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जहर मुक्त खेती की ट्रेनिंग दे रहा है यह किसान

साल 2013 में जींद-भिवानी रोड़ पर 16 किलोमीटर दूर हिसार स्थित गांव खण्डा खेड़ी में एक के बाद कैंसर से हुई मौतों ने हरियाणा पुलिस के जवान विक्रम सिंधु को झकझोर कर रख दिया था. विशेषज्ञों का मानना था कि सभी मौतों के पीछे का कारण अत्यधिक रसायन युक्त खेती है

साल 2013 में जींद-भिवानी रोड़ पर 16 किलोमीटर दूर हिसार स्थित गांव खण्डा खेड़ी में एक के बाद कैंसर से हुई मौतों ने हरियाणा पुलिस के जवान विक्रम सिंधु को झकझोर कर रख दिया था. विशेषज्ञों का मानना था कि सभी मौतों के पीछे का कारण अत्यधिक रसायन युक्त खेती है. बस फिर क्या था विक्रम सिंधु ने गांव में कुदरती खेती यानी जहर मुक्त खेती करने का निर्णय ले लिया. इन्होंने न केवल जहर मुक्त खेती को अपनाया बल्कि इसको लेकर अन्य किसानों को भी जागरूक करने के लिए अभियान चलाया है.  आज तक इनके अभियान में देश के कई राज्यो के 12,000 से ज़्यादा लोग जुड़ चुके हैं. वह कुदरती खेती के साथ-साथ किसानों को जीवामृत खाद बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं.

चण्डीगढ़ के सेक्टर 17  में स्थित परेड ग्राऊंड में प्रौद्योगिकी और व्यापार मेले के 13वे संस्करण 'सीआईआई एग्रोटेक 2018" में कृषि जागरण टीम की मुलाकात हरियाणा पुलिस में तैनात विक्रम सिंधु से हुई. उनसे हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके गांव में जो मौतें कैंसर से हुई थीं उनमें से ज़्यादातर लोगों की उम्र 60 साल से कम थी. कैंसर जैसे रोगो के होने के पीछे की मुख्य वजह है हमारा खान-पान जो मैजूदा समय में बहुत ही जहरीला हो चुका है. हमारे खेतों में इस्तेमाल हो रहे रसायनों में बहुत अधिक मात्रा में केमिकल की मात्रा होती है. इन्हीं रासयनों के कारण ही हमारा अनाज भी जहरीला हो जाता है. यही वजह है कि आज के युग में लोगों को दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है. इसलिए हमने(बिक्रम) इस जहर को खेत से मुक्त करने के लिए एक अभियान शुरू किया है. जिससे होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके. 

गाँव बना किसान प्रशिक्षण केंद्र

जहर मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए विक्रम ने अपने गाँव मे ही किसान परीक्षण केंद्र बनाया है. जहां एक बार में 400 से ज्यादा किसानों को यूरिया, डीएपी जैसी जहरीली खाद का इस्तेमाल न करने और जीवामृत खाद बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है. यह परीक्षण पूरी तरह से नि:शुल्क होता है. ट्रेनिंग के दौरान रहने वाले किसानों के खाने-पीने और रहने की भी निशुल्क व्यवस्था की गई है. अभी तक भारत के कई राज्यों जैसे हरियाणा, यूपी, बिहार, पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के 12000 ज्यादा किसानों ने जहर मुक्त खेती करने का प्रशिक्षण लिया है. जिसमें से 784 किसानों का कहना है कि वे जहर मुक्त खेती विधि से खेती करके कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

विक्रम सिंधु बताते हैं कि उन्होंने एक मल्टी-क्रापिंग मॉडल तैयार किया है जिससे सब्जी, अनाज और फल एक साथ पैदा किये जा सकते हैं. उनका कहना है कि यदि इस तरीके से खेती की जाए तो 1 एकड़ से 6-8 लाख रूपये की कमाई की जा सकती है.

विक्रम ने जहर मुक्त खेती के नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है जिसमें देश के कई राज्यों के किसान जुड़े हुए हैं. इस ग्रुप के माध्यम से भी जहर मुक्त खेती करने की ट्रेनिंग दी जाती है.

जो किसान जहर मुक्त खेती अभियान के तहत ट्रेनिंग लेना चाहें तो विक्रम सिंधु से संपर्क कर इस अभियान का हिस्सा बन सकते हैं. इसके अलावा किसान 9416748922, 7357895868 या email-jaharmuktkheti@gmail.com के माध्यम से भी जानकारी ले सकते हैं.

प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण

English Summary: This farmer is giving training of poison free farming Published on: 08 December 2018, 06:46 PM IST

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