कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिन्हें उगाना बेहद आसान होता है. इन पौधों को लगाने के लिए जड़ या पौध की जरूरत नहीं होती है, सिर्फ पत्तियों से ही काम चल जाता है.
आजकल लोगों में पर्यावरण को लेकर चेतना आ रही है और वह अपने घर के सीमित स्थानों का प्रयोग भी पौधे लगाने में कर रहे हैं. ऐसे में यदि आसानी से लगने वाले पौधे मिल जाए तो सोने पर सुहागा हो जाता है.
आज हम आपको उन पौधों के बारे में बताएंगे,जिनकी पत्तियां ही पौधा उगाने के लिए काफी होती हैं. इन्हें लगाना आसान होता है, बस थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत होती है. कुछ ही दिनों में यह पौध लहलहाने लगती हैं. तो आइए आज जानते हैं ऐसे पांच पौधों के बारे में जिनकी पत्तियां ही पौधे का रूप ले लेती हैं. ये पत्तियां यदि गमले में लगा दी जाएं तो स्वयं ही अपनी जड़े बना लेती हैं –
रबड़ प्लांट (Rubber Plant)
रबड़ प्लांट को भारतीय घरों में बहुत पसंद किया जाता है. यह पौधा सजावटी तो है ही, हवा को भी शुद्ध करता है. इसकी पत्तियां लगाई जा सकती हैं. इसके लिए अपेक्षाकृत मध्यम आकार का गमला लीजिए और गमले में मिट्टी भर के रबड़ प्लांट की पत्ती को उसमें रोप दीजिए. इसमें यह सावधानी रखनी है कि पानी स्प्रे करके दिया जाए . इस पौधे को ऐसी जगह रखें, जहां रोशनी तो पर्याप्त हो, लेकिन सीधी धूप ना पड़े. रबड़ प्लांट को विकसित होने में 15 से 20 दिन का समय लग जाता है.
एलोवेरा (Aloevera)
दोस्तों! एक समय था जब एलोवेरा के बारे में किसी को कोई खास जानकारी नहीं थी. पर आज यह बहुत पॉपुलर है. इसकी औषधीय विशेषताओं के कारण इसे घर-घर में लगाया जाने लगा है. इसे घृतकुमारी, ग्वारपाठा और घीग्वार के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पत्ती की कटिंग आसानी से लग जाती है. जब हम एलोवेरा का पौधा उगाने के लिए किसी पत्ती की कटिंग लें, तो पहले इसे थोड़ा सूखा कर लें, ताकि जो जेल बाहर आ रहा है, वह पूरी तरह से सूख जाए. उसके बाद इस पत्ती को बड़ी सावधानी से गमले में रोप दें. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पानी देते समय सिर्फ छिड़काव करें, प्रेशर से पानी ना डालें, ताकि पत्ती मिट्टी में अपनी पकड़ मजबूत कर सके. अब आप धीरे-धीरे इसे ऑब्जर्व कर सकते हैं जब पत्ती धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगे, तो आप समझ सकते हैं कि ग्वारपाठे का पौधा अपनी जड़ बनाने लगा है. 15 से 20 दिनों में यह पौधा आकार लेने लगता है.
स्नेक प्लांट (Snake Plant)
दोस्तों स्नेक प्लांट हवा को शुद्ध करने वाले पौधे के रूप में विख्यात है. यह मिट्टी में भी लग जाता है और पानी में भी. सबसे पहले एक पत्ता लेकर हमें उसे अच्छी तरह साफ करके सीधा काट लेना चाहिए, फिर इसे किसी छोटे या मध्यम आकार के गमले में लगाएं. ध्यान रखें कि गमले के तले में छेद जरूर हो. उस छेद को किसी पत्थर से ढंक दें. उसके बाद उसमें मिट्टी भरें और पौधे की कटिंग को लगा दें. ध्यान रहे इसमें भी पानी स्प्रे करके ही देना है. यह एक इंडोर प्लांट है, इसलिए इसे छाया में रखना ही बेहतर होगा. इसकी पत्तियों को विकसित होने में थोड़ा समय लगता है. यह समय एक महीना या उससे ज्यादा भी हो सकता है.
जेड प्लांट (Jed Plant)
जेड प्लांट की पत्तियां लगाना बहुत ही आसान है. यह एक सजावटी पौधा भी है और शुद्ध ऑक्सीजन भी प्रदान करता है. सबसे पहले जेड प्लांट की कुछ पत्तियां लें और इन्हें एक-दो दिन छांव में ही सूखा लें. इसे उगाने के छेद वाला गमला या कंटेनर लिया जा सकता है. गमले में मिट्टी भरने से पहले छेद पर कोई पत्थर या कोई अन्य वस्तु रखी जा सकती है. उसके बाद गमले में मिट्टी भर दें और इसे ऐसी जगह रखें जहां सीधी धूप न आती हो, लेकिन रोशनी जरूर हो. पानी देते समय यह ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा पानी ना डालें, क्योंकि यह बहुत नाजुक होता है और ज्यादा पानी से इसकी पत्तियां गल सकती हैं. इस पौधे की पत्तियों को विकसित होने में 15 दिन से 1 महीने तक का समय लग सकता है.
पत्थरचट्टा (Patharchatta)
पत्थरचट्टा एक औषधीय पौधा है, जिसकी आज बहुत ज्यादा डिमांड है. देखने में तो यह अच्छा लगता ही है, स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है. इसे लगाना बेहद आसान है. इसकी पत्तियों के किनारे छोटी-छोटी बड्स होती हैं. यदि आप इन्हें गमले में डाल देंगे, तो भी आसानी से यह पौधा लग जाता है. आप इस पौधे को पत्ते की कटिंग को गमले में रोककर भी लगा सकते हैं. यहां भी हमें यही ध्यान रखना है कि पानी आवश्यकतानुसार ही दें. 15 से 20 दिन में पौधा पनप जाएगा.
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