1. Home
  2. मौसम

सावधान: बारिश और ओलावृष्टि से आपकी फसलें हो सकती हैं चौपट

मार्च की शुरुआत होते ही मौसम में बदलाव होता दिख रहा है. मार्च के पहले दिन से आज पांचवे दिन तक की बात करें तो उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रो में बर्फ़बारी में लगातार कमी देखने को मिली है. बर्फ़बारी में कमी होने का कारण इस क्षेत्र में बना सक्रिय विक्षोभ माना जा रहा है. पिछले 24 घंटो के दौरान उत्तर भारत के पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मध्यम से तीव्र बारिश हुई है. राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में ओले भी गिरे हैं. पंजाब से उत्तर प्रदेश तक एक ट्रफ़ रेखा बनी हुई है. इसी रेखा के प्रभाव से इन क्षेत्रों में आचानक मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. आगे के दो दिनों में उत्तर भारत के मैदानी मैदानी क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना है. जम्मू-कश्मीर में भी एक विक्षोभ सक्रिय हो रहा है. जिसके प्रभाव में राजस्थान समेत सीमावर्ती क्षेत्र भी आ सकते हैं.

प्रभाकर मिश्र

मार्च की शुरुआत होते ही मौसम में बदलाव होता दिख रहा है. मार्च के पहले दिन से आज पांचवे दिन तक की बात करें तो उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रो में बर्फ़बारी में लगातार कमी देखने को मिली है. बर्फ़बारी में कमी होने का कारण इस क्षेत्र में बना सक्रिय विक्षोभ माना जा रहा है.

पिछले 24 घंटो के दौरान उत्तर भारत के पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मध्यम से तीव्र बारिश हुई है. राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में ओले भी गिरे हैं. पंजाब से उत्तर प्रदेश तक एक ट्रफ़ रेखा बनी हुई है. इसी रेखा के प्रभाव से इन क्षेत्रों में आचानक मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. आगे के दो दिनों में उत्तर भारत के मैदानी मैदानी क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना है. जम्मू-कश्मीर में भी एक विक्षोभ सक्रिय हो रहा है. जिसके प्रभाव में राजस्थान समेत सीमावर्ती क्षेत्र भी आ सकते हैं.

इन सभी विक्षोभ के चलते आगामी दो दिन उत्तर भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना है. वर्षा की ये गतिविधियां आज रात से शुरू होकर कल शाम तक ज्यादा सक्रिय रहेंगी. कल शाम के बाद इस विक्षोभ का प्रभाव कुछ कम होने लगेगा. जिसके चलते ही इन क्षेत्रों में बारिश थम सकती है. हालांकि इन क्षेत्रों में मौसम ठंड बना रहेगा और कुछ स्थानों में सामान्य से भी कम हो जायेगा.

ओले के साथ भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते ही फसलों (गेंहूं, चना, सरसों मटर) समेत रबी की फसलों को नुकसान हो सकता है. इस समय रबी की फसलों की बात करें तो लगभग सभी फसले पकने को तैयार हैं. महीने के अंत तक किसान रबी की फसलों की कटाई शुरू कर देते हैं और अप्रैल महीने के अंत तक लगभग-2 समाप्त कर लेते है. 

सोर्स: स्काईमेट वेदर

English Summary: Beware: rain and hail may cause you to fall apart Published on: 05 March 2020, 06:02 PM IST

Like this article?

Hey! I am प्रभाकर मिश्र. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News