अगर आप भी किसी तरह का कोई काम खाद्य उत्पादों से जुड़ा करते हैं, तो आपको समझने की जरूरत है कि इस काम में ग्राहक को कुछ नयापन चाहिए होता है. आपके होटल, रेस्टोरेंट या ढ़ाबे में लोग सिर्फ खाने नहीं, बल्कि माहौल को एंजॉय करने भी आते हैं. एक तरह से भोजन तो आदमी प्रायः घर में भी कर लेता है, मार्केट में तो वो अमूमन अपने मन को प्रसन्न करने ही आता है. ऐसे में आप भी अतुल वाईकर की तरह कुछ अलग तरह की योजना पर काम करते हुए अपने दुकान को चला सकते हैं. चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं.
कोरोना महामारी में तबाह हो गया था बिजनेस
कोरोना महामारी में वैसे तो हर किसी को नुकसान हुआ, लेकिन सबसे अधिक हालत होटल-रेस्टोरेंट इंडस्ट्री की खराब हुई. लॉकडाउन के कारण लगभग 60 से 90 दिनों तक सभी तरह के होटल-रेस्टोरेंट बंद रहे, जिसके कारण वो पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर आ गए. पुणे के वडगांव इलाके के रहने वाले अतुल वाईकर भी इस आपदा के प्रभाव से अछूते नहीं रहे.
लॉकडाउन के बाद नई उड़ान
अतुल का अपना होटल लॉकडाउन के दौरान डूब गया. पैसों की तंगी से घर का बजट पूरी तरह डगमगा गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इस काम को एक बार फिर शुरू करने के लिए उन्होंने नई तरह की योजनाओं पर काम किया. ग्राहकों को अट्रैक्ट करने के लिए उन्हें बेहतरीन ऑफर देने शुरू कर दिए.
नई स्ट्रैटजी आई काम
ग्राहकों के साथ मधुर व्यव्हार और अच्छी मार्केटिंग की बदौलत उनका काम धीरे-धीरे जमने लगा और नुकसान की भरपाई होने लगी. लेकिन अतुल इतने में कहां मानने वाले थे, आखिरकार उन्होंने कुछ बिल्कुल नई तरह की स्ट्रैटेजी अपनाई.
60 मिनट की बुलेट थाली
दरअसल ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्होंने 60 मिनट वाली बुलेट थाली लॉन्च की. अतुल ने लोगों को भरोसा दिलाया कि चार किलो की बुलेट थाली को सिर्फ 60 मिनट में समाप्त करने पर रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइक दी जाएगी. इतना ही नहीं उन्होंने 6 बिलकुल नई चमकदार रॉयल एनफील्ड बाइक भी दुकान के सामने खड़ी कर दी.
2500 की है थाली
बस फिर क्या था, उनका ये आइडिया काम कर गया और देखते ही देखते लोगों की भीड़ दुकान पर उमड़ने लगी. अतुल बताते हैं कि एक थाली की कीमत 2500 रुपए रखी गई है, जो नॉनवेज है. एक थाली में 35 से अधिक अलग-अलग तरह के पकवान परोसे जाते हैं.
व्यापार में नई सोच का होना जरूरी
अतुल के मुताबिक अभी तक उनके इस चैलेंज को सिर्फ एक ग्राहक ही जीत पाया है, जिसे तुरंत सम्मान के साथ उसी वक्त बुलेट बाइक दे दी गई. उनके इस काम की चर्चा इतनी अधिक हुई कि देखते ही देखते नेशनल मीडिया के कई चैनल्स भी दुकान पर कवरेज के लिए आने लगे. अतुल कहते हैं कि व्यापार करने के लिए जरूरी नहीं कि आप किसी को कुछ मुफ्त दें या बुलेट बांटे, बस एक नया आइडिया होना चाहिए. एक नई सोच ही आपको सफलता प्रदान करती है.
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