Success Story Of Sanjay Kumar Patel: भारत के अधिकतर किसान अब पारंपरिक खेती से हट कर गैर-पारंपरिक खेती में हाथ अजमा रहे हैं और सफलता भी हासिल कर रहे हैं. किसान कम समय में अच्छी कमाई के लिए जैविक और रसायनिक तरीकों का सही तकनीक के माध्यम से सब्जियों की खेती में सफल हो रहे हैं. ऐसे ही एक उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के भीखमपुर गांव में रहने वाले 42 वर्षीय किसान संजय कुमार पटेल है, जो सब्जियों की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. संजय ने कक्षा 8 तक पढ़ाई की है और वह पारिवारिक रूप से खेतीबाड़ी कर रहे हैं.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में प्रगतिशील किसान संजय कुमार पटेल की सफलता की कहानी जानते हैं..
खेती के लिए भूमि और फसलें
कृषि जागरण से बातचित के दौरान किसान संजय कुमार पटेल ने बताया कि, वह पिछले 20 सालों से खेतीबाड़ी कर रहे हैं और उनके पास खेती के लिए 1 एकड़ भूमि है. किसान संजय फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर और मूली की खेती कर रहे हैं, लेकिन मुख्य रुप से मूली की खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि, वह लंबे समय से मूली की अलग-अलग किस्मों की खेती कर रहे हैं, जिससे अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त हो रहा है.
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मूली की क्रॉस एक्स-35 किस्म से मोटी कमाई
किसान संजय कुमार ने बताया कि, वह पिछले लंबे समय से मूली की अलग-अलग किस्मों की खेती कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सोमानी क्रॉस X-35 किस्म सबसे बेहतर लगी है. उन्होंने बताया, मूली के लिए वह सबसे अधिक सोमानी क्रॉस एक्स-35 किस्म की खेती करते हैं, क्योंकि यह लगाने के लिए सबसे अच्छी है, चमक में अच्छी है और मार्केट में जाते ही तुरंत बिक जाती है. किसान ने कहा कि, मूली की इस किस्म को तैयार होने में 30 से 35 दिनों का समय लगता है. अन्य किस्मों की मूली के मुकाबले सोमानी एक्स-35 में कम से कम रोग की शिकायत आती है.
कैसे करते हैं मंडीकरण?
कृषि जागरण से बातचित के दौरान किसान संजय कुमार पटेल ने बताया कि वह फसल को सीधा मार्केट या मंडी में ले जाकर बेचते हैं. यहां कांटे के हिसाब से व्यापारी उनकी फसलों को अच्छे दामों में खरीद लेते हैं. इसके अलावा, कुछ व्यापारी उनके घर से भी मूली ले जाते हैं और इनका दाम दें देते हैं.
खेती की विधि
बातचित के दौरान किसान ने बताया कि, वह सब्जियों की खेती के लिए जैविक और रायसायनिक दोनों ही विधियों को अपनाते हैं. लेकिन जैविक रुप से खेती ज्यादा करते हैं और खाद के लिए गोबर का ही इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा, रासायनिक उत्पादों का उपयोग कीटनाशक या डीएपी के रुप में करते हैं.
लागत और मुनाफा
लागत की बात करते हुए किसान संजय कुमार पटेल ने बताया कि, एक एकड़ खेत में मूली की खेती करने में लगभग 80 से 90 हजार रुपये का खर्च आता है, इसमें खेत की निराई, दवाई, लेबर और अन्य सभी खर्चें शामिल है. वहीं मुनाफे के बारे में बात करते हुए संजय कुमार ने बताया, मूली की खेती से उन्हें काफी अच्छा खासा लाभ हो जाता है. एक एकड़ खेत से लगभग 2 लाख से 2.50 लाख रुपये तक का मुनाफा आसानी से हो जाता है.
इन चुनौतियों का किया सामना
संजय कुमार पटेल ने बताया कि, सब्जियों की खेती में हमेशा मौसम का बदलाव और बारिश सबसे बड़ी चुनौती रही है. भारी बारिश से होने वाला जलभराव की वजह से फसल खराब होने का सबसे अधिक ज्यादा खतरा रहता है. इसके अलावा, मूली की फसल में रोग लगने पर भी फसल का काफी नुकसान होता है, जिससे पैदावार अच्छी नहीं मिलती और कमाई कम रहती है.
किसानों के लिए संदेश
प्रगतिशील किसान दिलीप कुमार पटेल ने कृषि जागरण से बातचीत के दौरान किसानों को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें मूली की खेती करनी चाहिए, अन्य फसलों के मुकाबले इससे अच्छी कमाई की जा सकती है. किसानों को फसलों में कम से कम दवाइओं का उपयोग करना चाहिए, जितनी आवश्यकता हो उसके अनुसार ही फसल में दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए. उन्होंने कहा, मूली की फसल में काले धब्बे लगाना सबसे खतरनाक बिमारी है, इसके लिए सही दवाइयों का उपयोग करना जरूरी है, नहीं तो पूरी फसल खराब हो सकती है.
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