चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने अपनी तीव्रता खोते हुए एक दबाव-क्षेत्र (डिप्रेशन) में तब्दील हो गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताज़ा बुलेटिन के मुताबिक इस तूफान के प्रभाव से 29 अक्टूबर को तेलंगाना के कई औरतों में अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की गई है, साथ ही तटीय आंध्र प्रदेश, यनम-रायलसीमा, विदर्भ और मराठवाड़ा में भी बहुत भारी बारिश हुई.
IMD के अनुसार, 30 अक्टूबर को आंध्र-प्रदेश तथा तेलंगाना के अधिकांश इलाकों में वर्षा की तीव्रता कम होगी, लेकिन इन दोनों राज्यों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है. ऐसे में आइए देशभर का मौसम पूर्वानुमान जानते हैं-
कहां-कहां होगी बारिश?
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है और कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है. इसके साथ ही गंगाटिक वेस्ट बंगाल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, बिहार के अधिकांश हिस्सों में 2 नवंबर तक हल्की-मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान है, हालांकि कुछ जगहों पर भारी वर्षा भी दर्ज की जा सकती है.
30 अक्टूबर की चेतावनी के मुताबिक, 'मोंथा' के पूर्व की ओर मुड़ने के ट्रैक को देखते हुए बिहार और सौराष्ट्र-कच्छ के लिए बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है. जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड, बंगाल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, विदर्भ, तेलंगाना तथा तटीय आंध्र प्रदेश में भारी वर्षा का येलो अलर्ट है.
तूफान के कमजोर होने की प्रक्रिया
मौसम विभाग ने बताया है कि चक्रवात ‘मोंथा’ ने तटीय आंध्र प्रदेश में लैंडफॉल के बाद अपनी तीव्रता खो दी है. IMD ने बताया कि तूफान अगले 6 घंटों के भीतर डिप्रेशन में बदल सकता है और आगे कमजोर होगा.
प्रभावित किन राज्यों में हैं और किस तरह की तैयारियां हो रही हैं
लैंडफॉल से पहले तथा दौरान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा तथा छत्तीसगढ़ के तटवर्ती एवं अंदरूनी इलाकों में विशेष सतर्कता बरती गई है. IMD ने आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में रेड & ऑरेंज अलर्ट जारी किए थे. उदाहरण के लिए केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत अन्य तटीय राज्यों में भी तूफान-पहली वर्षा की चेतावनियां दी गई थीं. सरकारी एजेंसियों द्वारा राहत शिविर, निकालने की योजना और बंदरगाहों व मछुआरों के लिए समुद्र में न जाने की चेतावनियां भी जारी की गई हैं.
आगे क्या उम्मीद है
हालांकि मोंथा अब कमजोर हो रहा है, लेकिन इसके पीछे बनी आर्द्रता और अवधि-विस्तार के कारण बरसात अब भी जारी रहने की संभावना है. तेलंगाना, विदर्भ, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाकों में भारी वर्षा हो सकती है. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात क्षेत्रों में भी मेघ गर्जन, वज्रपात एवं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है.
मौसम विभाग ने सुझाव दिया है कि सभी नागरिक विशेषकर तटवर्ती, निचले इलाके और नदी-तटवर्ती क्षेत्र रहने वालों को सतर्क रहना चाहिए. जरूरत पड़ने पर सरकारी आपदा प्रबंधन निर्देशों का पालन करना आवश्यक है.
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