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मिलिए पर्यावरण संरक्षण के सुपरहीरो ‘ट्री मैन’ से, जिन्हें सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया...

कुछ प्राकृतिक संपदाएं ऐसी है जो हमारे लिए ही लाभदायक है जिन वृक्षों में फल लगते हैं उनका स्वाद वह खुद नहीं चखते। हम शायद इस समय इस बात को समझ पाने में अक्षम हैं या फिर हम भागम-भाग दौड़ में ध्यान नहीं दे पा रहे।

एक प्रसिद्ध दोहा है वृक्ष कबहुं नहिं फल भखै, नदी न संचै नीर अर्थात कुछ प्राकृतिक संपदाएं ऐसी है जो हमारे लिए ही लाभदायक है जिन वृक्षों में फल लगते हैं उनका स्वाद वह खुद नहीं चखते। हम शायद इस समय इस बात को समझ पाने में अक्षम हैं या फिर हम भागम-भाग दौड़ में ध्यान नहीं दे पा रहे। लेकिन इस बीच तेलंगाना के दरिपल्ली रमैया ने अपनी पूरी जिंदगी पेड़ों को समर्पित कर दी। इन्होंने 1 करोड़ पेड़ लगाकर कीर्तिमान स्थापित किया है। इस सराहनीय कार्य के लिए इन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से पुरुस्कृत किया। आज रमैया को देश का ट्री मैन कहा जाता है। तेलंगाना के रेड्डीपल्ली गांव के रमैया ने जब पेड़ों के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने का कार्य शुरु किया तो लोग उनके इस कार्य पर हंसते थे। क्योंकि लोगों को शायद ये पता नहीं था कि एक दिन जब ग्लोबल वार्मिंग का खतरा सामने आएगा तो हर तरफ से वृक्ष संरक्षण की मुहिम शुरु होगी।

सरकार हमेशा टीवी विज्ञापनों एवं अखबारों में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दिए गए विज्ञापनों के जरिए लोगों को वृक्ष लगाने के लिए जागरुक करती है लेकिन एक आम विज्ञापन की तरह एक बार देखने के बाद किसी का ध्यान विज्ञापन में दिए गए संदेश पर नहीं जाता।

कुछ लोग रमैया जैसे भी होते हैं जो स्वयं में एक संस्था बनकर कार्य करते हैं। अपने काम के जरिए वह एक संदेश देते हैं। हम सबके लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। लोग भगवान की खोजने की ख्वाहिश रखते हैं लेकिन ये भूल करते हैं कि भगवान किसी न किसी रूप में उनके आसपास ही मौजूद है। इसी प्रकार रमैया प्रकृति को ही अपना भगवान मानते हैं। वृक्ष लगाने के लिए वह इतना जागरुक हैं कि वह पेड़-पौधों की जानकारी रखने के लिए अपने आस-पास के बुक-स्टॉल से किताबें खरीदकर पढ़ते हैं।

वह साईकिल पर पेड़ रखकर चलते और जहां कहीं भी उन्हें खाली जगह मिलती वहां पर पेड़ लगा देते। शुरुआत में वह नीम,कदंब व पीपल के पौधों का रोपण करते। धीरे-धीरे वह इस कार्य को बड़े स्तर पर बढ़ाते चले गए। और अपने आस-पास के इलाके को हरा-भरा कर दिया। उनके बारे में कहा जाता है कि वह पेड़ो का पालन-पोषण एक छोटे बच्चे की तरह करते हैं। निरंतर पेड़ लगाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए वह पौधों के बीज इकट्टा करते हैं जिसके लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी।

English Summary: Meet Environment Protection's superhero 'Tree Man', whom the government honored with Padma Shri ... Published on: 25 November 2017, 05:18 AM IST

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