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पढ़िए हवा में झूलने वाले खंभे का रहस्य...

भारत मंदिरों का देश है यहां विभिन्न प्रांतो में हमें मंदिर देखने को मिलते हैं। मंदिरों को देवआलय कहा जाता है यानि कि देवताओं का घर। माना जाता है कि लोग मंदिर में अपनी मनोकामना पूर्ण करने आते हैं।

भारत मंदिरों का देश है यहां विभिन्न प्रांतो में हमें मंदिर देखने को मिलते हैं। मंदिरों को देवआलय कहा जाता है यानि कि देवताओं का घर। माना जाता है कि लोग मंदिर में अपनी मनोकामना पूर्ण करने आते हैं। भारत जैसे विशाल देश में रोज मंदिर बनते हैं, पर कुछ बहुत पुराने मंदिर हमेशा अनोखे होते हैं। इनके चम्तकार इतने प्रभावित करते हैं कि वैज्ञानिक भी असंजस में पढ़ जाते हैं। आज हम एक ऐसे ही प्राचीन हिन्दू मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके खंभे हवा में झूलते हैं। 

भारत में एक ऐसा रहस्‍यमयी मंदिर है जिसका खंभा जमीन पर टिका हुआ नहीं है बल्कि हवा में लटका हुआ है। इस अनोखे मंदिर की इस खासियत अक्‍सर इंजीनियरों को चुनौती देती रहती है लेकिन वे अभी तक इसका राज पता लगाने में नाकाम रहे हैं। वीरभद्र नाम का यह मंदिर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित है। यह 16 वीं सदी में बना था।

इस मंदिर प्रागंण से 200 मीटर की दूरी पर नंदी की विशाल प्रतिमा बनी है जिसे ब्‍लॉक पत्‍थरों से बनाया गया है। कहा जाता है कि यह प्रतिमा भी अपने आप में सबसे बड़ी है।

इस मंदिर को लेपाक्‍क्षी मंदिर भी कहा जाता है। यह विशाल 70 खंभों और नक्‍काशी के कारण ख्‍यात है। यह मंदिर आश्‍चर्यों से भरा है। यहां का सबसे बड़ा आश्‍चर्य यही है कि एक खंभा ऐसा है जो जमीन को छूता नहीं हैं बल्कि हवा में लटका हुआ है। यह अंतराल भी अच्‍छा खासा है कि आप इसके नीचे से भी गुजर सकते हैं। पत्‍थर के पूरे 70 खंभों में यही एकमात्र खंभा ऐसा है जो हवा में लटका हुआ है। ब्रिटिश काल में भी एक ब्रिटिश इंजीनियर ने इसे हटाने का असफल प्रयास किया था लेकिन वह भी इसका राज पता नहीं कर सका।

English Summary: Read the secret of the pillar that swings in the air ... Published on: 17 November 2017, 03:11 AM IST

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