उड़ीसा के कंधमाल जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती ने अपना पैर जमा लिया है. इस जिले के आदिवासी किसान विशेषकर महिलाओं के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बन रही है.
कंधमाल जिले के कलेक्टर आशीष ईश्वर पाटिल ने कहा कि हमने इस उच्च मूल्य वाली फसल के माध्यम से आदिवासी किसानों विशेषकर महिलाओं की आजीविका और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पायलट आधार पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है, जो पारंपरिक सब्जियों की तुलना में अधिक लाभदायक है.
कंधमाल स्वदेशी विशेष रूप से कमजोर कोंध और कोटिया कंधा जनजातीय समूहों का घर है. यह औसत समुद्र तल से लगभग 600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां के जिला प्रशासन के अनुसार फूलबनी, फिरिंगिया, चाकापाड़ा, रायकिया, बालीगुडा और दारिंगबाड़ी सहित 6 प्रखंडों में पायलट आधार पर सात उपयुक्त इलाकों का चयन किया गया और खेतों को महिला स्वयं सहायता की मदद से बढ़ावा दिया गया.
दरिंगबाड़ी ब्लॉक की महिला एसएचजी, रायकिया ब्लॉक के डब्ल्यूएसएचजी और अन्य महिला समूह प्रति एकड़ 10000 - 15000 रुपये तक की वार्षिक आय के साथ गोभी, फूलगोभी, बीन्स आदि जैसी सर्दियों की सब्जियों की खेती कर रहे थे, लेकिन अब ये महिला एसएचजी एक ही खेत में स्ट्राबेरी उगाकर मात्र 3 से 4 महीने में 2 से 4 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रही हैं.
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