जून माह का आधा माह समाप्त होने वाला है. इसके साथ ही मौसम में भी परिवर्तन होना शुरू हो गया है. कई राज्यों में तो प्री मानसून ने दस्तक भी दे दी है. किसान धान की अगेती खेती की तैयारी शुरू करने में लगे है. दिल्ली, एनसीआर समेत कई इलाकों में भी अब लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के आस - पास के इलाकों में कल शाम तक गरज के साथ बारिश होने की पूरी संभावना है. इसके साथ ही अरब सागर में उत्पन्न चक्रवात ‘वायु' (Cyclone Vaayu) अब महाराष्ट्र से उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ रहा है. जो कि 13 जून तक गुजरात पहुंच जाएगा. जिसके लिए अब राज्य सरकार ने हाई अलर्ट भी जारी कर दिया है.
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
उत्तरी पाकिस्तान के कुछ हिस्सों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बन गया है. मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है.बिहार और इससे सटे झारखंड के ऊपर एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. इसके आलावा बिहार और झारखंड के ऊपर बने चक्रवाती घेरे के पास एक ट्रफ रेखा मध्य पाकिस्तान से बांग्लादेश तक फैला गई है. इसके साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी बांग्लादेश में है और पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवाती क्षेत्र मौजूद है.जिस वजह से चक्रवात वायु इस समय पूर्व-मध्य और निकटवर्ती पूर्वोत्तर अरब सागर में पहुँच गया है.
आने वाले 24 घंटों की मौसमी की गतिविधियां
आने वाले 24 घंटों के दौरान केरल, तटीय कर्नाटक, कोंकण, गोवा, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर, मिज़ोरम और नागालैंड में कुछ स्थानों पर भारी बारिश के साथ ही कई जगहों पर हल्की की बारिश की संभावना है. इसके साथ ही पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, दक्षिणी कर्नाटक, पूर्वी बिहार, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हल्की बारिश होने के आसार है. इसके आलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के कई भागों में धूल भरी आंधी और गरज के साथ बारिश होने की पूरी संभावना है. अगर बात करे मध्य महाराष्ट्र, आंतरिक कर्नाटक, तटीय ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और आंतरिक तमिलनाडु में भी अलग-अलग जगहों पर बारिश होने की पूरी संभावना जताई जा रही है. वायु चक्रवात के कारण दक्षिण तटीय गुजरात में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद बन रही हैं. इस चक्रवात की वजह से कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में समुद्र की स्थिति में भी गड़बड़ी देखने को मिल रही है.
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