मिटटी जांच प्रयोगशाला से हमारा अभिप्राय मिटटी की जांच के लिए बनायीं गई प्रयोगशाला के बिज़नेस से है वर्तमान में हम ग्रामीण इलाकों जहाँ कृषि की जाती है देखंगे तो हमें इस प्रकार की प्रयोगशालाओं का अभाव दिखाई देता है इसलिए जहाँ जहाँ भी कृषि की जाती है या कृषि की संभावनाएं हैं इस प्रकार की प्रयोगशालाएं आसानी से चल सकती हैं | यद्यपि इस प्रकार की सर्विसेज सरकारी विभागों द्वारा दी जाती हैं लेकिन किसानो की मांगों को देखते हुए वे पर्याप्त नहीं है वर्तमान में लोग हर बिज़नेस के प्रति जागरूक दिखाई देते हैं, यही कारण है की जहाँ बीच में लोगों का ध्यान कृषि एवं कृषि से समबन्धित व्यवसायों से हट गया था अब तकनिकी जानकारी के आधार पर खेती करने से अच्छे परिणाम मिलने के कारण लोगों का ध्यान फिर से इस ओर आकर्षित हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत सारे ग्रामीण इलाके ऐसे हैं जहाँ पुरानी पद्यति से ही कृषि की जाती है क्योंकि अक्सर नवयुवक एवं पढ़ा लिखा वर्ग कृषि सम्बन्धी क्रियाकलापों पर ध्यान देता नहीं है और बुजुर्ग पारम्परिक तरीके से ही कृषि सम्बन्धी क्रियाकलापों में क्रियाशील रहते हैं | इसलिए मिटटी जांच प्रयोगशाला में यदि कोई उद्यमी अपने बिज़नेस को एक निश्चित क्षेत्र में प्रमोट करने में सफल हो गया तो इसमें अच्छी संभावनाएं विद्यमान हैं |
मृदा जाँच व्यवसाय क्या है : मिटटी जांच प्रयोगशाला को समझने से पहले यह समझ लेना जरुरी है की जब कभी भारत की जनसँख्या 50 लाख भी रही होगी तब भी भारत का क्षेत्रफल लगभग इतना ही होगा जितना की आज है और आज भारत की जनसँख्या लगभग डेढ़ गुनी है तो क्षेत्रफल उतना ही है | कहने का आशय यह है की जनसँख्या बढ़ने के साथ साथ कृषि सम्बन्धी भूमि घटती जा रही है इसलिए अब तकनिकी रूप से कौन सी मिटटी में कौन सी फसल का उत्पादन अधिक किया जा सकता है इसकी जांच करना जरुरी हो गया है हालांकि कुछ किसानों में इस जानकारी का अभाव देखा जा सकता है | लेकिन ऐसे क्षेत्र जहाँ इन सबके बावजूद अभी भी कृषि की जाती है इस बिज़नेस के लिए उपयुक्त क्षेत्र माने गए हैं | वर्तमान में हर कोई किसान चाहता है, की उसके खेतों में अधिक पैदावार हो और यह अधिक पैदावार पुरानी पद्यति से आज के समय में संभव नहीं है इसलिए किसानो को समय समय पर मिटटी की जांच कराने की आवश्यकता होती है की उस मिटटी में कौन कौन सी फसल उग सकती है | इसलिए जब किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न उपकरण रखकर एक प्रयोगशाला का निर्माण करके उसमें मिटटी की जांच की जाएगी तो उसे मिटटी जांच प्रयोगशाला कहा जाता है |
SOIL TESTING LAB BUSINESS MODEL IN HINDI: जहाँ तक मिटटी जांच प्रयोगशाला को शुरू करने का सवाल है इसे कोई भी स्टार्ट कर सकता है लेकिन यह उन लोगों के लिए एक परफेक्ट बिज़नेस है जिनका शैक्षणिक बैकग्राउंड एग्रीकल्चर, BIOTECHNOLOGY, MICROBIOLOGY, CHEMISTRY है | यदि आपका भी शैक्षणिक बैकग्राउंड इनमें से कुछ है तो आप यह बिज़नेस पूर्ण विश्वास के साथ शुरू कर सकते हैं | मिटटी जांच प्रयोगशाला को दो तरीके से स्टार्ट किया जा सकता है पहले तरीके में प्रयोगशाला एक दुकान किराये पर लेकर खोली जा सकती है अर्थात कहने का आशय यह है की पहली प्रयोगशाला ऐसी होगी जो एक ही जगह पर होगी अर्थात उसे ग्राहकों की जरूरतों के आधार पर ईधर उधर नहीं ले जाया जा सकता, इस प्रकार की प्रयोगशाला को अंग्रेजी में IMMOVABLE SOIL TESTING LABORATORY कहते हैं | और दूसरी प्रयोगशाला ऐसी होती है जिसे इधर उधर ले जाया जा सकता है इसे अंग्रेजी में MOBILE SOIL TESTING VAN कहते हैं | पहले तरीके में उद्यमी ऐसी मिटटी को जांचेगा जो उसकी प्रयोगशाला में किसी के द्वारा भेजी या लायी जाएगी और उसके बाद उसकी रिपोर्ट ईमेल या प्रिंट आउट लेकर ग्राहक को भेज दी जाएगी | और दुसरे तरीके में क्योंकि उद्यमी ने प्रयोगशाला एक VAN के नादर स्थापित की है इसलिए खेतों में जाकर भी मिटटी के सैंपल लिए जा सकते हैं और उस मिटटी की तुरंत जांच करके ग्राहक को रिपोर्ट दी जा सकती है | हालांकि पहले की तुलना में दूसरा विकल्प अधिक लाभकारी हो सकता है इसलिए जहाँ तक इसमें निवेश का भी सवाल है वह पहले विकल्प की तुलना में अधिक ही है |
SOIL TESTING LAB में कौन कौन सी सर्विस दी जा सकती हैं: मिटटी जांच प्रयोगशाला में सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पेश की जा सकती है | इस बिज़नेस को उद्यमी छोटे से स्तर से शुरू कर सकता है और जब उसे पूरा आत्मविश्वास हो जाय तो इस बिज़नेस को उसी आधार पर बढ़ा भी सकता है | कोई भी उद्यमी जब एक प्रयोगशाला स्थापित करता है तो यह प्रयोगशाला उसके लिए कई सारे अवसर लेके आती है | कृषि के अलावा उद्यमी खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी टारगेट कर सकता है इसके अतिरिक्त ऐसी कंपनियां जो बीज, जैव ईधन, उर्वरक, कृषि मशीनरी इत्यादि का विनिर्माण करते हैं ऐसी कंपनियों को भी बाद में उद्यमी द्वारा सर्विस दी जा सकती है | एक मिटटी जांच प्रयोगशाला द्वारा निम्न सेवाएँ अपने ग्राहकों को दी जा सकती हैं |
- ग्राहक की खेती परियोजना के आधार पर मिटटी की उपयुक्तता का मूल्याङ्कन एवं निर्धारण करना |
- मिटटी की जांच सम्बन्धी मूलभूत सेवाएँ जैसे PH संतुलन, बफर PH, P205, K20,Ca, Mg, C.E.C (CATION EXCHANGE CAPACITY) इत्यादि का स्तर उर्वरक की आवश्यकता के साथ और के बिना भी जांच करना |
- मिटटी की बनावट की विशेषता
- मिटटी की CONDUCTIVITY
- मिट्टी में कार्बनिक पदार्थो की उपलब्धता
- मिट्टी में माध्यमिक और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता या कमी का आकलन करना |
- फसल के अनुसार, मिट्टी की तैयारी इत्यादि कैसे हो |
मिटटी जांच प्रयोगशाला के लिए लागत: मिटटी जांच प्रयोगशाला में यदि हम इन्वेस्टमेंट अर्थात निवेश की बात करें तो हम पाएंगे की मुख्य रूप से प्रयोगशाला के लिए उपकरण एवं प्रयोगशाला निर्माण के लिए जगह दो मुख्य इन्वेस्टमेंट इसमें चाहिए होते हैं | वह व्यक्ति जो इस औद्योगिक क्षेत्र में नया हो उसे जगह खरीदने की बाजार किराये पर लेना ज्यादा सुरक्षित एवं लाभकारी माना जा सकता है | लेकिन किराये पर जगह ध्यान में लेने से पहले उद्यमी को इस बात का ध्यान रखना होगा की प्रयोगशाला अर्थात लेबोरेटरी के अलावा छोटी सी जगह एक ऑफिस बनाने के लिए भी चाहिए होगी जहाँ से उद्यमी मिटटी के सैंपल रिसीव जांच इत्यादि की रिपोर्ट का प्रिंटआउट या इन्टनेट पर ई मेल, बिल इत्यादि का कार्य कर सके | इस बिज़नेस को करने में स्थिर लागत की बजाय उद्यमी को कार्यशील पूंजी का प्रबंध करना होगा क्योंकि मिटटी जांच प्रयोगशाला को करने में उद्यमी को बार बार अर्थात महीने के आधार पर प्रयोगशाला में उपयोग में लाये जाने वाले केमिकल, अन्य यूटिलिटी बिल जैसे पीने के पानी, चाय काफी इत्यादि एवं MANPOWER COST, और अपने बिज़नेस के उत्थ्हन के लिए विज्ञापनों पर भी खर्च करना पड़ सकता है | उद्यमी को चाहिए की वह अपने सम्बंधित राज्य में राज्य एवं केंद्र सरकारों की योजनाओं के बारे में जाने की क्या कोई ऐसी योजना है जो इस बिज़नेस अर्थात मिटटी जांच प्रयोगशाला को करने के लिए सब्सिडी ऋण प्रदान करती हैं | हालांकि सरकार ने उद्यमिता एवं उद्यम को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनायें जैसे प्रधानमंत्री जनरेशन एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम,प्रधानमंत्री मुद्रा योजना इत्यादि की संरचना की है |
शुरू करने के दौरान या पहले कुछ महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली बातें :
मिटटी जांच प्रयोगशाला शुरू करने से पहले या करने के दौरान उद्यमी को जिन बातों का ध्यान रखना पड़ेगा उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |
- बिज़नेस को स्टार्ट करने से पहले उद्यमी को चाहिए की वह अपने मिटटी जांच प्रयोगशाला के लिए एक प्रभावी बिज़नेस प्लान बनाने की आवश्यकता होगी जिसमे उद्यमी अपने बिज़नेस के लिए बहुत सारे तत्वों का निर्धारण जैसे वह किस प्रकार की सर्विस अपने ग्राहकों को देगा, वह इस बिज़नेस में कितना निवेश करेगा, और वह अपने बिज़नेस को कैसे प्रमोट करेगा इत्यादि का विस्तृत ब्यौरा होगा |
- उद्यमी को यह भी प्लान करना पड़ेगा की उसे अपने इस बिज़नेस के लिए कितने और कैसे कर्मचारियों की आवश्यकता होगी क्योंकि इस बिज़नेस में कार्यशील पूंजी एक बड़ा भाग कर्मचारियों के वेतन पर जा सकता है इसलिए उद्यमी को अपने कार्य की आवश्यकता एवं बजट के मुताबिक ही यह प्लान करना पड़ेगा |
- अपने क्षेत्र में इस बिज़नेस के लिए आवश्यक लाइसेंस के लिए पता करें जैसे की नगर निगम से किसी प्रकार की कोई परमिशन या लाइसेंस की आवश्यकता तो नही है या फिर राज्य या राष्ट्र की अन्य किसी अथॉरिटी से कोई लाइसेंस या परमिशन की आवश्यकता है की नहीं | इसके अलावा कर पंजीकरण कराना भी आवश्यक हो सकता है
- मिटटी जांच प्रयोगशाला के लिए उद्यमी के पास उसकी MARKETING STRATEGY होना बेहद आवश्यक है कहने का अभिप्राय यह है की उद्यमी को पता होना चाहिए की वह किन क्षेत्र के किसानों को टारगेट करके यह बिज़नेस शुरू कर रहा है और उसकी प्रतिदिन कम से कम सेल क्या होफी और वह किस तरह से अपने बिज़नेस को आगे विस्तारित करेगा |
- चूँकि यह बिज़नेस प्रयोगशाला के उपकरणों पर आधारित बिज़नेस है अर्थात जो नतीजे उपकरणों द्वारा लैब तकनीशियन को दिखाई देंगे वही नतीजे ग्राहक को भेज दिए जायेंगे इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह अच्छी गुणवत्तायुक्त उपकरण जिनका ACCURACY RATE HIGH हो ही ख़रीदे |
अपने मिटटी जांच प्रयोगशाला को प्रमोट करने के लिए उद्यमी चाहे तो किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत कर सकता है और इसके अलावा ऑनलाइन या इन्टरनेट के माध्यम से भी अपने बिज़नेस को प्रमोटे कर सकता है इसके लिए उद्यमी को अपनी एक वेबसाइट बनानी होगी | ताकि जरूरतमंद किसान या अन्य ग्राहक उद्यमी को इन्टरनेट के माध्यम से भी संपर्क कर सकें |
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