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National Milk Day 2019: जानिए 26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय दुग्ध दिवस

देश में 26 नवंबर, 2019 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है. दूध हमारे शरीर के लिए बहेद महत्वपूर्ण है. दूध में कई पोषक तत्व होने के साथ ही विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन बी12, आयरन, कैल्शियम, मैगनिशियम, जिंक, फॉसफोरस, ऑयोडीन, पोटेशियम, फोलेट्स, प्रोटीन आदि तत्व पाए जाते हैं. साथ ही दूध हमारे शरीर के तमाम रोगों को भी नष्ट करता है. य

KJ Staff

देश में 26 नवंबर, 2019 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है. दूध हमारे शरीर के लिए बहेद महत्वपूर्ण है. दूध में कई पोषक तत्व होने के साथ ही विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन बी12, आयरन, कैल्शियम, मैगनिशियम, जिंक, फॉसफोरस, ऑयोडीन, पोटेशियम, फोलेट्स, प्रोटीन आदि तत्व पाए जाते हैं. साथ ही दूध हमारे शरीर के तमाम रोगों को भी नष्ट करता है. ये हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में भी मदद करता है. आज देशभर में बड़े स्तर पर दूध का व्यापार किया जाता है. भारत ने इसमें अपना एक अलग ही मुकाम हासिल किया है. वैसे तो ज्यादातर लोग इसके महत्व के बारे में जानकारी रखते होंगे, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनको नहीं पता है राष्ट्रीय दुग्ध दिवस क्यों मनाया जाता है. तो आइए आपको बताते है-

एक दौर था, जब भारत दूध की कमी से जूझता था, लेकिन वर्गीज कुरियन ने इस कमी को हमेशा-हमेशा के लिए दूर कर दिया. इनका जन्म 21 नवंबर, 1921 को केरल के कोझिकोड में एक सीरियाई ईसाई परिवार में हुआ था. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की. इसके बाद उन्हें डेयरी में पढ़ाई के लिए भारत सरकार ने स्कॉलरशिप दी. यहीं से उन्होंने डेयरी की दुनिया में कदम रखा. साल 1949 की बात है, जब सरकार ने उन्हें आनंद में एक डेयरी में काम करने के लिए भेजा, लेकिन मन न लगने की वजह से वो अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने वाले थे, तभी त्रिभुवनदास पटेल ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद त्रिभुवनदास पटेल और कुरियम ने साथ मिलकर कैरा डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन के तहत मिल्क कॉपरेटिव मूवमेंट की शुरुआत की. जिसे आज अमूल के नाम से जाना जाता है.

इतना ही नहीं उनके 'आनंद पैटर्न' वर्गीज कुरियन ने साल 1970 में 'ऑपरेशन फ्लड’ का आगाज किया. इस ऑपरेशन ने बिचौलियों को हटा दिया औऱ दूध उत्पादकों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ दिया. धीरे-धीरे इस ऑपरेशन में लगभग 700 शहर जुड़े. इसने भारत के दूध उद्योग को हमेशा के लिए बदल दिया और श्वेत क्रांति को जन्म दिया. से प्रभावित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इसे पूरे देश में लागू करने के लिए कहा और इसके लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का गठन भी किया. आखिरकार, अमूल भारत की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी बनकर उभरी. आज दुनिया वर्गीज कुरियन को 'मिल्कमैन'  के नाम से याद करती है. भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया था. इसके अलावा उन्हें फ्रांस के कृषि मंत्रालय ने ऑर्डर ऑफ एग्रीकल्चर मेरिट से भी नवाजा. उन्हें रेमन मैग्सेसे अवार्ड भी मिला. साथ ही निर्देशक श्याम बेनेगल ने ऑपरेशन फ्लड पर 'मंथन' नाम की फिल्म भी बनाई. उनके सम्मान में भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है.

अगर मौजूदा वक्त में दुग्ध उत्पादन की बात करें तो भारत दूध के उत्पादन में नंबर एक है. लेकिन पिछले कई सालों से किसान दूध के रेट को लेकर परेशान हैं. कई किसान सरकारी परियोजनाओं का लाभ भी नहीं उठा पाते है. भारत समेत अमेरिका और न्यूजीलैंड तक में छोटे डेयरी फार्म बंद हो रहे हैं और बड़े - बड़े फार्म खुल रहे है. जिससे किसानों को घाटा होता है. अगर पिछले चार सालों की बात करें, तो भारत के दूध उत्पादन में 6.4 प्रतिशत वार्षिक की दर से वृद्धि हुई है. तो वहीं साल 2018 के आकंड़ो को देखा जाए, देश में 176.3 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ, फिर भी एक बात साफ है कि भले ही देश में डेयरी उद्योग तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन उसकी तुलना में किसानों की आमदनी बढ़ने की बजाए लगातार घट रही है.

English Summary: why we celebrate world milk day Published on: 25 November 2019, 06:34 PM IST

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