइवेट बैंकों में ये राशि 1000 रुपए तक हो सकती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
विशेषज्ञों की माने तो कर्ज चुकाने में देरी होने पर बैंक किसी तरह की जोर जबर्दस्ती नहीं कर सकता है और ना ही धमका सकता है. उन्हें सिर्फ इतना अधिकार है कि वे ग्राहक के घर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच जाकर मिल सकते हैं, लेकिन ग्राहकों से बदसलूकी नहीं कर सकते. अगर आपके साथ कोई दुर्व्यवहार हो रहा है तो बैंक मैनेजर से जाकर शिकायत कर सकते हैं. कई बार ऐसा होता है कि बैंक आपकी नहीं सुनता है तो आप सुनवाई के लिए बैंकिंग ओंबड्समैन (Banking ombudsman) का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
आपको बता दें कि लोन कुछ महीनों के लिए नहीं बल्कि एक लंबी अवधि के लिए होता है. अगर आप किसी परेशानी की वजह से लोन समय पर चुकाने में असमर्थ हैं तो कुछ जरूरी कदम उठा सकते हो. अगर आपकी किस्त बाउंस हो जाती है तो लोन देने वाले बैंक में जाएं और मैनेजर से बात करें. आमतौर पर मैनेजर अगली किस्त ध्यान से चुकाने की सलाह देगा, यदि दिक्कत बड़ी है तो आप कुछ महीने के लिए मासिक किस्त होल्ड करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. बाद में पैसों की दिक्कत खत्म होने पर आप रकम चुका सकते हैं. हालांकि इसके लिए काफी हद तक मैनेजर को मनाने की जरूरत पड़ेगी.
इसके अलावा ग्राहकों के पास कई ऐसे अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल लोन चुकाने में देरी होने पर किया जा सकता है. अधिकारों के बारे में जानने से पहले आपको बताते हैं कि अगर आप समय से लोन की किस्त चुकाने में असमर्थ है तो क्या विकल्प अपना सकते हैं.
बैंक लोन की किस्त चुकाने में है दिक्कत तो जाने ये मुख्य प्वाइंट
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किस्त (ईएमआई) चुकाने के दो तरीके हो सकते हैं. पहला तरीका है एडवांस और दूसरा तरकी है एरियर. गौरतलब है कि अमूमन लोन धारक एडवांस EMI जमा करते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर आप एरियर ईएमआई भी भर सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपकी EMI महीने की शुरूआत में होती है तो इसे एडवांस EMI कहते हैं. अगर किस्त महीने के अंत में चुकाते हैं तो इसे एरियर EMI कहते हैं.
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लोन लेते समय बैंक के सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें, बिना पूरी तरह समझे हस्ताक्षर ना करें.
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EMI फॉर्म पर साइन करने से पहले जांच लें कि ट्रांसफर कब शुरू होना है और कितनी किस्तें जाएगी.
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होम लोन लेने से पहले बिल्डर के जमीन के दस्तावेज जरूर देखें, कोई कमी होने पर बैंक बीच में ही लोन बंद कर सकता है और जितनी रकम बैंक ने दे दी है, उसका भुगतान आपको करना होगा.
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अगर लोन नहीं चुकाने या मासिक क़िस्त बाउंस होने को लेकर बैंक से कोई नोटिस आया है तो बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. कई बार बैंक अधिकारी आपकी नीयत समझना चाहते हैं.
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अगर आप किसी बड़ी दिक्कत में फंसे हैं तो नोटिस आने के बाद आपके पास लोन चुकाने के लिए 60 दिन का समय होता है.
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अगर आप नोटिस के 60 दिन बाद भी किस्त नहीं दे पाते हैं तो आपके पास बैंक का दूसरा नया नोटिस आएगा
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नोटिस मिलने के बाद आप बैंक मैनेजर से जाकर बात कर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं, ध्यान रहे कि आप डर कर छिपने या बचने की कोशिश ना करें. आपकी आपत्ति दर्ज होने के बाद बैंक आपको 7 वर्किंग दिनों के बाद जवाब देगा.
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दूसरे नोटिस की समय सीमा 30 दिन की होगी. इसके बाद भी लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो बैंक आपके ऊपर सरफेसी एक्ट ((SARFAESI) के तहत प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.
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सरफेसी एक्ट ((SARFAESI) का मतलब या फुल फॉर्म बैंक सिक्योरिटाइजेशन एंड रिस्कंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट्स है. इसके तहत बैंक या फाइनेंस कंपनियां कर्ज वसूली के लिए कार्रवाई करती हैं.
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जिस बैंक से आपने लोन लिया है उसकी ब्याज दर ज्यादा है तो आपके पास विकल्प है कि आप दूसरे बैंक या फाइनेंस कंपनी में जो पहले से कम ब्याज लेता है उसके के लिए रीफाइनेंसिंग भी करा सकते हैं.
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लेकिन सबसे अच्छा तो ये होगा कि आप समय से लोन चुकाते रहें इससे आपका सिबिल स्कोर अच्छा बना रहता है. सिबिल स्कोर अच्छा होने पर बैंक आपको कई तरह के ऑफर देता है और आगे कोई दिक्कत नहीं होती.
अपने अधिकारों को पहचानें
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ओपको बता दें कि लोन वसूलने के लिए बैंक रिकवरी एजेंटों की सेवाएं (Recovery Agent) ले सकते हैं. लेकिन उनकी भी कुछ हदें होती हैं. किसी भी बैंक को ग्राहक को धमकाने का अधिकार नहीं है.
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एक्सपर्ट के मुताबिक कर्ज देने वालों बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को कर्ज वसूली के लिए कई तरह की उचित प्रक्रिया अपनानी होती है. सिक्योर्ड लोन के मामले में उन्हें गिरवी रखे गए एसेट को कानूनन जब्त करने का अधिकार है. लेकिन बिना नोटिस दिए बैंक ऐसा नहीं कर सकते.
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