देश में तेंदूपत्ता की खेती में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश अव्वल माने जाते हैं. दोनों राज्य में तेंदूपत्ता को हरा सोना भी कहा जाता है. इस पत्ते का सबसे ज्यादा उपयोग बीड़ी बनाने में होता है. इसलिए तेंदूपत्ता की सबसे बड़ी खरीददार बीड़ी का निर्माण करने वाली कंपनियां होती हैं, हालांकि तेंदूपत्ता से अन्य कई चीजें भी बनती हैं जैसे कि दोना, पत्तल आदि. ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता का बिजनेस आय का अतिरिक्त स्रोत बन सकता है. आइये जानते हैं तेंदूपत्ता का बिजनेस शुरू करने का तरीका...
जरूरी लाइसेंस- तेंदूपत्ता बेचने के बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए गुमास्ता लाइसेंस बनाना होगा, इसके लिए नगर निगम में अप्लाई कर सकते हैं. साथ ही बिजनेस का जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा, बिजनेस के नाम से पैन कार्ड और करंट अकाउंट या फिर बिजनेस अकाउंट भी बनवाना होगा इसके अलावा लोकल एरिया में बिजनेस को स्टार्ट के लिए भी लाइलेंस बनवाएं.
इन्वेस्टमेंट- तेंदूपत्ता खरीदने से लेकर कंपनी को बेचने तक इंवेस्टमेंट की जरूरत होती है. इन्वेस्टमेंट कितना होगा यह इस पर डिपेंड करता है कि किस इलाके में रहते हैं और वहां तेंदूपत्ता की खरीदी कौन से भाव पर की जाती है. शुरुआती इन्वेस्टमेंट के तौर पर कम से कम एक से 2 लाख का टारगेट रखना चाहिए.
तेंदूपत्ता इकट्ठा करें- बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे पहले तेंदूपत्ता की खेती करें लेकिन अगर आप खेती नहीं करना चाहते तो ऐसे किसानों से संपर्क करें जो तेंदूपत्ता की खेती करते हों फिर उनसे तेंदूपत्ता खरीदें, उसके बाद तेंदूपत्ता को सही तरह से सुखा लें और उसकी गड्डी बनाकर स्टोर करें. इसके बाद तेंदूपत्ता को बीड़ी का निर्माण करने वाली कंपनी को बेच सकते हैं.
जगह का प्रबंध करें- अगर तेंदूपत्ता हाथों-हाथ नहीं बिकता है तो जाहिर है कि स्टोर करके रखने के लिए जगह की जरूरत होगी. अगर छोटे लेवल पर बिजनेस कर रहे हैं तो कम से कम 8 से 10 बड़े कमरे जितनी जगह की जरूरत होगी और बड़े लेवल पर कर रहे हैं तो एक बड़े से गोडाउन की जरूरत होगी, जहां पर बारिश का पानी ना आता हो. ताकि तेंदूपत्ता लंबे समय तक सुरक्षित रहे और सीलन ना लगे.
लोकेशन का चयन- बिजनेस को सफल बनाने के लिए लोकेशन का भी ध्यान रखना होगा, जगह मुख्य रोड पर होना चाहिए, अगर मुख्य रोड न मिले तो रोड से थोड़ी ही दूर पर ऑफिस या फिर गोडाउन खोलें ताकि आसानी से वहां पर माल को लाने और ले जाने के लिए गाड़ियों का आवागमन बना रहे. पक्के रोड, बिजली-पानी भी व्यवस्था का भी ध्यान रखें.
स्टाफ की व्यवस्था- तेंदूपत्ता के बिजनेस में माल को खरीदने के बाद माल को बोरे में भरने के लिए स्टाफ की जरूरत होगी. इसके लिए कम से कम 4 स्टाफ साथ रखने होंगे, माल गाड़ियों में लोड करके कंपनी तक पहुंचाने के लिए भी स्टाफ की जरूरत पड़ेगी. इस तरह शुरुआत में 3-4 कर्मचारियों की जरूरत होगी. हालांकि अपने हिसाब से कर्मचारियों की संख्या को कम या ज्यादा कर सकते हैं.
जरूरी मशीनरी और उपकरण- सीलन से बचने के लिए तेंदूपत्ता के बोरे रखने के लिए प्लास्टिक के त्रिपाल की जरूरत होगी साथ ही बिक्री और खरीददारी का हिसाब किताब रखने के लिए एक कंप्यूटर की जरूरत होगी, इसके अलावा एक टेबल, 4 कुर्सी और स्टेशनरी के सामान की भी जरूरत होगी.
बिजनेस की मार्केटिंग- सोशल मीडिया के जरिए तेंदूपत्ता की मार्केटिंग कर सकते हैं इसके अलावा पोस्टर और बैनर बनवा सकते हैं साथ ही अखबारों में एडवर्टाइजमेंट भी दे सकते हैं. इसके अलावा बिजनेस का पेंपलेट प्रिंट कराकर लोगों के घरों तक पहुंचा सकते हैं.
तेंदूपत्ता के बिजनेस से कमाई- जानकारी के मुताबिक एक बोरा तेंदूपत्ता करीब 4 हजार में बिकता है. क्षेत्र के हिसाब से बोरे की कीमत अधिक भी रख सकते हैं.
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बिजनेस में जोखिम- बिजनेस में होने वाले जोखिम से बचने के लिए कंपनी की डिमांड पर ही तेंदूपत्ता खरीदना है और कंपनी को सप्लाई करना है ताकि नुकसान से बच सकें, साथ ही तेंदूपत्ता को बारिश से बचाना है क्योंकि बारिश होने की वजह से तेंदूपत्ता में पानी चला जाता है तो सीलन लग जाती है जिससे वह खराब हो जाते हैं.
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