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IPI ने पॉलीहैलाइट उर्वरक के उपयोग से सब्जियों की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने पर वेबिनार किया आयोजित

अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान (आईपीआई) ने कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर पॉलीहैलाइट उर्वरक के उपयोग से भारत में सब्जियों के उत्पादन, उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के बारे में लाइव चर्चा की. जिसमें डॉ. आदि पेरेलमैन इंडिया कॉर्डिनेटर, अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान और डॉ. पी.पी महेंद्रन, मृदा वैज्ञानिक, फसल प्रबंधन कृषि कॉलेज और अनुसंधान संस्थान तमिलनाडु शामिल थे.

स्वाति राव
IPI
Keynote speakers - Dr. Adi Perelman, Coordinator of India, International Potash Institute and Dr. P.P Mahendran, Soil Scientist, Crop Management Agriculture College and Research Institute of Tamil Nadu.

अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान (आईपीआई) ने कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर पॉलीहैलाइट उर्वरक के उपयोग से भारत में सब्जियों के उत्पादन, उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के बारे में लाइव चर्चा की. जिसमें  डॉ. आदि पेरेलमैन इंडिया कॉर्डिनेटर, अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान और डॉ. पी.पी महेंद्रन, मृदा वैज्ञानिक, फसल प्रबंधन कृषि कॉलेज और अनुसंधान संस्थान तमिलनाडु शामिल थे.

यह चर्चा तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान के सहयोग से किए गए एक शोध पर आधारित थी. इस शोध में बहुपोषक संवाहक - पॉलीहैलाइट भारत की निम्न आधारीय मृदा में सब्जियों की वृद्धि, उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रभावकारी है, यह अध्ययन किया गया है.  

डॉ. महेंद्रन ने भारतीय परिस्थितियों में खेती करने के लिए  पॉलीहैलाइट के महत्व को समझाते हुए बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारतीय अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है. देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के  भरण-पोषण के लिए फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता  में सुधार करने की आवश्यकता है.और इस हेतू पॉलीहैलाइट उर्वरक बहुत लाभकारी है.

A still from the live discussion.
A still from the live discussion.

डॉ. महेन्द्रन ने लाइव कार्यक्रम में इस विषय पर ज्ञानवर्धक जानकारी देने के साथ ही लाइव कार्यक्रम में जुड़े दर्शकों के सवालों के ज़वाब भी दिए. यह विशेष चर्चा आप कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर विजिट कर देख सकते हैं.

क्या है पॉलीहैलाइट- (what is polyhalite)

समुद्र की गहराई में 260 मिलियन वर्ष पहले से जमा चट्टाने, जो इंग्लैंड के उत्तर-पूर्वी समुद्र तट पर सतह से 1200 मीटर गहराई में पायी गयी हैं वह है पॉलीहैलाइट. साथ ही पॉलीहैलाइट एक क्रिस्टल भी है, जिसके सभी घटक एक अनुपात में धीरे धीरे रिलीज़ होते हैं. हालांकि, घुलने के बाद प्रत्येक पोषक तत्व मिट्टी के साथ अलग तरह से प्रतिक्रिया करते हैं. पॉलीहैलाइट से फसलों में होने वाली सल्फर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूर्ण किया जा सकता है. सस्थ ही यह उर्वरक इन पोषक तत्वों की कमी को भी दूर करता है .

पॉलीहैलाइट में पोषक तत्वों का संघटन– (Nutrient composition in polyhalite)

  • 46% SO3 (सल्फर ट्रायऑक्साइड) सल्फर का उत्कृष्ट स्रोत है और इसकी मृदा में लगातार उपलब्धता से अन्य पोषक तत्वों जैसे N और P की प्रभावकारिता में सुधार आता है.

  • 13.5% K2O (डाई पोटैशियम ऑक्साइड) पौध की वृद्धि के लिए आवश्यक है.

  • 5.5 % MgO (मैग्नीशियम ऑक्साइड) प्रकाश संश्लेषण के लिए ज़रुरी है.

  • 16.5 % CaO (कैल्शियम ऑक्साइड) कोशिका विभाजन और मजबूत कोशिका भित्ति के लिए आवश्यक तत्व है.

पॉलीहैलाइट के लाभ- (Benefits of using polyhalite)

पॉलीहैलाइट एक प्राकृतिक खनिज है, चार प्रमुख पोषक तत्व, पोटैशियम, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम इसमें पाए जाते हैं. पानी में धीमे घुलने के कारण यह  मृदा में पोषक तत्वों को धीरे-धीरे छोड़ता है, इसलिए ये पोषक तत्व मृदा में लंबे समय तक उपलब्ध रहते हैं.

An awareness meetings for the farmers to highlight how Polyhalite can enhance the yield and quality of their produce.
An awareness meetings for the farmers to highlight how Polyhalite can enhance the yield and quality of their produce.

शोध के बारे में-  (About research)

यह शोध निम्न आधार स्थिति वाली मिट्टी में सब्जियों की वृद्धि, उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पॉलीहैलाइट के उपयोग के प्रभावों का परीक्षण करने के लिए आयोजित किया गया था.जिसमें तीन प्रमुख फसलों टमाटर, प्याज और क्लस्टर बीन्स पर 5 परीक्षणों का अध्ययन किया गया है.  विभिन्न स्थानों पर टमाटर और प्याज पर 2 क्षेत्र प्रयोग किए गए, जिसके परिणाम 2 वर्षों में दर्ज किए गए है . क्लस्टर बीन्स पर एक अन्य क्षेत्र प्रयोग किया गया है.

टमाटर पर क्षेत्र प्रयोगों के परिणाम–(Results of field experiments on tomato)

  • इस शोध में टमाटर की पौधे की ऊंचाई, शाखाओं की संख्या, प्रति क्लस्टर फूलों की संख्या और टमाटर के पौधे की उपज पर ग्रेडेड स्तर और पोटेशियम और माध्यमिक पोषक तत्वों के स्रोतों के प्रभाव का अध्ययन किया गया है

  • इस अध्ययन में पाया गया है कि पॉलीहैलाइट पौधों की वृद्धि और पुष्पन लक्षणों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है. इसके साथ ही टमाटर की उपज विशेषताएँ जैसे प्रति पौधे फलों की संख्या, अलग-अलग फलों का वजन, फलों का व्यास और टमाटर के फल की लंबाई पॉलीहैलाइट से अनुकूल रूप से प्रभावित थी.

  • टमाटर के फलों में लाइकोपीन और एस्कॉर्बिक एसिड की मात्रा को बढ़ाने में पॉलीहैलाइट अत्यधिक प्रभावी है.

प्याज के पौधों पर अध्ययन के परिणाम – (Study results on onion plants)

पॉलीहैलाइट में उपस्थित पोटेशियम के कारण प्याज में अधिकतम वृद्धि,  और उपज में बढ़ोतरी देखी गयी साथ ही प्याज के बल्ब में भी अभिवृध्दि देखी गयी.

क्लस्टर बीन्स पर अध्ययन के परिणाम – (Study results on cluster beans)

पॉलीहैलाइट के उपयोग से क्लस्टर बीन्स में शाखाओं की संख्या, कलस्टर/पौधे की संख्या में फली/पौधे की संख्या और फली उपज में वृद्धि पाई गई.

Soil Scientists visit the field.
Soil Scientists visit the field.

इन सभी परिणामों  के आधार यह निष्कर्ष निकला है कि पॉलीहैलाइट के माध्यम से प्याज के माध्यमिक पोषक तत्व सब्जियों  की अच्छी फसल के लिए पोटेशियम बहुत महत्वपूर्ण है और एमओपी के साथ पॉलीहैलाइट सब्जी की उपज और  गुणवत्ता को सुधारने में बहुत उपयोगी उर्वरक साबित होगा. पॉलीहैलाइट मृदा स्वास्थ्य विशेष रूप से मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में अत्यधिक उपयोगी है.

English Summary: Webinar organized on the utility of polyhalite fertilizer Published on: 12 August 2021, 11:57 AM IST

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