1. Home
  2. सफल किसान

सिंचाई की इस तकनीक को अपनाकर किसान ने बेकार पड़ी 4 एकड़ खेत में उगाई सब्जियां, मिल सकता है 25 लाख का इनाम

खेतीबाड़ी में सिंचाई प्रणाली का बहुत महत्व होता है. अगर फसलों की सिंचाई पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो इसका सीधा प्रभाव फसल की पैदावार पर पड़ता है. कई बार खेती में सिंचाई कम या ज्यादा होने के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई तकनीक की जानकारी अवश्य रखनी चाहिए. इसी कड़ी में बिहार के मुजफ्फरपुर के पिलखी गांव में रहने वाले लालबाबू सहनी एक सफल किसान बनकर उभरे हैं. उन्होंने सिंचाई की नई तकनीक अपनाकर न सिर्फ अपना जीवन बदला है,

कंचन मौर्य

खेतीबाड़ी में सिंचाई प्रणाली का बहुत महत्व होता है. अगर फसलों की सिंचाई पर समय रहते  ध्यान न दिया जाए, तो इसका सीधा प्रभाव फसल की पैदावार पर पड़ता है. कई बार खेती में सिंचाई कम या ज्यादा होने के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई तकनीक की जानकारी अवश्य रखनी चाहिए. इसी कड़ी में बिहार के मुजफ्फरपुर के पिलखी गांव में रहने वाले लालबाबू सहनी एक सफल किसान बनकर उभरे हैं. उन्होंने सिंचाई की नई तकनीक अपनाकर न सिर्फ अपना जीवन बदला है, बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं. इस नई तकनीक द्वारा खेती की लागत कम हई, तो वहीं मुनाफ़ा बढ़ा है. इस सफलता के बाद किसान राष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाले 25 लाख रुपए के पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो गए हैं.

किसान ने सोलर बोट सिंचाई प्रणाली को अपनाया

आपको बता दें कि किसान लालबाबू सहनी ने केंद्रीय कृषि विवि पूसा की सोलर बोट सिंचाई प्रणाली को अपनाया है. उन्होंने ढाब इलाके में बेकार पड़ी भूमि को पट्टे पर लिया और उस पर सब्जी की खेती करना शुरू किया. किसान को यह तकनीक सपोर्ट फाउंडेशन द्वारा इसी साल जनवरी में दी गई. जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल कृषि अभियंत्रण के कई वैज्ञानिक ने मिलकर सोलर बोट सिस्टम से सिंचाई प्रणाली विकसित की थी. इस तकनीक को नदी से जोड़कर प्रति सेकंड लगभग 5 लीटर से अधिक पानी निकाला जा सकता है, जिसके द्वारा फसलों की सिंचाई की जा सकती है.   

बोट सिंचाई प्रणाली से खेती

सबसे पहले किसान ने सस्ते में ढाब की बेकार पड़ी 4 एकड़ भूमि को पट्टे पर लिया. इसके बाद भिंडी, नेनुआ, कद्दू, खीरा, बैगन आदि की खेती करना शुरू किया. बता दें कि भूमि बूढ़ी गंडक नदी के किनारे ऊपरी हिस्से में है. किसान से बोट सिस्टम को अपानाते हुए इस नदी के पानी द्वारा खेती की सिंचाई की.

किसान को हुआ अच्छा मुनाफ़ा 

किसान की मानें, तो उन्हें बीते 4 महीनों में सब्जियों की खेती से काफी अच्छा मुनाफा मिला है. इस तकनीक को अपनाकर डीजल की काफी बचत हुई है. इस तरह किसान ने खेती में लगभग  40 हजार रुपए की बचत की है. बताया जा रहा है कि किसान ने इस साल अपने नए और पुराने खेत की फसलों को मिलाकर लगभग 2 लाख रुपए की सब्जियां बेची हैं.

बिहार के लिए गौरव की बात

कृषि वैज्ञानिक का मानना है कि किसान लालबाबू के इस सफलता को राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद (मैनेज) की रफ्तार योजना में प्रस्तावित किया गया है. यह बिहार का इकलौता आवेदन है. इसके लिए किसान को संस्थान द्वारा 2 महीने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.  चयनित किसानों की सूची जल्द ही जारी की जाएगी. किसान को यह राशि परियोजना के विस्तार के लिए मिलेगी, जो कि बिहार के लिए गौरव की बात है.

ये खबर भी पढ़ें: कद्दूवर्गीय सब्जियों पर लगने वाले प्रमुख कीटों की ऐसे करें रोकथाम

English Summary: Bihar farmer cultivates vegetables with solar boat irrigation technique Published on: 06 June 2020, 02:18 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News