मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 48 घंटे में मानसून केरल में दस्तक दे सकता है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग से आने वाली हवाओं की वजह मानसून के आगे बढ़ने और इसे मज़बूत होने में मदद मिल रही है. जैसी स्थिति है अगर वैसी ही स्थिति बनी रही तो 6 जून तक केरल तट पर तेज बारिश होने की संभावना है. वहीं, मानसून गोवा में 12 जून तक प्रवेश कर सकता है.
मौसम विभाग के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के कई स्थानों पर मानसून का आगाज हो चुका है. इससे किसानों को खरीफ फसल की बुवाई में मदद मिलेगी. किसान भी इनदिनों धान की खेती की तैयारी करने में लगे हुए है. मौसम विभाग ने अपने ताजा बुलिटेन में चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, असम और मेघालय में भारी बारिश हो सकती है. वहीं, तेज गर्म हवाओं (लू) से जल्द राहत मिलेगी. दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में गर्म हवाएं अब धीरे-धीरे कम हो रही है.
मौसम विभाग के मुताबिक, मार्च, अप्रैल और मई की बारिश को प्री मानसून बारिश कहते हैं. इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में 69 % कम बारिश रिकॉर्ड की गई हैं. वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 40 % कम बारिश रिकॉर्ड हुई है. इसका मतलब यह है कि इस बार प्री मानसून पूरी तरह सूखा ही रहा है. 65 साल में पहली बार प्री मानसून में इतनी कम बारिश हुई है. गौरतलब है कि 6 जून को मानसून केरल पहुंचने के पीछे कि वजह मानसून की सुस्त गति है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के उपमहानिदेशक डॉक्टर आनंद शर्मा के मुताबिक, केरल में मानसून के 6 जून तक पहुंचाने की संभावना है.
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