भारत में सूअर पालन का व्यवसाय बड़े पैमाने में किया जा रहा है. लोग पशुपालन या कहें कि सूअर पालन से लाखों की कमाई कर रहे हैं. आज हम इस लेख के माध्यम से एक 18 वर्षिय लड़की की कहानी साझा करने जा रहे हैं, जो पढ़ाई के साथ-साथ सूअर पालन का व्यवसाय कर लाखों रुपए की कमाई कर रही है.
पढ़ाई के साथ कर रही सूअर पालन
गुवाहाटी की रहने वाली नम्रता की उम्र 18 वर्ष है. वह अभी अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर रही है. बता दें कि 10वीं कक्षा में नम्रता ने 87 फीसदी अंक हासिल किए जिसके बाद सूअर पालन में अपने पिता की मदद के लिए रूचि दिखाई. वह पढ़ाई के साथ- साथ पशुपालन और खेती कर रही है.
आईसीएआर से ली ट्रेनिंग
बता दें कि अभी नम्रता के पास 2 जंगली सुअर, 4 सूअर और 12 बच्चे हैं. स्कूल की छुट्टियों के दौरान नम्रता ने आईसीएआर-नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन पिग रानी, गुवाहाटी से सूअर पालन और कृत्रिम गर्भाधान पर में प्रशिक्षण लिया. जिसके बाद नम्रता को सूअर पालन में काफी सहायता मिली.
चारे की लागत की कम
नम्रता ने प्रशिक्षण लेने के बाद सूअरों की चारे की लागत को काफी कम कर दिया. बता दें कि उन्होंने सूअरों को खिलाने के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध चावल की पॉलिश और मछली बाजार के कचरे का उपयोग करके लागत को कम किया. वह खुद को एक उभरते हुए कृषि उद्यमी के रूप में वर्णित करती हैं, यह सब उस अवधि के दौरान जब उनकी पीढ़ी के अधिकांश बच्चे कृषि क्षेत्र की ओर कम ही रूचि दिखाते हैं.
साथ ही वह अपने फार्म की नियमित रूप से सफाई करवाती हैं, जिससे अफ्रीका स्वाइन फीवर की घटनाओं को रोका जा सके. साथ ही नियमित सफाई से उनके सूअर भी कम बीमार रहते हैं.
1 साल में 2 लाख रुपए से अधिक कमाई
आईसीएआर, गुवाहाटी के मुताबिक बीते साल नम्रता ने 32 सूअर के बच्चे बेचे, जिससे उन्हें 100000 रुपए की राशि अर्जित हुई. साथ ही पिगलेट की बिक्री से 1,44,000 रुपए और दो फिनिशर से 60,000 रुपए कमाए. कुल मिलाकर देखें तो नम्रता ने महज एक साल की अवधि के दौरान 2 लाख रुपए से अधिक की राशि अर्जित कर ली. अर्जित आय से वह अपने परिवार में वित्तिय योगदान दे रही है.
ये भी पढ़ेंः इस स्मार्ट दम्पत्ति ने आधुनिक खेती से बदली अपनी क़िस्मत
साथ ही वह पढ़ाई जारी रखने के लिए खुद स्वतंत्र निर्णय भी लेती हैं.
(स्रोत: आईसीएआर-राष्ट्रीय सुअर अनुसंधान केंद्र, रानी, गुवाहाटी )
Share your comments