पिछले दिनों हुई एकाएक बारिश और ओलावृष्टि को देखते हुए मध्य प्रदेश में कृषि विभाग ने जिलों से रिपोर्ट मांगी है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिन स्थानों पर रबी फसलों की बुवाई जल्दी हो गई थी वहां अधिक नुकसान होने की संभावना है। वहीं कुछ स्थानों पर चने की फसल आ गई है।
यदि फसल की थ्रेशिंग नहीं हुई और वो खलिहान में ही रखी गई तो उसे नुकसान होना तय है। मौसम की वजह से गेहूं की जो फसल गिर गई है वो मौसम खुलने पर फिर से खड़ी हो सकती है। यदि फसल खड़ी नहीं हुई तो दाने में दाग पड़ जाएंगे और उसकी बिक्री में समस्या आएगी।
कृषि विभाग ने आशंका जताई है कि चने की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा होगा। भारतीय किसान संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश गुर्जर ने बताया कि कन्नौद क्षेत्र के कई गांवों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ेगी। उधर, संचालक कृषि मोहनलाल मीणा ने बताया कि एक दर्जन जिलों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की सूचना मिली है। सभी जगह से रिपोर्ट बुलाई गई है। देर से बोई गई फसलों के लिए बारिश अच्छी है।
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