नए साल 2020 का आगाज हो चुका है. मौसम ने भी ज़ोर-शोर से कहर बरपाना शुरू कर दिया है. हर दिन की बढ़ती ठंड ने लोगों का जीवन अस्त–व्यस्त कर रखा है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश या बर्फ़बारी होने की उम्मीद है. इतना ही नहीं, पंजाब के भी कई इलाकों में हल्की बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है.
अगर बात करें उत्तर भारत की, तो यहां कोहरे और शीतलहर का कहर अभी भी जारी रहने की उम्मीद है. इस कोहरे की ही वजह से कई ट्रेन देर से चल रही हैं. इसके साथ ही पश्चिमी हवाएं सक्रिय होने से 2 से 3 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के आस-पास के इलाकों में हल्की बर्फ़बारी होने की संभावना है. आने वाले 4 दिनों तक झारखंड में बादल छाए रहने की उम्मीद है.
अब अगर दिल्ली के मौसम की बात करें तो आने वाले 2 दिनों तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसके साथ ही राजस्थान के 3 जिले में तापमान में गिरावट देखी गई है. साथ ही 19 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी भी दी गयी है. ऐसे में निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट (skymet) का आगामी 24 घंटों के मौसम पूर्वानुमान के बारे में क्या कहना है, आइए जानते हैं...
आने वाले 24 घंटों के दौरान संभावित मौसम गतिविधियां
आने वाले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में बारिश और बर्फ़बारी होने की उम्मीद है. पंजाब में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हल्की बारिश के आसार हैं. मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, विदर्भ, मराठवाड़ा और तेलंगाना के कुछ हिस्सों के साथ झारखंड, ओडिशा, उत्तरी आंतरिक तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कुछ जगहों पर हल्की बारिश होने की उम्मीद है.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के पूर्वी भागों में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है. उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है. साथ ही दिन के तापमान में 2-3 डिग्री की वृद्धि हो सकती है.
देशभर में बना मौसमी सिस्टम
एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू कश्मीर के पास बना हुआ है. इसके प्रभाव से बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र इस समय मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब पर है. उत्तर पूर्वी राजस्थान से गुजरात होते हुए अरब सागर तक एक ट्रफ रेखा बना हुआ है.
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