आंध्र प्रदेश के टमाटर किसान इन दिनों भरी घाटा सह रहे हैं. यहां टमाटर के थोक भाव अचानक कम गए हैं, जिस कारण मार्केट का बैलेंस गड़बड़ हो गया है. जानकारी के अनुसार रायलसीमा क्षेत्र में टमाटर की थोक कीमतें घटकर 30 से 70 पैसे प्रति किलो तक हो गई है. आलम ये है कि किसान टमाटर के अंबार लेकर मंडियों में पहुंच चुके हैं औऱ स्थानीय मंडी अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसानों को हुआ नुकसान
गौरतलब है कि प्रदेश में टमाटर की कीमत इस सीजन में सबसे कम दिखाई दे रही है. थोक बाजारों में ही भाव गिरने के कारण किसानों को लागत के बराबर पैसा भी नहीं मिल रहा. यहां किसानों से बात करने पर मालुम हुआ कि टमाटर पर कीटनाशक, खाद आदि खरीदने में जितना पैसा उनका खर्च हुआ, मंडियों से उन्हें वो भी नहीं मिला. किसानों ने बताया कि मंडियों में जो भाव मिल रहे हैं, उसको देखते हुए टमाटर को बाजार में लाने तक का मन नहीं कर रहा. वाहनों का भाड़ा भी मंडियों के उस भाव से निकलना मुश्किल जान पड़ रहा है.
मांग और आपूर्ति में भारी अंतर
वहीं इस बारे में मंडी अधिकारियों का कहना है कि इस साल अचानक ही बाजार में जरूरत से बहुत अधिक टमाटर आ गए हैं, जिस कारण भाव में कमी आई है. मंडी प्रबंधकों का कहना है कि दिसंबर के आखरी सप्ताह में एक-एक दिन 150 टन से अधिक टमाटर मंडियों आने शुरू हो गए, जिस कारण कीमते गड़बड़ा गई. फिलहाल किसानों और मंडी प्रबंधकों के मध्य टकरार तेज है.
बंपर पैदावार फिर भी दुखी किसान
बता दें कि प्रदेश में इस बार चक्रवात के बावजूद भी टमाटर की अच्छी पैदावार हुई है, लेकिन सरकार द्वारा उनके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य न होने के कारण मंडियों में मनमानी का खेल चल रहा है. किसानों ने बताया कि अनाज वाले फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है, लेकिन सब्जियों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान नहीं है. हालांकि केरल जैसे राज्यों में अब सरकार फल-सब्जियों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य का भरोसा दे रही है.
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