Success Story Of Umashankar Verma: देश के अधिकतर किसान अब पारंपरिक खेती से हट कर गैर-पारंपरिक खेती में अपना हाथ अजमा रहे हैं और इसमें सफलता भी हासिल कर रहे हैं. किसान कम समय में अच्छी कमाई के लिए आधुनिक और सही तकनीकों के माध्यम से सब्जियों की खेती में सफल हो रहे हैं. ऐसे ही एक उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के सरोरा गांव में रहने वाले 37 वर्षीय किसान उमाशंकर वर्मा की कहानी है, जो सब्जियों की खेती करके लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. उमाशंकर वर्मा ने कालीचरण डिग्री कॉलेज, लखनऊ से अपनी ग्रेजवेशन की पढ़ाई पूरी की है और वह पारिवारिक रूप से खेतीबाड़ी कर रहे हैं.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में प्रगतिशील किसान उमाशंकर वर्मा की सफलता की कहानी जानते हैं..
भूमि और फसलें
कृषि जागरण से बातचित के दौरान किसान उमाशंकर वर्मा ने बताया कि, वह पिछले 20 सालों से अधिक समय से खेती बाड़ी कर रहे हैं और उनके पास 2 एकड़ भूमि है. किसान उमाशंकर तोरई, लौकी, कद्दू, भिंडी, मूली, आलू और बीन्स की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि, एक एकड़ क्षेत्र में वह सिर्फ मूली की अलग-अलग किस्मों की लंबे समय से खेती कर रहे हैं, जिससे अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त हो रहा है. इसके अलावा, बाकि भूमि पर अन्य सब्जियों की फसलें लगाते हैं.
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मूली की क्रॉस एक्स 35 से अच्छी कमाई
किसान उमाशंकर वर्मा ने बताया कि, वह मूली की सोमानी क्रॉस X-35 और सिंजेंटा की आइवरी व्हाइट की खेती करते हैं. सिंजेंटा की आइवरी व्हाइट मूली की खेती करने पर ज्यादा समय लगता है और इसमें लागत भी काफी अधिक आती है. लेकिन इस किस्म की मूली लंबाई में अच्छी होती है और इसमें रेसें कम पाए जाते हैं. वहीं, सोमानी क्रॉस X-35 मूली की काफी कम दिनों में तैयार होने वाली किस्म है. किसान ने बताया, क्रॉस एक्स-35 की खेती लागत कम है और इसे तैयार होने में सिर्फ 30 से 32 दिनों का समय लगता है, जिससे मार्केट में भी इस मूली का रेट अच्छा खासा मिल जाता है.
खेती की विधि
कृषि जागरण से बातचित के दौरान किसान उमाशंकर ने बताया कि, वह सब्जियों की जैविक और रायसायनिक दोनों ही विधियों के साथ खेती करते हैं. वह पूर्ण रुप से जैविक खेती नहीं करते हैं, लेकिन खाद के लिए गोबर का ही इस्तेमाल करते हैं. वहीं, रासायनिक उत्पादों का उपयोग कीटनाशक या डीएपी के रुप में करते हैं. इसके अलावा, किसान के पास एक गाय भी है, जिसे उन्होंने अपने परिवार के लिए रखा है.
लागत और मुनाफा
सब्जियों की खेती में आने वाली लागत की बात करते हुए किसान उमाशंकर वर्मा ने बताया कि, एक एकड़ खेत में मूली की खेती में लगभग 30 से 32 हजार रुपये का खर्च आ जाता है. जिसमें मूली के खेत की निराई, दवाई, लेबर और अन्य सभी खर्च शामिल है. किसान ने मुनाफे के बारे में बात करते हुए कहा कि, मूली की खेती से ही एक एकड़ से लगभग 2.20 लाख से 2.50 लाख रुपये तक का मुनाफा हो जाता है.
खेती में आने वाली चुनौतियां
प्रगतिशील किसान उमाशंकर वर्मा ने मूली की खेती में आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए बताया कि, वह छिटका बीजों की बुवाई करते हैं, जिससे बारिश उनके के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. उन्होंने बताया कि, कभी-कभी बुवाई के बाद बारिश आ जाती है, जिससे बारिश का पानी बीज को मिट्टी में जमने नहीं देता है. इसके अलावा, अधिक पानी होने की वजह से पौधे गलने लग जाते हैं. किसान ने बताया कि, बारिश की वजह से कभी-कभी उन्हें केवल 40 प्रतिशत तक ही फसल की पैदावार प्राप्त होती है.
किसानों के लिए संदेश
उमाशंकर वर्मा ने कृषि जागरण के माध्यम से किसानों के लिए संदेश देते हुए कहा है कि किसान पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक तरीकों को अपनाना शुरू करें. सफल खेती के लिए मल्चिंग और नालियां का उपयोग करें, जिससे कम से कम नुकासन हो सकें. उन्होंने कहा, किसानों को सब्जियों की खेती में दवाई का उचित उपयोग और फसल का सही इलाज करना चाहिए, जिससे सब्जियों की गुणवक्ता अच्छी रहें और लोगों के स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने किसानों को मूली की खेती करने की सलाह दी है और सोमानी क्रॉस X-35 किस्म को अपनाने के लिए कहा है. किसान का मानना है कि मूली की यह किस्म कम समय में ज्यादा उत्पादन दे सकती है, जिससे किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
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