बढ़ती हुई बेरोजगारी में कमाई के नये रास्ते खोले जा सकते हैं. गया के व्यपारियों ने एक बार फिर इस बात को सिद्ध कर दिया है. रोजगार की तलाश कर रहे उत्तर भारत के नौजवान अगर चाहें तो पारंपरिक मिठाइयों के सहारे बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. आज गया में हजारों लोग 'तिलकुट' बनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहें हैं. चलिये आपको बताते हैं कैसे आप भी तिलकुट व्यवसाय के सहारे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
ऐसे बनता है तिलकुटः
प्राप्त जानकारी के मुताबिक तिलकुट बनाने के हजारों तरीके हैं. लेकिन मुख्य रूप से दो तरह के तिलकुट अधिक लोकप्रिय हैं. पहला है तिल और चीनी से बना तिलकुट और दूसरा है गुड़ से बना तिलकुट. इसे बनाने की विधि भी कोई खास मुश्किल नहीं है. निश्चित मात्रा में तिल और चीनी/गुड़ के मिश्रण को सबसे गर्म तापमान पर तैयार किया जाता है. इसके बाद अच्छी तरह कूटाई करते हुये इन्हें गोल आकार दिया जाता है. ध्यान रहे कि मिश्रण और कूटने की प्रक्रिया ही तिलकुट के पूरे स्वाद को प्रभावित करती है.
गया में मिलने वाली तिलकुट की कई किस्मेः
गया शहर में आज हजारों लोग मावेदार तिलकुट, खोया तिलकुट या चीनी तिलकुट आदि बनाकर मुनाफा कमा रहे हैं. यहां की रमना और टिकारी रोड तो ठंड के समय तिलकुट से गुलजार रहते हैं. विदेशी पर्यटक भी तिलकुट के दिवाने हैं.
कमाई की संभावनाः
इस धंधें में कमाई की प्रबल संभावना है. मकर संक्रांति होने के चलते तिलकुट की धुंआधार बिक्री होना तय है. सांसकृतिक कारणों के अलावा ठंड़ भी तिलकुट व्यवसाय के लिए फायदेमंद ही है.
कितनी होगी कमाईः
इस समय तिलकुट के रेट 250 से लेकर 500 रूपये किलो तक है. औसत मुनाफे की बात करें तो 40 से 55 हजार रूपये तक का मुनाफा हो सकता है. ध्यान रहे कि तिलकुट बनाने के बाद उसकी अच्छी मार्केटिंग भी जरूरी है.
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