आधुनिक समय में कई सफल किसान खेती करके बहुत अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं. इन सफल किसानों की सूची में धनंजय महतो का नाम भी शामिल है, जो झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में बोड़ाम प्रखंड के मुचीडीह गांव के रहने वाले हैं. पहले वह सब्जी की खेती करते थे, लेकिन सब्जी की खेती छोड़ गेंदा फूल की खेती करने लगे, जिससे आज उन्हें बहुत अच्छा मुनाफा मिल रहा है. बता दें कि बोड़ाम-पटमदा को सब्जी के हब के तौर पर जाना जाता है, लेकिन अब गेंदा की खेती के रूप में भी क्षेत्र को अलग पहचान मिलने लगी है. इसका पूरा श्रेय किसान धनंजय महतो को जाता है.
लॉकडाउन में की गेंदा फूल की खेती
प्रगतिशील किसान धनंजय महतो के परिवार में कुल 7 सदस्य हैं. वह खेती के भरोसे ही जीवन यापन करते हैं. कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान किसान ने 1 एकड़ में गेंदा की खेती करना शुरू किया. साल 2014-15 में वह एक साधारण किसान थे. इसके बाद गांव में उनका कृषि मित्र के रूप में चयन हुआ. फिर सब्जी की खेती छोड़कर गेंदा की खेती करने लगे. इसके बाद वह उन्नत किसान के रूप में प्रसिद्ध हो गए. वह दूसरे की जमीन को लीज पर लेकर भी गेंदा फूल की खेती करते हैं.
ऐसे बनाई नर्सरी
प्रगतिशील किसान धनंजय महतो ने कोलकाता से फूल का उन्नत चारा लाकर नर्सरी तैयार की. इसके साथ ही डीप इरीगेशन द्वारा सिंचाई का प्रबंध कर रखा है. किसान का कहना है कि वह 1 एकड़ में कम पानी और लागत में खेती करते हैं.
पौधा लगाने का लिया प्रशिक्षण
किसान ने गेंदे के पौधे लगाने का प्रशिक्षण लिया, साथ ही टमाटर की खेती का भी प्रशिक्षण लिया है. इससे प्रेरित होकर किसान ने गेंदे की खेती करने का मन बनाया. इसके बाद कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लग गया, जिससे फूल माला की सप्लाई बाहर नहीं हो पा रही था. मगर स्थानीय बाजार जमशेदपुर ने अच्छी कीमत में फूल माला बनाकर बेचा, जिससे लागत से अधिक मुनाफा मिल गया. अब ये किसान पूरी तरह से आत्मनिर्भर है.
गेंदा की खेती से मुनाफ़ा
किसान को स्थानीय बाजार में गेंदा फूल की माला का 10 से 15 रुपए मिल जाता है, जिससे काफी अच्छा मुनाफा होता है. इसके अलावा बंगाल के पुरुलिया में भी 100 से 150 रुपए प्रति किलो गेंदा फूल बेचते हैं, जिससे लाखों रुपए की कमाई हो सकती है.
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