Monsoon: देशभर में इन दिनों मौसम के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ पहाड़ों पर बेमौसम बर्फबारी और बारिश से बाढ़ के हालात बन रहे हैं. तो दूसरी तरफ बढ़ता तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार है. मई महीने की शुरुआत के साथ ही गर्मी का पारा तेजी से बढ़ने लगा है. ऐसे में जहां हर कोई आगे पड़ने वाली लू को लेकर चिंतित है. वहीं, मौसम विभाग ने मानसून को लेकर एक गुड न्यूज दी है. मौसम विभाग ने मानसून के दौरान अगस्त महीने में भरपूर बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है.
आईएमडी को उम्मीद है कि ला नीना के कारण इस साल अगस्त में मानसून की भरपूर बारिश हो सकती है. अगर आईएमडी का ये पूर्वानुमान सही रहा तो इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. पिछले साल, अगस्त महीने में 1901 के बाद सबसे कम बारिश हुई थी, जो सामान्य से 36 प्रतिशत कम थी.
चूंकि सामान्य बारिश में जून-सितंबर के मानसून सीजन में जुलाई की हिस्सेदारी सबसे अधिक 32 प्रतिशत होती है, इसलिए अगस्त में थोड़ी कमी फसलों के लिए प्रबंधनीय है. हालांकि, कृषि विशेषज्ञ फसलों पर भारी वर्षा के नकारात्मक प्रभावों के बारे में भी आगाह करते हैं क्योंकि उनका कहना है कि बाढ़ से सूखे की तुलना में अधिक नुकसान होता देखा गया है.
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मई के दौरान संभावित तापमान और बारिश पर मीडिया को जानकारी देते हुए, भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को कहा कि हालांकि दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात क्षेत्र में 8-11 दिनों की लू चलने की संभावना है. राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, आंतरिक ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना के शेष हिस्सों में 5-7 लू वाले दिन रहेंगे.
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, मई के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान देखा जा सकता है, पूर्वोत्तर क्षेत्र, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, जहां अधिकतम तापमान सामान्य से सामान्य से नीचे रह सकता है.
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