बंगाल की दक्षिण पश्चिमी खाड़ी में डीप डिप्रेशन की स्थिति बनी हुई है. इसकी वजह से यहां 2 दिसंबर को चक्रवाती हवाएं चलने की संभावना है, शाम के समय ये चक्रवाती हवाएं ‘बुरेवि’ तूफान का रूप ले सकती हैं. यह तूफान श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी भागों में त्रिंकोमाली के आसपास लैंडफॉल करेगा, और फिर तमिलनाडु के दक्षिणी तटीय इलाकों की ओर बढ़ेगा. इसकी वजह से दो दिन बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के पास तटीय इलाकों में बहुत तेज हवाएं चलने की आशंका है. यहां तेज हवाएं 70 किमी प्रति घंटे से शुरू होकर 90 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलेंगी. केरल, तमिलनाड, पुडुचेरी, कनियाकुमारी और आसपास के तटों पर भी करीब 65 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने का अनुमान है. इसलिए तमिलनाडु-पुडुचेरी और आसपास के तटीय इलाकों में दो दिन मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह है. तमिलनाडु और केरल में 3 दिसंबर तक हालात प्रतिकूल बने हुए हैं, यहां तेज हवाएं के साथ-साथ भारी बारिश होने की भी आशंका है. इसके बाद 4 दिसंबर से उत्तर पश्चिमी भारत के हिमालयी क्षेत्र में नया कम दबाव का क्षेत्र विकसित होगा.
Heavy Rainfall: कहां-कहां होगी भारी बारिश?
तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्सों में 2 और 3 दिसंबर को कुछ जगह बहुत भारी बारिश का अनुमान है. वहीं पुडुचेरी, केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में कई जगह हल्की से मध्यम वर्षा होगी और कहीं-कहीं बहुत तेज बरसात की भी संभावना है. रायलसीमा, कराईकल और माहे में भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश की आशंका है. अगले दो दिन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कई जगह तेज बारिश का अनुमान है. वहीं लक्षद्वीप में कुछ जगह जोरदार वर्षा हो सकती है. 4 दिसंबर को नए कम दबाव के क्षेत्र की वजह से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में कहीं-कहीं बादल बरसने की उम्मीद है.
बर्फबारी और शीतलहर (snow fall and cold wave)
अगले 2 से 3 दिनों के बीच महाराष्ट्र में कुछ जगह तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है. वहीं उत्तर भारत के राज्यों में भी ठंड और शीतलहर का सिलसिला जारी रहेगा. इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में बर्फ गिरेगी. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कहीं-कहीं बर्फाबारी होती रहेगी.
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