अधिकतर किसान खेतीबाड़ी में कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें खेती से अच्छी कमाई नहीं हो पाती है. इसके कई कारण हो सकते हैं. इस दौरान उन्हें लगता है कि शायद वह खेती से अधिक आमदनी नहीं कमा सकते हैं.
मगर ऐसा नहीं है, खेती एक ऐसा जरिया है, जिससे देश के लोगों का पेट भी भरा जा सकता है, साथ ही अधिक से अधिक कमाई भी की जा सकती है. इस बात को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के छोटे से गांव सिरिमकेला में रहने वाले अरविंद सच साबित करते हैं.
किसान अरविंद ने एमबीए की पढ़ाई की है. इसके बाद वह पुणे की एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने लगे. मगर उनका मन नौकरी में नहीं लगा, इसलिए वह लाखों का पैकेज छोड़कर गांव वापस आ गए. इसके बाद उन्होंने पिता को पारंपरिक खेती करते देखा. यह देखकर उन्हें लगा कि क्यों न खेती में कोई नई तकनीकी का इस्तेमाल कर दिया जाए, जिससे अच्छी आमदनी हो सके. ऐसे में अरविंद ने खेती करना शुरू कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो किसान अरविंद ने मक्का और अरहर की खेती करना शुरू कर दिया. इससे उनकी आमदनी भी बढ़ने लगी. वह करीब 2 साल से इसकी खेती कर रहे हैं, इससे उन्हें अच्छी कमाई भी मिली है. इसके साथ ही गांव में कई लोगों को रोजगार भी दिया है. इतनी ही नहीं, वह अपने गांव के लोगों को मक्का और अरहर की खेती के प्रति जागरुक भी कर रहे हैं.
किसान का कहना है कि अगर खेती को आधुनिक तकनीक और अच्छी देखभाल के साथ किया जाए, तो उससे लाखों रुपए कमाया जा सकता है. वह भी हर साल खेती से अच्छा पैसा कमा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि गांव के अन्य किसान भी इसको अपनाकर मुनाफ़ा कमाएंगे.
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