मानसून 2021 इन दिनों देश के कई राज्यों पर मेहरबान है. हालांकि कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से खरीफ की फसल प्रभावित हो गई है. दरअसल पहले बारिश नहीं होने की वजह से अधिकांश किसान बुवाई नहीं कर पाए और जिन किसानों ने बुवाई की थी उनकी फसल खेतों में पानी भर जाने के कारण नष्ट हो गई है.
वहीं हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में गुरुवार से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा, अगले 24 घंटों के दौरान, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और केरल के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है.
तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है. ऐसे में आइए निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर के मुताबिक जानते हैं, आगामी 24 घंटों के मौसम का पूर्वानुमान-
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
मानसून की अक्षीय रेखा अब हिमालय की तलहटी के करीब चल रही है. यह अमृतसर, कुरुक्षेत्र, बरेली, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, जलपाईगुड़ी होते हुए अरुणाचल प्रदेश की ओर जा रही है.
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है. एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से लगभग 3 किमी ऊपर है.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
अगले 24 घंटों के दौरान, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और केरल के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.
तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर कुछ देर के लिए तेज बारिश हो सकती है.
जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा, लक्षद्वीप और शेष पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तलहटी, आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है. उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में शुष्क और गर्म हवाएं तेज गति से चलेंगी जिससे तापमान में वृद्धि होगी.
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