देश की मंडियों में सरसों को लेकर चहल-पहल लगातार जारी है. बढ़ती महंगाई के बीच मंडियों में सरसों की अगेती फसल आनी शुरू हो गई है. जिसको लेकर आम जनता ने राहत की सांस ली है. शुरुआती सीजन में ही किसानों को सरसों के अच्छे भाव मिल रहे हैं.
सरकार ने वित्तीय वर्ष 22-23 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए तय किया हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 से 400 रुपए अधिक है. इसके उलट किसानों को व्यापारियों से सरसों के एमएसपी से ऊंचे भाव मिल रहे हैं. इससे किसानों में उत्साह दिखाई दे रहा है.
आपको बता दें कि देशभर में इन दिनों बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमरतोड़ रखी है, जिससे आम लोगों की जिंदगी का बजट लगातार बिगड़ता जा रहा है. जहाँ एक ओर पेट्रोल-डीजल की कीमत आसमान छु रही है, तो वहीं दूसरी ओर खाने की सभी चीजों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इससे जेब पर भी भारी असर पड़ रहा है.
लेकिन हम इस बीच हम आपके लिए राहत भरी ख़बर लेकर आए हैं. अगर आप सरसों तेल के खरीदार हैं, तो आपके लिए यह खबर बहुत कीमती साबित होने जा रही है.
हाल ही में सरसों तेल के दाम में थोड़ी नरमी देखी जा रही है, इसलिए सरसों तेल खरीदने का यह सबसे अच्छा मौका है, जिसे आप बिल्कुल हाथ से ना जाने दें. इन दिनों सरसों तेल 168 रुपये प्रति लीटर खूब बिक रहा है, ऐसे में आप बिना समय गवाएं आप इसकी खरीदारी कर सकते हैं. आने वाले दिनों में तेल की कीमत में फिर इजाफा देखने को मिल सकता है. तेल की कीमतों में गिरावट को लेकर पहले भी ख़बर सामने आई थी.
तेल बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, सरसों की नई फसल आने तक दामों में उतार चढ़ाव की स्थिति जारी रहने की संभावना बनी है. सोयाबीन तेल के भाव में तेजी आने का कारण मांग अधिक होना व बाहर से आने वाले कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि होना बताया जा रहा है.
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पिछले 15 दिनों के अंदर यदि तेल की दामों पर नजर डालें, तो 20 जनवरी के पूर्व जो बैल कोल्हू ब्रांड सरसों तेल 163 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिक रहा था. वह अब बढ़कर 168 रुपये पहुंच गया है. इसी तरह फार्चून सरसों तेल 165 से बढ़कर 170 रुपये प्रति लीटर हो गया है.
सोयाबीन तेल भी 134 से बढ़कर 140 रुपये प्रति लीटर जा पहुंचा है. बाजार जानकारों का कहना है कि 15 जनवरी से तेल के भाव में तेजी आनी शुरू हुई. इस बीच तेल के मूल्य में लगातार उतार-चढ़ाव जारी रहा है. बता दें कि अक्टूबर-नवंबर में सरसों व सोयाबीन तेल के भाव में अधिक तेजी थी.
जनवरी के पहले हफ्ते से ही सरकार द्वारा आयातित खाद्य तेलों के कर शून्य किए जाने व वायदा कारोबार पर रोक लगाने के आदेश के साथ ही मूल्य में 17 से 22 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आ गई. फिर भी सरसों तेल उच्चतम कीमत से करीब 30-40 रुपये प्रति लटर सस्ता बिक रहा है, जिससे आम जनता के जेब पर बड़ी राहत पड़ी है.
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