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Eco-Friendly दीयों का बिजनेस कर कमा रहे हैं भारी मुनाफा, जानिए कैसे

जो इंसान अपने क़दमों की काबिलियत पर विश्वास करते हैं, अक्सर मंजिल उन्हें ही मिलती है. जी हां कुछ यही भोपाल (Bhopal) की साधवानी ईदगाह हिल्स में रहने वाली दिव्या (Divya) ने कर के दिखाया है. दरअसल, इन्होंने गाय के दूध, घी, गोबर और गौमूत्र से दीये का कारोबार (Diya Business) शुरू किया है. इससे पहले ये डिजिटल मार्केटिंग की एक कंपनी में काम करती थी, लेकिन कुछ अलग करने की चाह ने इनकों यहां तक पहुंचा दिया है.

रुक्मणी चौरसिया
Eco-Friendly Diya
Eco-Friendly Diya

जो इंसान अपने क़दमों की काबिलियत पर विश्वास करते हैं, अक्सर मंजिल उन्हें ही मिलती है. जी हां कुछ यही भोपाल (Bhopal) की साधवानी ईदगाह हिल्स में रहने वाली दिव्या (Divya) ने कर के दिखाया है. दरअसल, इन्होंने गाय के दूध, घी, गोबर और गौमूत्र से दीये का कारोबार (Diya Business) शुरू किया है. इससे पहले ये डिजिटल मार्केटिंग की एक कंपनी में काम करती थी, लेकिन कुछ अलग करने की चाह ने इनकों यहां तक पहुंचा दिया है.

लॉकडाउन में शुरू किया दिये का कारोबार (Diya business started in lockdown)

लॉकडाउन (Lockdown) में इन्होंने दिये के कारोबार पर विचार-विमर्श किया था और उसके बाद अपने भाई के साथ मिलकर इन्होंने दिये का कारोबार शुरू किया जो गाय के गोबर, गौमूत्र आदि से बनाया जाता है. बता दें कि आज इन्होंने छोटी से कंपनी भी शुरू कर ली है और साथ ही साथ लोगों को रोजगार देकर उनकी मदद भी कर रही हैं.

सेल्फ हेल्प ग्रुप ने किया बनाया था इको फ्रेंडली दिया (Self Help Group created eco-friendly Diyas)

इससे पहले अक्टूबर 2021 में दिवाली के आसपास मध्य प्रदेश के ही सेल्फ हेल्प ग्रुप (Selg Help Group) ने ऐसे ही इको फ्रेंडली दिये उत्पादन का निर्माण शुरू किया था. भोपाल के 10 गांवों में गाय के गोबर से 15 लाख सुगंधित ईको फ्रेंडली दीये (Eco-Friendly Diyas) बनाए गए थे और इन दीयों को अयोध्या और मथुरा भेजा जाएगा.

वहीं, भोपाल के 10 गांवों में 15 लाख इको फ्रेंडली दीये बनाने के काम में एक हजार महिलाएं तेजी से काम में लगी हुई हैं. खुशबू के लिए इसमें पाउडर भी मिलाया जाता है. बता दें कि अयोध्या के मंदिरों में 11 लाख और मथुरा को 3 लाख दिये भेजे गए थे.

कैसे बनते हैं ऑक्सीजन देने वाले दिये (How oxygen givers Diyas are made)

दिव्या बताती हैं कि, यह दीया भी इको फ्रेंडली (Eco-Friendly) है जो गाय के दूध, घी, गोबर, दही और गौमूत्र से तैयार किया जाता है और साथ ही इसमें तुलसी और नीम के पत्तों का भी उपयोग किया गया है. इस दीये को पसंद इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि जलने के बाद यह महक के साथ ऑक्सीजन निर्गमन (Oxygen Release) करता है.

ज़्यादातर इस दिये को हवन में इस्तेमाल किया जा रहा है. दिव्या के इस बिज़नेस में उनके घरवाले भी भरपूर सहयोग कर रहें है. खास बात तो यह है की इससे वो ग्रामीणों को रोजगार (Employment) भी दे रही हैं और साथ ही गायों को कतलखाने में जाने से रोक रही हैं यानि गौरक्षा कर रही हैं. 

शुरू किया ऑनलाइन बिज़नेस (Started Online Business)

इन्होंने इस कारोबार की शुरुआत 2021 में शुरू की थी और जुलाई के बाद से बीते अक्टूबर में इन्होंने 90 हज़ार रुपयों का मुनाफा कमाया. बता दें कि यह बिज़नेस उन्होंने ऑनलाइन (Online Business) भी शुरू किया हुआ है ताकि लोग ऑनलाइन प्लेटफार्म पर जाकर उन्हें आर्डर कर अपने घर मंगवा सकें.

कारोबार को मिल रही ऊंचाई (Businesses getting height)

दिव्या आगे बताती हैं की, यह बिज़नेस भोपाल के साथ-साथ अहमदाबाद (Ahmedabad) में भी शुरू किया जा चुका है और वहां पर अभी 15 लोग इस कारोबार को संभाल रही हैं. आगे वो इसको और भी बढ़ाना चाहती हैं और ऐसे ही अपने साथ लोगों को भी तरक्की की राह पर ले जाना चाहती हैं.

English Summary: Earning huge profits by doing business of Eco Friendly Diyas, know how Published on: 18 November 2021, 11:33 AM IST

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