एक सफल इंसान को भी एक असफल इंसान की तरह ही काम के लिए रोजाना 24 घंटे मिलते हैं लेकिन फिर भी कम ही लोग वह सब हासिल कर पाते हैं जिसका वो सपना देखते हैं. कहा जाता है कि हर सफल व्यक्ति कुछ नया करने के लिए केवल सोचते नहीं हैं बल्कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. उतार चढावों से भरी ऐसी ही सफल कहानी है समीर डॉम्बे की. जो कि महाराष्ट्र के दौंड से ताल्लुकात रखते हैं. एक समय वे एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर थे और उनकी अच्छी खासी सैलरी थीं. लेकिन फिर भी वे अपनी जॉब से सेटिस्फाइड नहीं थे. फिर क्या था एक दिन समीर ने जॉब छोड़कर गाँव आकर अंजीर की खेती करने का मन बनाया. आइए जानते हैं उनकी सफलता की अनोखी कहानी के बारे में.
गांव के लोगों ने उड़ाया मज़ाक
साल 2013 था समीर ने इंजीनियर की पढ़ाई पूरी कर ली. इसी दौरान कैम्पस प्लेसमेंट में उनका चयन एक मल्टीनेशल कंपनी में हो गया. लेकिन कुछ नया और अपना खुद का बिजनेस करने की सोच से वे 2014 में जॉब छोड़कर अपने गांव लौट आए. लेकिन गांव के लोगों ने समीर का अच्छा ख़ासा मज़ाक उड़ाया. उन्हें लोगों ने समझाया कि गांव में खेती करने वाले किसानों की हालत पहले से ही नाजुक है और तुम अच्छी खासी नौकरी छोड़कर गांव आ रहे हो जबकि गांव के कई लोग शहर में काम धंधे की तलाश में जा रहे हैं. लेकिन समीर अब तक कुछ नया करने की ठान चुके थे इसलिए उन्होंने सब लोगों की बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया.
अंजीर की खेती के साथ प्रोसेसिंग शुरू की
समीर का कहना हैं कि उनके गांव में अंजीर की खेती बड़े पैमाने पर होती है. यहां तक कि उनके परिजन भी अंजीर की खेती से जुड़े थे. लेकिन उन्हें इससे उतना मुनाफा नहीं मिलता था. इसलिए उन्होंने अंजीर की खेती के साथ प्रोसेसिंग और पैकेजिंग का काम भी शुरू करने का मन बनाया. सबसे पहले उन्होंने अपने एक एकड़ के खेत में अंजीर लगाए और फिर जब फ्रूट्स तैयार हो गए तब उन्होंने इनके पैकेट बनाकर अपने नजदीकी फ़ूड मार्केट में सप्लाई करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते उनके फ्रेश फ्रूट्स को पसंद किया जाने लगा. आज वे देशभर के सुपर मार्केट्स में अपने उगाये अंजीर फ्रूट्स सप्लाई करते हैं. वहीं उन्होंने अंजीर फ्लेवर में जेली और जैम की प्रोसेसिंग भी शुरू कर दी. जिनका निर्माण वे अपने ब्रांड पवित्रक के नाम से करते हैं. आज समीर न सिर्फ अच्छी कमाई करे रहे हैं बल्कि 20 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
कैसे करें अंजीर की खेती?
उन्होंने बताया कि अंजीर की खेती (Fig Cultivation) के लिए गर्म जलवायु होना चाहिए. वहीं इसके लिए ऐसी मिट्टी की जरुरत पड़ती है जो न अधिक कठोर और न अधिक मुलायम. साथ ही खेत में जलजमाव न हो और पानी की निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो. समीर का कहना है कि अंजीर के पौधे खरीफ सीजन में जून और जुलाई महीने में लगाना चाहिए. उन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन में करीब 300 पौधे अंजीर के लगाए थे. एक पौधे के लिए उन्होंने 20 रुपये खर्च किए थे. इन पौधों में सालभर बाद ही फल आने लग गए.
आज 1.5 करोड़ रुपये का टर्नओवर
समीर ने बताया कि यदि खेती से अच्छा मुनाफा कमाना है तो खेती के साथ-साथ अपने उत्पादन की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग करना बेहद जरुरी है. हमने भी यही काम किया अंजीर की पैदावार लेने के साथ-साथ उसकी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग भी शुरू की. जहां पहले अंजीर फ्रूट्स हार्वेस्टिंग के 3 से 4 दिन बाद बाजार पहुंचते थे, वहीं हमने छोटे-छोटे पैकेट्स में एक ही दिन में पहुंचाना शुरू किया. इससे अधिक मुनाफा मिला और प्रोडक्ट की मांग भी बढ़ी. आज समीर बड़े पैमाने पर अंजीर फ्रूट्स की प्रोसेसिंग कर रहे हैं. जिससे उनका टर्नओवर डेढ़ करोड़ के पार पहुंच गया है.
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