1. Home
  2. खेती-बाड़ी

शेडनेट हाउस से मिलेगी खेती में सफलता, एक बार ज़रूर अपनाएं

आजकल किसानों के बीच खेती करने की नई-नई तकनीक लोकप्रिय होती जा रही हैं, क्योंकि कुछ नई तकनीक से किसान अपने अनुसार खेती कर सकता है, जिससे उन्हें फसलों से काफी अच्छा मुनाफ़ा भी मिलता है. सभी जानते हैं

कंचन मौर्य

आजकल किसानों के बीच खेती करने की नई-नई तकनीक लोकप्रिय होती जा रही हैं, क्योंकि कुछ नई तकनीक से किसान अपने अनुसार खेती कर सकता है, जिससे उन्हें फसलों से काफी अच्छा मुनाफ़ा भी मिलता है. सभी जानते हैं कि हमेशा किसानों ने मौसम की मार झेली है. हर साल  किसी न किसी प्राकृतिक आपदा से फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसे में किसानों के लिए शेडनेट हाउस में खेती करने का विकल्प बहुत अच्छा है. इससे किसान अपनी फसल को मौसम और प्राकृतिक आपदा से बचा सकता है. आज हम अपने इस लेख में शेडनेट हाउस खेती से जुड़ी सारी जानकारियां देंगे, तो इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ते रहें.

क्या है शेडनेट हाउस?

इसको स्टील पाइप या अन्य बुनी हुई सामग्री से तैयार किया जाता है जिसको हवादार नेट से ढंक दिया जाता है, ताकि धूप, नमी और वायु का प्रवेश होता रहे. इसमें पौधे का विकास अच्छे से होता है, क्योंकि ये उचित सूक्ष्म वातावरण बनाता है. साफ़ शब्दों में कहें, तो शेडनेट हाउस प्लास्टिक की मच्छरदानी का संशोधित रूप है. इसमें खेती करने के लिए उस फसल का चुनाव किया जाता है, जिसे कम सूर्य की रोशनी की ज़रूरत होती है, साथ ही उन फसलों की खेती की जाती है, जो अधिक तापमान पर नहीं हो पाती हैं. यह ग्रीन हाउस के सिद्धांत पर ही काम करता है जिसमें सब्ज़ियों और फलों के पौधों की नर्सरी तैयार हो सकती है. इसको शेडनेट घर या नेट घर भी कहा जाता है.

शेडनेट हाउस के उपयोग

यह हाउस फूल, बेलबूटेदार, जड़ी-बूटी, सब्ज़ियों और मसालों की खेती में मददगार साबित है.

ये फलों और सब्ज़ियों की नर्सरी, जंगली प्रजातियों आदि के लिए उपयोग होता है.

कृषि उत्पादों की सुखाई में मदद करता है.

यह फसल को कीट प्रकोप से भी बचाता है.

फसल की आंधी,बारिश,ओले और पाले जैसे प्राकृतिक प्रकोप से सुरक्षा करता है.

टिशू कल्चर के पौधों की मज़बूती के लिए उपयोग होता है.

कैसे बनाएं शेडनेट हाउस?

शेडनेट हाउस को फसल के प्रकार, स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री और स्थानीय मौसम के अनुसार बनाना चाहिए.

जगह का चयन

इसके लिए ऐसी जगह का चयन करें, जहां से फसल की उपज को बाज़ार से आसानी से जोड़ा जा सके. इसको पेड़ और वायु प्रदूषण से दूर लगाना चाहिए, तो वहीं शेडनेट हाउस के पास पानी निकास की समस्या नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा बिजली और पानी का प्रावधान होना चाहिए.

शेडनेट हाउस की सामग्री

नींव के खम्भे

कड़ी और सिरे की फ्रेम

दरवाज़े की फ्रेम

छल्ले

छत एवं साइड के कवर

नींव की ग्राउटिंग

रास्ते की फ़र्श

जंगरोधी उपचार

आपको बता दें कि शेडनेट हाउस की डिज़ाइन आवश्यकता और इंजीनियरिंग पर निर्भर होती है. आप इसको फसल, मौसम और अपने अनुसार बनवा सकते हैं.

शेडनेट हाउस योजना में सब्सिडी

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत शेडनेट हाउस पर लगभग 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रखी है.

English Summary: shednet house will give success in farming Published on: 14 January 2020, 01:51 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News