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ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती से 6 महीने में 10 लाख रुपए की हो रही कमाई

प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई करने के बाद आज देश का युवा खेती की ओर बढ़ रहा है. अब उत्तर प्रदेश के महराजगंज के तीन युवाओं ने एमबीए, बीएससी और बीकॉम जैसे प्रोफेशनल सब्जेक्ट की पढ़ाई करके के खेती किसानी की ओर रुख किया है. तीनों ने सामूहिक रूप से सब्जियों की ऑर्गनिक खेती शुरू की. कुछ ही महीनों की मेहनत से तीनों ने 10 लाख रुपये की कमाई की. तो आइए जानते हैं तीनों की सफलता की कहानी-

श्याम दांगी
Organic Farming
Organic Farming

प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई करने के बाद आज देश का युवा खेती की ओर बढ़ रहा है. अब उत्तर प्रदेश के महराजगंज के तीन युवाओं ने एमबीए, बीएससी और बीकॉम जैसे प्रोफेशनल सब्जेक्ट की पढ़ाई करके के खेती किसानी की ओर  रुख किया है. तीनों ने सामूहिक रूप से सब्जियों की ऑर्गनिक खेती शुरू की. कुछ ही महीनों की मेहनत से तीनों ने 10 लाख रुपये की कमाई की. तो आइए जानते हैं तीनों की सफलता की कहानी-

आधुनिक खेती को अपनाया

परंपरागत खेती की बजाय तीनों दोस्त ने आधुनिक खेती को अपनाकर लगभग 5 एकड़ जमीन में ऑर्गनिक तरीके से सब्जियां लगाई. जिसे वे अधिक दाम में उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों जैसे जौनपुर, बनारस और प्रयागराज में बेचा. जिससे उन्हें 10 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा मिला. इसके लिए तीनों दोस्त ने स्थानीय उद्यान विभाग की मदद ली. उन्होंने भिंडी, नेनुआ, बट्टी फल, खीरा के अलावा अन्य मौसमी सब्जियां उगाई.   

कृषि यंत्र अनुदान पर लिए

एमबीए की डिग्री ले चुके दुर्गेश का कहना है कि उन्होंने उद्यान विभाग से अनुदान पर आवश्यक कृषि यंत्र लिए. इसके चलते खेती की लागत कम हुई और मुनाफा बढ़ गया. महज छह महीने बाद ही उन्होंने अपनी सब्जियों और फलों को बाज़ार पहुंचाना शुरू कर दी. युवा फॉर्मर वरुण शाही ने बताया कि उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जिसके चलते मजदूरी, बीज और पानी पर होने वाला खर्च काफी कम हो गई. 

लॉकडाउन में सोशल मीडिया का उपयोग

बता दें कि तीनों दोस्त अपने अनुभव के हिसाब से काम करते हैं वरुण शाही खेतों की जुताई और अन्य सम्बंधित काम देखते हैं. जबकि आदित्य बुवाई, सिंचाई और कीट प्रबंधन से लेकर कटाई तक का काम संभालते हैं. जबकि एमबीए करने वाले साथी सब्जियों और फलों की मार्केटिंग का काम देखते हैं. आदित्य का कहना है कि जब लॉकडाउन को गया उस समय उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करके अपनी सब्जियां बेचीं. उन्होंने लोगों को वाजिब दाम में घरों तक सब्जियां पहुंचाई.

टपक सिंचाई को अपनाया

आदित्य शाही ने बताया कि वह इतना अच्छा मुनाफा इसलिए ले पाए, क्योंकि उन्होंने सिंचाई के लिए टपक विधि को अपनाया. जहां पहले वे एक एकड़ से खर्च निकालकर सिर्फ 30 हजार रुपये ही कमा पाते थे वहीं अब दोगुनी आमदानी हो रही है. 

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English Summary: Cultivation of organic vegetables earns 10 lakh rupees in 6 months Published on: 19 December 2020, 05:19 PM IST

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