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सेवंती के फूलों की खेती कर ये किसान हर साल कमाता है 2 करोड़ रूपये...

भोपाल का एक गाँव गुनखेड़, जहां हर साल खेती बर्बाद हो रही थी. किसान मौसम की मार से बेहाल थे. 255 घरों और 1173 लोगों की आबादी वाले इस छोटे से गांव के किसानो की किस्मत बदलनी तब शुरू हुई जब गांव के एक किसान को नए तरीके से खेती करने का विचार आया.

KJ Staff

भोपाल का एक गाँव गुनखेड़, जहां हर साल खेती बर्बाद हो रही थी. किसान मौसम की मार से बेहाल थे. 255 घरों और 1173 लोगों की आबादी वाले इस छोटे से गांव के किसानो की किस्मत बदलनी तब शुरू हुई जब गांव के एक किसान को नए तरीके से खेती करने का विचार आया. इसे उसने अमली जामा पहनाने के लिए सेवंती के फूलों की खेती शुरू की और देखते-देखते लाखों रुपए कमाने लगा. उसे फायदा हुआ तो दूसरे किसानों ने भी सेवंती के फूलों की खेती शुरू कर दी. अब इस खेती से गांव के किसान करोड़ों रुपए कमा रहे हैं.

असल में, गुनखेड़ गांव परंपरागत किसानी पर निर्भर रहा है. ऐसे में गांव के किसान हनुमंतराव कनाठे ने सेवंती के फूलों की खेती करने की सोची. उससे इससे फायदा मिला. किसान यहीं नहीं रुका, उसने खेती के उन्नत तरीके सीखने लिए नीदरलैंड का दौरा किया था.

नतीजा ये रहा कि किसान हनुमंतराव कनाठे की देखा देखी गांव के दूसरे किसानों ने भी यही खेती शुरू कर दी. गांव में हर साल 70 एकड़ जमीन पर सेवंती के फूलों की खेती हो रही है. इससे हर साल किसानों को दो करोड़ रुपए की आमदनी हो रही है. किसानों के लिए सेवंती के फूलों की खेती वरदान साबित हो रही है.

मेहनत के बाद भी कुछ नहीं मिल रहा था

गुनखेड़ गांव पूरी तरह से खेती पर ही निर्भर रहा है. ऐसे में परंपरागत खेती करते थे और साल मेहनत भी करते थे, लेकिन मौसम की मार से किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा था. गांव के उन्नतशील किसान हनुमंतराव कनाठे ने सेवंती के फूलों की खेती शुरू की, उन्हें इसका जबरदस्त फायदा हुआ. अब वह हर साल 2.5 एकड़ जमीन पर सेवंती के फूलों की खेती करता है.

विदेश से भी सीखी उन्‍नत तकनीक

गुनखेड़ी निवासी हनुमंतराव कनाठे की खेती एवं सामुदायिक विकास में को देखते हुए उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में उन्हें हॉलैंड- नीदरलैंड की विदेश यात्रा पर भी भेजा गया, जहां से फूलों की खेती एवं विपणन के नए गुर सीख कर आये हनुमंतराव नई ऊर्जा से फूलों की खेती में लग गए हैं.

एक व्यक्ति से प्रेरणा लेकर पूरे गांव का विकास किस तरह से हो सकता है इसका एक अच्छा उदाहरण बन गए श्री कनाठे का मानना है कि नई पीढ़ी के किसानों को अब व्यवसायिक खेती की ओर जाने का प्रयास करना चाहिए.

पहली बार में ही 55 हजार का फायदा
पहले ही साल में हनुमंतराव की मेहनत रंग लाई और मात्र 3 तीन हजार रुपए खर्च कर 55 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया. सेवंती के फूलों से हुए इस लाभ से प्रोत्साहित होकर हनुमंतराव ने अगले वर्ष इसके दुगने क्षेत्र में सेवंती के फूलों की खेती की. वर्तमान में लगभग 2.5 एकड़ जमीन में सेवंती, रजनीगंधा, गेंदा, डेजी एवं अन्य फूलों की खेती कर लाभ कमा रहे हैं.

गांव में आ गया व्यापक बदलाव 

पिछले 10 सालों में सेवंती की खेती के कारण गुनखेड़ गांव के लोगों के रहन-सहन में भी बहुत सुधार हुआ है. वर्तमान में गांव में लगभग सभी किसानों के पक्के मकान हैं, सभी अपने बच्चों को जिले के निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेज रहे हैं, साथ ही सभी आधुनिक सुख-सुविधा के साधन गांव में ही उपलब्ध है.

English Summary: By cultivating the Sevanti flowers, this farmer earns Rs. 2 crores every year ... Published on: 02 March 2018, 11:05 PM IST

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