आज हम एक ऐसे सफल किसान की कहानी लेकर आए हैं, जो कि पहले एक लेक्चरर की नौकरी करते थे. मगर बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और खेती करना शुरू कर दिया है. इस सफल किसान का नाम गुरकिरपाल सिंह है, जिन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. आज किसान गुरकिरपाल सिंह हाइड्रोपोनिक तरीके से सब्जियों की खेती कर रहे हैं. आइए आपको इस सफल किसान की कहनी बताते हैं.
क्या है हाइड्रोपोनिक तकनीक
यह मूल रूप से इजराइल की तकनीक है. हाइड्रो का मतलब पानी और पोनिक का श्रम होता है. यानी खेती के लिए आपको न जमीन चाहिए और न ही मिट्टी. इसमें नेट हाउस के भीतर प्लास्टिक के पाइपों में पौधे लगाए जाते हैं. टाइमर से तापमान को फसल के मुताबिक नियंत्रित किया जाता है. इसके अलावा पौधों की जड़ों को पानी में भिगोकर रखा जाता है, साथ ही पानी में ही पोषक तत्वों का घोल दिया जाता है. इससे पौधे पनपते और बढ़ते रहते हैं.
नौकरी छोड़ की खेती
37 वर्षीय किसान गुरकिरपाल सिंह पंजाब के मोगा जिले के रहने वाले हैं. किसान की मानें, तो उनकी नौकरी अच्छी चल रही थी, लेकिन वह कुछ अलग करना चाहते थे, इसलिए साल 2012 में लगभग साढ़े पांच हजार स्क्वायर फीट जमीन पर पॉलीहाउस लगाया और उसमें टमाटर की खेती करना शुरू किया. इससे लगभग 1 लाख 40 हजार के टमाटर प्राप्त हुए. इसके बाद ग्रीनहाउस का रूख किया, जिसमें उन्होंने हाइड्रोपोनिक तकनीक से शिमला मिर्च, टमाटर आदि उगाना शुरू किया.
खेती से 3 गुना ज्यादा मुनाफ़ा
किसान का कहना है कि इस तकनीक में कम पानी की जरूरत होती है. आप इसमें इस्तेमाल किए गए पानी को भी फिर उपयोग कर सकते हैं. इतना ही नहीं, खाद का खर्चा भी कम होता है. कुल मिलाकर इस तकनीक से खेती करना सिर्फ फायदे का सौदा है. किसान ने जैविक खेती की बदौलत लाखों के टर्नओवर वाला स्टार्टअप एग्रोपोनिक एजीपी खड़ा किया है. वह नौकरी से 3 गुना ज्यादा आमदनी अर्जित कर रहे हैं. इसके साथ ही कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
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