हरियाणा में पानीपत जिले के उगराखेड़ी गाँव के किसान जसबीर मलिक सब्जी की खेती करते हैं. वह 1988 से 5 एकड़ खेती करते थे लेकिन आज के समय में वह 55 एकड़ सब्जी की खेती कर रहे हैं. इस बीच यह महत्वपूर्ण है कि वह उत्पाद को शुरुआत से मदर डेयरी के बेचते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यहाँ सब्जी के दाम अन्य जगहों से अच्छे मिलते हैं. वह विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाते हैं जिनमें फूलगोभी, बंदगोभी, करेला, धनिया, अरवी, टमाटर, ग्रीन प्याज आदि शामिल हैं. उनके द्वारा आज आधुनिक सब्जी की खेती की जा रही है जिसके लिए वह अन्य किसानों के लिए उदाहरण हैं.
इस बीच जसबीर, सब्जी की खेती के लिए आज पूरे हरियाणा में मशहूर हो गए हैं. कई बार उन्हें सम्मानित किया गया है. आप को बता दें कि जसबीर 2 एकड़ में नेटशेडिंग में खीरा व टमाटर की खेती कर रहे हैं. शुरुआती दौर में 5 एकड़ में धनिया, फूलगोभी, बन्दगोभी, अरवी आदि की खेती की जिस दौरान सब्जी को सीधा मदर डेयरी भेजते थे. वह बताते हैं कि सब्जी को वह मदर डेयरी, रिलायंस फ्रेश व बिगबाजार भेजते हैं जहां उनके द्वारा उगाए गए उत्पाद को काफी पसंद किया जाता है जिसका कारण गुणवत्ता का अच्छा होना है.
इस बीच जसबीर, सब्जी की खेती के लिए आज पूरे हरियाणा में मशहूर हो गए हैं. कई बार उन्हें सम्मानित किया गया है. आप को बता दें कि जसबीर 2 एकड़ में नेटशेडिंग में खीरा व टमाटर की खेती कर रहे हैं. शुरुआती दौर में 5 एकड़ में धनिया, फूलगोभी, बन्दगोभी, अरवी आदि की खेती की जिस दौरान सब्जी को सीधा मदर डेयरी भेजते थे. वह बताते हैं कि सब्जी को वह मदर डेयरी, रिलायंस फ्रेश व बिगबाजार भेजते हैं जहां उनके द्वारा उगाए गए उत्पाद को काफी पसंद किया जाता है जिसका कारण गुणवत्ता का अच्छा होना है.
तकनीकी सहायता (Technical support)
सब्जी की खेती के लिए जसबीर, उद्दान विभाग पानीपत द्वारा एवं कृषि विज्ञान केंद्र, पानीपत द्वारा आयोजित किए दए गोष्ठियों में हिस्सा लेते हैं साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा दी तकनीकी जानकारी हासिल करते हैं.
इसके अतिरिक्त उन्होंने इंडो-इज़रायल प्रोजेक्ट पर आधारित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र, घिरौंडा, करनाल से ड्रिप इरीगेशन, स्प्रिंकलर सिंचाई, मल्चिंग, लो-टनल नेट हाउस, पॉलीहाउस आदि की जानकारी हासिल हुई जिसे वह आज अपने फार्म पर इस्तेमाल करते हैं. इन तकनीकियों की सहायता से वह एक सीजन में तीन फसलें लेते हैं.
फसल सुरक्षा (Crop protection)
जसबीर फसल सुरक्षा की जानकारी हासिल करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र पर जाते हैं जहां वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार सुरक्षा उपाय अपनाते हैं. इसके अतिरिक्त कम खर्च में वैज्ञानिक परामर्श के अनुसार फैरोमैन ट्रैप का इस्तेमाल करते हैं. जिससे कीटों पर नियंत्रण करने में आसानी होती है.
उद्दान विभाग से मिली मदद
जसबीर बताते हैं कि उन्हें उद्दान विभाग के द्वारा आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए मदद मिलती रहती है. मल्चिंग, नेटशेडिंग व पॉलीहाउस के लिए विभाग द्वारा अनुदान मिलता रहता है.
जसबीर मलिक - हरियाणा, पानीपत
मोबाइल नं. - 7027522560
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