खुले बाजार में किसानों को मक्का और सूरजमुखी के दाम संतोषजनक नहीं मिलने के बावजूद उनके उत्पादों के दाम खुले बाजार में कम नहीं होने से उपभोक्ताओं को कोई लाभ नहीं हुआ। फसलों के दाम काफी कम रहने के बावजूद बाजार में इनसे बनने वाली खाद्य वस्तुओं के दाम करीब चार महीने से लगभग वही चल रहे हैं। सूरजमुखी की सरकारी खरीद से किसानों को राहत मिली लेकिन एमएसपी नहीं होने से खुले बाजार में मक्का काफी कम दामों में ही बिका।
पंजाब में सूरजमुखी के दाम 2031 से 2650 रुपये प्रति क्विंटल ही किसानों को मिल रहे हैं लेकिन इससे बनने वाले तेल के भाव 1240 रुपये प्रति 15 लीटर ही चल रहे हैं। पिछले करीब साढ़े तीन महीने में इसके भाव औसतन 1220 रुपये थे। जीएसटी लागू होने के बाद सरचार्ज के रूप में एक चौथाई प्रतिशत की कमी आई है लेकिन दाम 20 रुपये प्रति टीन बढ़ गए हैं। किसानों की सस्ती बिक रही सूरजमुखी से बनने वाले उत्पाद के दाम कम नहीं होने से उपभोक्ता को कोई लाभ नहीं हो पाया। सरकार द्वारा एमएसपी 3950 रुपये की दर से किसानों से यह फसल खरीदी जा रही है। हरियाणा से बाहर के किसान तो अभी भी खुले बाजार में ही सूरजमुखी बेचने को मजबूर हैं। इस सीजन में 14 जुलाई तक शहर मंडी में कुल 32754 क्विंटल सूरजमुखी आवक हुई जिसमें से सरकारी स्तर पर 12881 ¨क्वटल ही खरीद हुई, शेष खुले बाजार में बिकी। गत सीजन में मंडी में कुल 40568 क्विंटल सूरजमुखी की आवक दर्ज की गई थी। प्रदेश की दो मंडियों अंबाला शहर व शाहाबाद में ही सूरजमुखी की सरकारी खरीद हो रही है।
इसी प्रकार किसान को मक्का के दाम अभी भी मात्र 890 से लेकर 1185 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल रहे हैं। इस सीजन तक शहर मंडी में 17639 क्विंटल मक्का की आवक दर्ज की गई है जिसमें से 95 क्विंटल को छोड़कर सारी फसल खुले बाजार में बिक चुकी है। गत पूरे सीजन में मंडी में 23209 क्विंटल मक्का आया था। किसान को मक्का की कीमत 890 रुपये से लेकर 1185 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिल रही है लेकिन लेकिन होलसेल बाजार में मक्का से बनने वाले अरारोट का दाम पिछले चार महीने से 2700 रुपये प्रति क्विंटल बना हुआ है और आटा मक्की का भाव भी 2000-2200 रुपये प्रति क्विंटल ही है। अरारोट के दामों में जीएसटी सात प्रतिशत बढ़ने से करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी ही आई है।
होलसेल करियाना मर्चेंट एसोसिएशन के महासचिव पवन गुप्ता की माने तो करीब चार महीने से ही सूरजमुखी से बनने वाले तेल के दाम लगभग एक ही स्तर पर बने हुए हैं। अरारोट और आटा मक्की के दाम का भी यही हाल है। मंडी में मक्का व सूरजमुखी के दाम काफी कम होने के बावजूद अरारोट के दामों में कोई कमी नहीं है, आटा मक्का की अभी मांग नहीं है लेकिन दाम पुराने स्तर के करीब ही हैं।
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