मंगाई के इस दौर में कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छे आइडिया और प्लानिंग की जरूरत होती है, इसके बाद नंबर आता है पूंजी और अनुभव का. लेकिन आडिया और प्लानिंग सटीक ना हो तो पूंजी के साथ-साथ आपका अनुभव भी बेकार चला जाएगा. गौरतलब है कि लॉकडाउन में नौकरी पेशा और घर से बाहर काम करने वाले लोगों ने इस बात को जरूर महसूस किया होगा कि अगर घर के पास ही कोई बिजनेस हो तो इससे अच्छा कुछ नहीं. हम आपको ऐसे ही कुछ बिजनेस आइडिया के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें करके आप सभी टेंशन मुक्त हो जाएंगे. इस तरह के बिजनेस की शुरूआत करके आप ना केवल घर-परिवार के साथ जुड़े रहेंगे बल्कि अपने खेत खलियानों में भी समय लगा पाएंगे. अगर आप किसान है तो इस लेख को पढ़ने के बाद आप एक तीर से दो निशाने भी लगा सकते हैं. यानी हर तरह से आप फायदे में हैं. तो जान लेते हैं कि कृषि क्षेत्र से जुड़े 10 बड़े बिजनेस आइडिया के बारे में. खास बात ये है कि जो आडिया हम आपको बताने जा रहा हैं उन पर सरकार भी मदद करती है.
डेयरी उद्योग (Dairy industry)
ये एक ऐसा उद्योग है जो कभी कम नहीं होगा, क्योंकि अच्छी क्वालिटी के दूध की सभी को जरूरत है, और आबादी के हिसाब से देश में पशुओं की संख्या बहुत कम है. कई बार दूध और उससे बने प्रॉडक्ट में मिलावट की शिकायतें भी आती रहती है. ऐसे में डेयरी का कारोबार करना फायदे का सौदा हो सकता है. इसलिए दूध उद्योग का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इतना ही नहीं, अमूल, मदर डेयरी, साँची जैसी बड़ी-बड़ी डेरी फर्मो ने गांव-गांव से दूध इकठ्ठा करना शुरू कर दिया है. गांव में कम पूंजी पर डेयरी शुरू करके इसे धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं. अगर आप इस काम को अच्छी प्लानिंग के साथ करेंगे तो बहुत बड़ा बिजनेस खड़ा कर सकते हैं. इस तरह के काम पर सरकार भी अच्छी-खासी सब्सिडी देती है. यह बिजनेस 5 से 10 गाय या भैंसों से शुरू किया जा सकता है.
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अगर आपको डेयरी उद्योग से जुड़ी ज्यादा जानकारी चाहिए तो नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट (NDRI) करनाल, हरियाणा में संपर्क किया जा सकता है.
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इसके अलावा नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट, आणंद (गुजरात) या बैंक डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन, पुणे (महाराष्ट्र) से भी ट्रेनिंग ले सकते हैं.
पोल्ट्री फार्म (Poultry farm)
चिकन और अंडों की हमारे देश में भारी खपत है. वैसे तो पूरे साल अंडें खाय जाते हैं लेकिन सर्दियों के दिनों में अंडों की मांग ज्यादा बढ़ जाती है. पोल्ट्री फार्म शुरू कर दो तरह के बिजनेस कर सकते हैं, इससे अंडों और मुर्गों दोनों का उत्पादन कर भारी मुनाफा कमाया जा सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रीशन के मुताबिक प्रत्येक मनुष्य को हर साल 180 अंडे और 11 किलोग्राम चिकन मीट खाना चाहिए. पोल्ट्री फार्म को खोलने से पहले अच्छी प्लानिंग और जानकरी की जरूरत होती है. अगर कुछ खास नस्ल के मुर्गों को रखा जाए तो मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश समते देश के कई राज्यों में कड़कनाथ मुर्गों का पालन कर भारी मुनाफा काटा जा रहा है. इसके लिए भी सरकार मदद करती है. अगर आप भी मुर्गी पालन के व्यव्साय से जुड़ना चाहते हैं तो खास किस्म की मुर्गियों का चुनाव करें. मुर्गी पालन से जुड़ी जानकारी के लिए आप निम्न कंपनियों में संपर्क कर सकते हैं, जो आपको चूजें और दाने दिलाने में भी मदद करेगी:
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वेंकटेश्वर रिसर्च एंड ब्रीडिंग फार्म प्राइवेट लिमिटेड.
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बीवी बायो कार्प प्राइवेट लिमिटेड.
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उत्तरा फूड्स एंड फीड प्राइवेट लिमिटेड.
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वैंकीस इंडिया लिमिटेड.
बटेर पालन
मुर्गी पालन की तरह ही बटेर पालन का व्यवसाय भी है. इसके लिए भी आवास, पूंजी, दानों और चूंजों की जरूरत पड़ेगी. मुर्गियों के मुकाबले बटेर छोटे होते होते हैं लेकिन इनका रेट हाई रहते हैं. इस बिजनेस को 50 हजार की पूंजी में भी शुरू किया जा सकता है. मुर्गियों की तुलना में ये अधिक गर्मी सह सकते है.
बकरी और भेड़ पालन
बकरे के मांस की भी भारत में बहुत डिमांड है. जरूरत के हिसाब से उन्नत नस्लों की बकरे और बकरियां रखें. संकर नस्ल की बकरी के पालन के परिणाम बहुत उत्साहजनक हैं,क्योंकि ये बकरे रोगों के प्रति कम संवेदनशील होते हैं और इनका मांस का स्वाद भी अच्छा रहता है. इस नस्ल के बकरे 6 महीने में 25 किलो तक के हो जाते हैं. इसके अलावा बकरियों का दूध भी काफी महंगा बिकता है. भारत में बकरियों की 20 से भी ज्यादा नस्लें पाई जाती है. इन बकरियों को नस्लों के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है-
दुधारू नस्लें
इसमें जमुनापारी, सूरती, जखराना, बरबरी और बीटल आदि नस्लें शामिल हैं.
माँसोत्पादक नस्लें
इनमें ब्लेक बंगाल, उस्मानाबादी, मारवाडी, मेहसाना, संगमनेरी, कच्छी तथा सिरोही नस्लें शामिल हैं.
ऊन उत्पादक नस्लें
इनमें कश्मीरी, चाँगथाँग, गद्दी, चेगू आदि है जिनसे पश्मीना की प्राप्ति होती है.
बकरी पालन के लिए यहां से लें ट्रेनिंग:
बकरी पालन के लिए ट्रेनिंग लेने हेतु सभी राज्यों में संस्थाएं है, उत्तर प्रदेश के मथुरा से भी इसकी ट्रेनिंग ले सकते हैं. इसका पता- केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मकदूम फरह, मथुरा, उत्तर प्रदेश है.
इनके अलावा मछली पालन, मधुमक्खी पालन, आटा चक्की का बिजनेस, मोती उत्पादन का बिजनेस, मशरूम की खेती और फूलों की खेती या पौधों की नर्सरी के जरिए भी अच्छी आमदनी कमाई जा सकती है.
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