भारत के राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) जैव खाद्य उत्पादों, अवयवों की मजबूती दिखाने के लिए तीन दिवसीय प्रदार्नी का आयोजन चल रहा है। बायोफेच इंडिया 2018 (25 से 27 अक्टूबर) बायोफेच का दसवां संस्करण है जो भारत के एक मात्र जैविक मंच है. जो लक्षित दर्शको के साथ देश विदेश की कंपनियों को जोड़ रहा है.
मेसे इंडिया और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के द्वारा सयुक्त रूप से आयोजित किया गया है बायोफेच 2018 में निर्यातकों, प्रसंस्करणकर्ताओं, खुदरा व्यापार श्रृंखला उद्योग, प्रमाणन निकाय और भारत तथा विदेशों के उत्पादकों के 500 से ज़्यदा प्रतिनिधियों ने भाग लिया है. ये सभी प्रतिनिधि व्यापार मेला-सह-प्रदर्शनी में चर्चा तथा चाय, मसाले, शहद, बासमती चावल, कॉफी, अनाज, सूखे फल, सब्जियां, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और औषधीय पौधों के क्षेत्र में भारतीय जैविक उत्पादों बेहतरीन अनुभव महसूस कर रहे है.
आपको बता दे की बायोफेच इंडिया का मुख्य आकर्षण बिदुं एपीडा की ओर से जैविक विषय पर विशेष मंडप से हो रहा है. इसमें वस्तुओं के सीधे प्रदर्शन के साथ बी2बी और बी2एस के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के साथ भारत के जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादकों को प्रत्यक्ष व्यापार का अवसर मिल रहा है. एपीडा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के साथ उत्पादकों को प्रत्यक्ष रुप से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण आयातक देशों के 50 से ज्यादा खरीदारों को आमंत्रित और प्रायोजित किया है.
बायोफेच इण्डिया 2018 कई प्रमुख सगठनो के भागीदारों को आकर्षण आकर्षित किया है जिसमे ब्रह्म अर्पण, एमआरटी ऑर्गेनिक्स, सुमिनर इंडिया ऑर्गेनिक्स, फलादा एग्रो, जस्ट ऑर्गेनिक, रैडिको, मेहरोत्रा उपभोक्ता उत्पाद, कृषि खाद्य, सर्वेश्वर फूड्स, नेचरलैंड कार्बनिक, कल्टीवेटर प्राकृतिक उत्पाद, समृद्धि कार्बनिक फार्म, केजरीवाल मधुमक्खी देखभाल, पूंजीगत उद्यम, कार्बनिक भारत, फिशफा बायोजेनिक, भू-ताजा कार्बनिक, रैपिड ऑर्गेनिक, कसम, ऑर्गेनिक वेलनेस, प्रभात फर्टिलिजर और केमिकल वर्क नीमबर्क कई अन्य ने अपनी भागीदारी ली है खाद्य और पेय पदार्थ के अलावा, यह कार्यक्रम प्राकृतिक देखभाल और कल्याण क्षेत्र, कार्बनिक वस्त्र क्षेत्र, प्रमाणीकरण निकायों के साथ-साथ अग्रणी देश और राज्य बोर्डों सहित सरकारी मंडपों से प्रभावशाली भागीदारी करते है.
प्रभाकर मिश्र,कृषि जागरण
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