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Success Story: इन 10 किसानों ने आधुनिक सोच और मेहनत से खेती व पशुपालन को बनाया करोड़ों की कमाई का जरिया – पढ़ें उनकी प्रेरणादायक कहानियां

Top 10 Indian Progressive Farmers: भारत के ये 10 किसान साबित करते हैं कि आधुनिक सोच और मेहनत से खेती करोड़ों की कमाई का ज़रिया बन सकती है. जैविक खेती, डेयरी, मशरूम या बागवानी—हर क्षेत्र में इन्होंने मिसाल कायम की है. जानिए प्रेरणादायक कहानियाँ, जो किस्मत नहीं, नज़रिया बदलती हैं.

लोकेश निरवाल
Progressive Farmers ,
भारत के 10 प्रेरणादायक प्रगतिशील किसान

Indian Progressive Farmers: कहते हैं किस्मत खेतों में नहीं, सोच में होती है और भारत के ये 10 किसान उसी सोच के दम पर आज करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. भारत में खेती अब एक पारंपरिक पेशा नहीं रह गई है, बल्कि यह एक स्मार्ट और मुनाफ़े वाली उद्योग बन गई है. जहाँ पहले कभी खेती को घाटे का सौदा समझा जाता था, वहीं आज कुछ भारतीय किसान इसे एक सुनहरे भविष्य का ज़रिया बना चुके हैं.  छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के डॉ. राजाराम त्रिपाठी या फिर गुजरात की नितुबेन पटेल हों या जैविक फार्मिंग एक्सपर्ट, इन किसानों ने दिखा दिया है कि खेती-किसानी से भी करोड़ों कमाए जा सकते हैं — बस ज़रूरत है नज़रिए की खेती करने की.

आज हम ऐसे ही कुछ किसानों की प्रेरणादायक कहानियाँ जानेंगे, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और अनोखे विचारों से खेती में सफलता हासिल की.

- Dr. Rajaram Tripathi
प्रगतिशील किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी

1- डॉ. राजाराम त्रिपाठी

डॉ. राजाराम त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से संबंध रखने वाले एक प्रेरणादायक किसान हैं, जिन्हें MFOI अवॉर्ड 2023 में 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' का खिताब मिला. उन्होंने औषधीय फसलों की खेती से न सिर्फ करोड़ों का टर्नओवर खड़ा किया, बल्कि हजारों किसानों को भी आत्मनिर्भर बनाया. उनका 'नेचुरल ग्रीन हाउस' मॉडल टिकाऊ और लाभकारी है. डॉ. त्रिपाठी जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और उनकी सफलता की कहानी देश के किसानों के लिए प्रेरणा है. उनके पास खुद का हेलीकॉप्टर है और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेती का परचम लहरा रहे हैं.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

प्रगतिशील महिला किसान नीतूबेन पटेल
प्रगतिशील महिला किसान नीतूबेन पटेल

2- नीतूबेन पटेल

नीतूबेन पटेल को 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड 2024' से सम्मानित किया गया था. उन्होंने 10,000 एकड़ भूमि पर 'सजीवन' नाम से जैविक फार्म शुरू किया, जहां 250 से अधिक प्राकृतिक उत्पादों का उत्पादन होता है. उनकी मेहनत और नवाचार से 5,000 से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग मिली. नीतूबेन ने यह साबित किया कि महिलाएं भी कृषि में आगे बढ़ सकती हैं. उन्हें यह सम्मान कृषि जागरण और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा आयोजित एमएफओआई अवार्ड्स में मिला. उनका योगदान न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय क्षेत्र में भी प्रेरणादायक है.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

ratnamma gundamantha
प्रगतिशील महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा

3- रत्नम्मा गुंडमंथा

रत्नम्मा गुंडमंथा कर्नाटक के कोलार जिले की एक सफल महिला किसान हैं, जिन्हें MFOI अवॉर्ड 2023 में ‘वूमेन फार्मर’ कैटेगरी में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. वे 4 एकड़ जमीन पर आम, बाजरा और रेशम के कीड़ों की खेती करती हैं. इसके साथ ही अचार, मसाला पाउडर और अनाज उत्पाद बनाकर सालाना 1.18 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करती हैं. उन्होंने कई संस्थानों से प्रशिक्षण लेकर आधुनिक कृषि तकनीक अपनाई है. रत्नम्मा आज महिला किसानों के लिए प्रेरणा हैं और उनकी सफलता से यह साबित होता है कि मेहनत और तकनीक से खेती को लाभदायक बनाया जा सकता है.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

प्रगतिशील किसान युवराज परिहार
प्रगतिशील किसान युवराज परिहार

4- युवराज परिहार

युवराज परिहार, एक प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाया और उसे नई दिशा दी. इन्हें 3 दिसंबर 2024 को ‘मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स’ में 'भारत के दूसरे सबसे अमीर किसान' का खिताब मिला. उनके पास 400 एकड़ जमीन है और वे आलू, गोभी व मूंग की खेती करते हैं. उन्होंने ‘डॉ बीपीएस’ ब्रांड, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस और 7 कॉलेजों की स्थापना की है. उनका कुल कारोबार 100 करोड़ रुपये है. वहीं, प्रगतिशील किसान युवराज परिहार का एग्री-बिजनेस से सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक है. उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं. युवराज परिहार की कहानी प्रेरणादायक है और यह दिखाती है कि आधुनिक तकनीक और मेहनत से खेती को एक सफल व्यवसाय में बदला जा सकता है.   यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

प्रगतिशील डेयरी किसान राम सिंह
प्रगतिशील डेयरी किसान राम सिंह

5- राम सिंह

राम सिंह, हरियाणा के करनाल जिले के एक प्रगतिशील डेयरी किसान हैं. उन्होंने 1987 में साहिवाल नस्ल की गायों से डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की. आज उनके पास 500 साहिवाल और 20 हरियाणवी गायें हैं, जिनसे रोज़ 10 क्विंटल दूध मिलता है. उनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक है. वे अपने फार्म पर जैविक चारा उगाते हैं और दूध, घी जैसे उत्पाद बेचते हैं. राम सिंह का फार्म "साहिवाल डेयरी फार्म" के नाम से जाना जाता है. वे पशुओं की सेहत, पोषण और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देते हैं और अन्य किसानों को भी मार्गदर्शन देते हैं.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

प्रगतिशील किसान लेखराम यादव
प्रगतिशील किसान लेखराम यादव

6- लेखराम यादव

लेखराम यादव राजस्थान के कोटपूतली के एक साधारण किसान हैं, जिन्होंने जैविक खेती में बड़ा नाम कमाया है. उन्होंने 120 एकड़ से खेती शुरू की और अब 550 एकड़ में जैविक खेती करते हैं. उन्हें 2024 में मिलियनेयर ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड मिला. यूट्यूब से प्रेरणा लेकर उन्होंने TCBT और वृक्षायुर्वेद तकनीकें अपनाईं, जिससे फसलें बेहतर हुईं. गेहूं, चना, मसाले, सब्जियां और फल उनकी खेती का हिस्सा हैं. उनका सालाना टर्नओवर 17 करोड़ रुपये है. उन्होंने UB Organic India Pvt. Ltd. नाम से अपना ब्रांड बनाया है, और जैविक उत्पादों को बाजार में बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

हरियाणा की प्रगतिशील डेयरी फार्मर रेनू सांगवान
हरियाणा की प्रगतिशील डेयरी फार्मर रेनू सांगवान

7-  रेनू सांगवान

रेनू सांगवान हरियाणा के झज्जर की प्रगतिशील डेयरी फार्मर हैं, जिन्होंने देसी गायों की मदद से डेयरी फार्मिंग में बड़ा नाम कमाया है. 2017 में 9 गायों से शुरुआत की और अब 280 से ज्यादा गायें हैं. उनका फार्म ‘गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम’ देशभर में प्रसिद्ध है. उन्होंने दूध से घी, पनीर, बर्फी जैसे उत्पाद बनाए, जो भारत और 24 देशों में बिकते हैं. उनके बेटे डॉ. विनय ने तकनीक और स्वच्छता पर ज़ोर दिया. उन्हें गोपाल रत्न और मिलियनेयर फार्मर अवार्ड 2024 मिला. उनका सपना है कि देश के किसान देसी गायों को अपनाएं और आत्मनिर्भर बनें. वह साहीवाल, गिर, राठी, थारपारकर, और हरियाणा नस्ल की गायों का पालन करती हैं. उनके फार्म का सालाना कारोबार 3 करोड़ रुपये से अधिक है.  यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

प्रगतिशील किसान मधुसूदन धाकड़
प्रगतिशील किसान मधुसूदन धाकड़

8- मधुसूदन धाकड़

मधुसूदन धाकड़, मध्य प्रदेश के हरदा जिले के एक प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी फसलों की ओर रुख किया. वे अब 200 एकड़ में मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, लहसुन और अदरक की खेती करते हैं, जिससे करोड़ों की आमदनी होती है. उन्होंने खुद की नर्सरी शुरू की और खेती में आधुनिक तकनीकों को अपनाया. उनके उत्पाद देशभर की मंडियों में बिकते हैं. उन्होंने यह सफलता बिना किसी सरकारी मदद के मेहनत से पाई है. उनकी कहानी उन किसानों के लिए प्रेरणा है, जो आधुनिक तरीकों से खेती कर अपनी किस्मत बदलना चाहते हैं.  यह सब्जियों की खेती से सालाना 5 करोड़ रुपये की कमाई करते है.   यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

डेयरी फार्मर विभोर जैन और उनकी पत्नी इशिता जैन
डेयरी फार्मर विभोर जैन और उनकी पत्नी इशिता जैन

9- विभोर जैन

विभोर जैन और उनकी पत्नी इशिता जैन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद नौकरी न करके डेयरी फार्मिंग शुरू की. उन्होंने 2017 में 20 गिर गायों से शुरुआत की और अब 100 गायों का पालन कर रहे हैं. उनका फार्म जयपुर में 12 एकड़ में फैला है, जहां रोज़ 300–350 लीटर दूध का उत्पादन होता है. वे दूध, घी और छाछ बेचते हैं और उनका घी विदेशों में भी एक्सपोर्ट होता है. उनका सालाना टर्नओवर 1.25 करोड़ रुपये है. इशिता जैन द्वारा बनाई गई “पूर्णिमा शतधौत घृत क्रीम” भी बहुत प्रसिद्ध है और त्वचा की समस्याओं में लाभदायक है.   यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

हरियाणा के प्रगतिशील किसान डॉ. विकास वर्मा
हरियाणा के प्रगतिशील किसान डॉ. विकास वर्मा

10- डॉ. विकास वर्मा

डॉ. विकास वर्मा, हरियाणा के हिसार के किसान हैं, जो मशरूम की खेती से करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है और खेती में अनुभव के कारण उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिली. वे "वेदांत मशरूम" और "बोहरा ऑर्गेनिक" नाम से ब्रांड बनाकर मशरूम बेचते हैं. रोज़ 90 क्विंटल मशरूम का उत्पादन होता है और सालाना 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर है, जिसके जरिए वे 2 से 3 करोड़ तक का सालाना लाभ कमा लेते हैं. वे ऑयस्टर, बटन और मिल्की मशरूम उगाते हैं. उनका मानना है कि खेती से भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है, इसलिए बच्चों पर नौकरी का दबाव न डालें.   यहां पढ़ें पूरी स्टोरी

English Summary: Top 10 Indian progressive farmers changed farming built crores business with hard work and innovation Published on: 09 May 2025, 02:28 PM IST

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