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अनार और सेब उगाकर महिला किसान संतोष खेदड़ कमाती हैं लाखों रूपये, #ftb में जनिए इनकी सफलता की कहानी

कृषि में जैविक खेती (Organic farming) को बहुत महत्व दिया जाता है. यह कृषि की वह विधि है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और खरपतवारनाशियों की जगह गोबर की खाद कम्पोस्ट, हरी खाद, जीवणु कल्चर, जैविक खाद आदि का उपयोग किया जाता है.

कंचन मौर्य
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कृषि में जैविक खेती (Organic farming) को बहुत महत्व दिया जाता है. यह कृषि की वह विधि है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और खरपतवारनाशियों की जगह गोबर की खाद कम्पोस्ट, हरी खाद, जीवणु कल्चर, जैविक खाद आदि का उपयोग किया जाता है. इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है, साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है, लेकिन आधुनिक समय में किसान जैविक खेती से पीछे हटता जा रहा है. किसान खेती में विभिन्न प्रकार के रसायन का उपयोग करने लगा है. इस बीच राजस्थान की एक महिला किसान प्रेरणा बनकर उभरी हैं, जिन्होंने जैविक खेती से अपनी आप अपने परिवार की जिंदगी संवार ली है. इस महिला किसान का नाम संतोष खेदड़ है, जिन्होंने अनार और सेब की जैविक खेती कर एक मिसाल कायम की है. आज कृषि जागरण ने Farmer The Brand अभियान के तहत आपको महिला किसान संतोष खेदड़ से रूबरू कराने जा रहा है. बता दें कि कृषि जागरण ने #farmerthebrand अभियान की पहल की है, जिसके तहत देशभर के किसानों की आवाज उठाया जा रहा है.

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यह कहानी है राजस्थान के सीकर जिले के बेरी गांव में शेखावती फार्म चलाने वाली महिला किसान संतोष खेदड़ की है. उनका कहना है कि साल 2008 में अनार का बगीचा लगाकर खेतीबाड़ी में कदम रखा, जिससे साल 2011 में उत्पादन मिलने लगा. इसके बाद 2013 में पौध नर्सरी की शुरुआत की. इसके साथ-साथ ही मौसंबी, नींबू, सेब समेत कई तरह की पौधे लगाएं. एक एकड़ में खेतीबाड़ी करके वो परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं, अपने बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी तक का खर्चा खेतीबाड़ी से ही निकालती है. खेतीबाड़ी कोई घाटे का सौदा नहीं है, बल्कि यह वरदान है, इसलिए अपने बच्चों को भी एग्रीकल्चर में बी.एस.सी की पढ़ाई कराई. उनका मानना है कि अगर जैविक खेती की जाए, तो किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफ़ा कमा सकते हैं.

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महिला किसान संतोष खेदड़ बताती हैं कि उन्होंने एक एकड़ खेत में लगभग 450 पौधे लगा रखें हैं, साथ ही सेब की पौध से लगभग 10 हजार कलम तैयार करके किसानों को दी है. अनार, सेब, मौसंबी, नींबू समेत सभी पौध की उपज को मिलाकर लगभग 13 लाख रुपए की आमदनी होती है. इसके साथ ही तैयार की गई पौध से 15 से 20 लाख रुपए की आमदनी होती है. इस तरह देश का हर एक किसान अच्छी आमदनी कमा सकता है. बस उन्होंने जैविक खेती की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.

महिला किसान संतोष खेदड़ की खेतीबाड़ी के तरीके को जानने के लिए एक बार        https://www.facebook.com/krishijagrannews/videos/1573770522811334/ पर ज़रूर विजिट करें.

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English Summary: Santosh Khedar, a female farmer from Rajasthan, earns millions of rupees by growing pomegranate and apple in one acre Published on: 21 June 2020, 02:22 PM IST

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