
Success Story: महाराष्ट्र कोल्हापुर जिले के रहने वाले किसान निवृति दादू पाटिल की कहानी हर किसी को प्रेरणा देती है. क्योंकि उन्होंने मेहनत और अपनी नई सोच से अपने साथ-साथ कई किसानों की तकदीर बदल का काम किया है. अपनी नई सोच से वह आज खेती से हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट से अनुसार, किसान निवृति पहले दूसरें किसानों की जमीन पर खेती करते थे, लेकिन आज उनके पास करीब 6 एकड़ का खेत है. जहां उन्होंने पारंपरिक और आधुनिक खेती को मिलाकर बेहतर उत्पादन और मुनाफा कमाया है. उन्होंने अपने खेत में गन्ने की फसल के साथ प्याज की फसल को लगा दिया और फिर होना क्या था मुनाफा इनता की शायद ही किसान निवृति ने सोचना भी नहीं होगा.
वही, देखा जाए तो इस साल पड़ी ठंड से फसल पर काफी असर देखने को मिला है, लेकिन किसान निवृति ने अपने खेत में बेहतर प्रबंधन से फसल को न सिर्फ बचाया बल्कि उसे अच्छा मुनाफा भी कमाया. आइए इनके तरीकों के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...
4 लाख रुपये की शुद्ध आय
जैसा कि आप जानते हैं कि इस बार ठंड अधिक पड़ने से फसलों पर इसका असर पड़ा, लेकिन निवृति ने बेहतर प्रबंधन से अपनी फसलों को बचा लिया. उन्होंने प्याज की फसल से प्रति एकड़ 8 टन उपज ली और इसे 35-40 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचकर 3 लाख रुपये कमाए. ठीक इसी तरह से उन्हें सोयाबीन से 11 क्विंटल और गन्ने से 60-65 टन पैदावार की उम्मीद है. इस तरह, उन्हें साल भर में करीब 4 लाख रुपये की शुद्ध आय होने की संभावना है.
किसान निवृति ने अपनी जमीन का सही उपयोग करके अन्य किसानों को मुकाबले अपनी फसल से अधिक से अधिक उपज प्राप्त की. मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने अपने खेतों में अक्टूबर माह में प्याज बोई और एक महीने बाद उसी मेड़ पर गन्ने की बुआई कर दी. इस मिश्रित खेती से जमीन का पूरा उपयोग हुआ और मुनाफा तेजी से बढ़ा.
नौकरी चले जाने के बाद नहीं मानी हार
निवृति की लगभग 17 साल पहले नौकरी चली गई थी. नौकरी जाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और खेती-किसानी में जुड़ गए. उन्होंने खेती में पूरी ताकत लगाई और इसे वह नौकरी से भी कहीं अधिक कमाई करने लगें. इसी के चलते वह आज के समय में एक सफल किसान की श्रेणी में शामिल हैं. बता दें कि निवृति की सोच उन्हें अन्य किसानों से काफी अलग बनाती है. दरअसल, उन्होंने अपने क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने के लिए वेदगंगा नदी से डेढ़ किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाकर खेतों तक पानी पहुंचाने का काम किया.
खेती का लाभ तकनीक, मेहनत और योजना पर निर्भर
किसान निवृति का मानना है कि खेती सिर्फ किस्मत पर नहीं, बल्कि सही तकनीक, मेहनत और योजना पर निर्भर करती है. उनका कहना है, "अगर हम खेती पर पूरा ध्यान दें और सही तरीके अपनाएं, तो यह एक अच्छी नौकरी की तरह फायदेमंद हो सकती है." उनकी कहानी साबित करती है कि मेहनत और नई सोच से कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है.
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