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झारखंड में महिलाएं बन रही है कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर

झारखंड के गुमला में नक्सलियों के खौफ और पलायन की मजबूरी ने जिंदगी को बदतर बना दिया था. यहां पर लोगों को घर में चूल्हा जलाने के लिए भी सोचना पड़ता था. यहां पर बच्चों की शिक्षा लोगों को खाए जा रही थी. किसानों को 100 और 200 रूपये के लिए भी सोचना पड़ता था. लेकिन बदलते वक्त ने महिला किसानों को गरीब मजदूर से मालिक बना दिया है. चंद रूपयों के लिए तरसने वाली महिलाएं आज हजारों रूपये का काम कर रही हैं. हम आपको बता रहे है

किशन
tomato
Tomato Farming

झारखंड के गुमला में नक्सलियों के खौफ और पलायन की मजबूरी ने जिंदगी को बदतर बना दिया था. यहां पर लोगों को घर में चूल्हा जलाने के लिए भी सोचना पड़ता था. यहां पर बच्चों की शिक्षा लोगों को खाए जा रही थी. किसानों को 100 और 200 रूपये के लिए भी सोचना पड़ता था. 

लेकिन बदलते वक्त ने महिला किसानों को गरीब मजदूर से मालिक बना दिया है. चंद रूपयों के लिए तरसने वाली महिलाएं आज हजारों रूपये का काम कर रही हैं. हम आपको बता रहे है झारखंड के गुमला जिले  के 12 और रायडीह प्रखंड के उन 10 गांव की सैकड़ों महिला किसानों के बारे में जिन्होंने न केवल अपने बूते पर घर की हाल को बदला है बल्कि गांव से निकल कर राज्य की बड़ी सब्जी मंडियों में अपनी धमक दिखाई है.

टमाटर की खेती ने बदला जीवन

महिला किसानों ने टमाटर की खेती को करके गांवों की तस्वीर को बदल दिया है. महिला किसान आर्थिक मोर्चे पर आज काफी मजबूत हुई है. पहले ही फेज में यहां के 22 गांवों में करीब पांच हजार किलो टमाटर की बंपर पैदावर प्राप्त हो गई है. यहां पर प्रदान संस्था की पहल पर महिला किसानों ने इन टमाटरों को कोलकाता और ओडिशा राज्य के कई कृषि मंडियों में बिक्री के लिए भेजा जा रहा है. टमाटर की गुणवत्ता के अनुसार उन्होंने 18 से 20 रूपये प्रतिकिलो की दर से सभी टमाटरों को भेजा गया है. किसानों को यहां पहली और दूसरी तुड़ाई में काफी बेहतर फसल प्राप्त हो रही है. किसानों को 10 से 12 टन टमाटर और खेतों से निकलने की संभावना है. इसके लिए बीज को तैयार किया गया है और यहां व्यापारी भी गुमला की टमाटर पर नजर बनाए हुए है.

महिला कृषि बनी उद्यमी

आज यहां की कई महिलाएं खेतीबाड़ी को करके महिला उद्यमी बन गई है. संस्था के तकनीकी पदाधिकारी राहुल कुमार का कहना है कि करीब पांच हजार किलो टमाटर हुआ है. यहां के गुमला बाजार में इतना टमाटर की खपत नहीं हो सकती है इसीलिए ओडिशा राज्य के राउरकेला, पश्चिम बंगाल के कोलकाता और राज्य के रांची जैसी मंडियों में टमाटर को बेचा गया है. इस बार टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, व बैंगन के 50 लाख पौध को तैयार किया गया है.

महिलाओं को हो रहा मुनाफा

टमाटर की खेती को करने में 2500 से 3000 रूपये खर्च है लेकिन इससे कमाई 20 से 25 हजार रूपये तक हो जाती है. महिलाओं में कुछ करने का जज्बा था. वह अपने घर की खराब स्थिति को उबारना चाहते है, इसीलिए महिलाओं ने यहां समूह बनाकर खेती की है. आज 200 से अधिक महिला किसान एक खेती में 20 से 25 हजार रूपये कमा रहे है.

English Summary: Women are making bumper profits by cultivating tomatoes in Jharkhand Published on: 18 September 2019, 08:21 PM IST

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