एक पेड़ पर 51 प्रकार के आम की खेती करता है यह किसान
आज कल हर कोई उच्च शिक्षा पाने के बाद डॉक्टर, इंजिनियर बनकर बडे पदों पर काम करना चाहता है. लेकिन कोई भी खेती को अपना व्यवसाय नही बनाना चाहता है. हमारे देश में खेती को रोज़गार के तौर पे नहीं देखा जाता लेकिन इसी बीच हमारे सामने रवि मंगलेश्वर जैसे उदाहरण भी मौजूद है. जिन्होने 10 वर्ष तक इंजिनियंरिग करने के बाद अपने गांव लौट आए अपने खेत पर एक विशेष आम के पेड़ कि खेती के लिए मशहूर हो गए है. जो लगभग 50 वर्ष पुराना है, इसमें 51 प्रकार की आमों कि किस्म उगती है.
आज कल हर कोई उच्च शिक्षा पाने के बाद डॉक्टर, इंजिनियर बनकर बडे पदों पर काम करना चाहता है. लेकिन कोई भी खेती को अपना व्यवसाय नही बनाना चाहता है. हमारे देश में खेती को रोज़गार के तौर पे नहीं देखा जाता लेकिन इसी बीच हमारे सामने रवि मंगलेश्वर जैसे उदाहरण भी मौजूद है.
जिन्होने 10 वर्ष तक इंजिनियंरिग करने के बाद अपने गांव लौट आए अपने खेत पर एक विशेष आम के पेड़ कि खेती के लिए मशहूर हो गए है. जो लगभग 50 वर्ष पुराना है, इसमें 51 प्रकार की आमों कि किस्म उगती है.
उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ का मलिहाबाद आम की बागवानी के लिए जाना जाता है. आम की कई किस्में यहीं की देन हैं. इन दिनों आम की बाग में फूल आना…
अपने पिता के कदमों पर चलते हुए, रवि ने अपने कौशल और क्षमता के साथ एक सामाजिक सुधार लाने का फैसला किया. रवि, जिन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री अर्जित की और मस्कट में सिविल अभियंता के रूप में 10 वर्षों तक काम किया, उन्होंने अपने क्षेत्र में 100 किसानों की आत्महत्या के बाद किसानो कि स्थिति में सुधार लाने के लिए स्वंय एक किसान बन गए.
भानु प्रताप
कृषि जागरण
English Summary: mango farmer Success StoryPublished on: 05 June 2018, 05:11 AM IST
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